राष्ट्रीय सम्मेलन में नौणी के शोधार्थी अंशुमन सेमवाल ने जीता सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार
राष्ट्रीय सम्मेलन में नौणी के शोधार्थी अंशुमन सेमवाल ने जीता सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार
अंशुमन की इस उपलब्धि पर विवि के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने उन्हें शुभकामनाएं दीं
सोलन : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कीट विज्ञान विभाग के शोधकर्ता अंशुमन सेमवाल ने सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति का पुरस्कार जीता। यह प्रतिष्ठित सम्मेलन हाल ही में बदलते कृषि परिदृश्य में टिकाऊ पादप संरक्षण में प्रगति’ विषय पर केंद्रित था, जिसका आयोजन एंटोमोलॉजिकल रिसर्च एसोसिएशन द्वारा किया गया। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी मुख्य अतिथि रहे और वह वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो के निदेशक डॉ. एस. एन. सुशील, वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय के निदेशक डॉ. जे. पी. सिंह, और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक डॉ. एस. के. शर्मा सहित देश भर के कृषि वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और शिक्षाविदों ने भी सम्मेलन में भाग लिया और जहाँ कृषि के बदलते स्वरूप और पौधों की सुरक्षा के स्थायी समाधानों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
अंशुमन सेमवाल ने अपने शोध पत्र में गोभी की फसल को भारी नुकसान पहुँचाने वाली सफेद तितली (कैबेज व्हाइट बटरफ्लाई) के जैविक नियंत्रण पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने अपने शोध के माध्यम से बताया कि कैसे बिना हानिकारक कीटनाशकों का उपयोग किए, प्राकृतिक शत्रुओं (बायो-कंट्रोल एजेंट्स) की मदद से इस कीट पर प्रभावी ढंग से काबू पाया जा सकता है।
अंशुमन ने यह शोध कार्य औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय थुनाग के डीन डॉ. पी. एल. शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष वर्मा तथा डॉ. विश्व गौरव सिंह चंदेल के मार्गदर्शन में पूरा किया है। सम्मेलन में उपस्थित वरिष्ठ वैज्ञानिकों और विषय विशेषज्ञों ने अंशुमन के शोध कार्य और उनकी प्रस्तुति की प्रशंसा की। यह सम्मेलन युवा शोधार्थियों के लिए अपने काम को प्रदर्शित करने और वरिष्ठ वैज्ञानिकों से सीखने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।
अंशुमन की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने उन्हें और उनके शोध में मार्गदर्शन करने वाले वैज्ञानिकों को बधाई एवं भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।