
सोलन: उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश के साथ सोलन ज़िला में भी चिट्टे के खिलाफ अभियान को जन आंदोलन बनाया जाएगा। मनमोहन शर्मा आज यहां चिट्टे के विरूद्ध 15 नवंबर, 2025 से कार्यान्वित किए जाने वाले अभियान के संदर्भ में तैयारियों के विषय में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि इस आंदोलन में ज़िला के प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में ज़िला के समस्त सरकारी विभाग, गैर सरकारी संस्थाएं, पंचायती राज संस्थाएं, समस्त शैक्षणिक संस्थान, स्वयं सहायता समूह, युवा वर्ग और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के अतिरिक्त पेंशनर्स संघ के सदस्यों को भी जोड़ा जाएगा।
उपायुक्त ने सम्बन्धित विभागों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए तत्परता के साथ सभी तैयारियां समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिट्टे के खिलाफ 15 नवम्बर, 2025 से आरम्भ होने वाला यह अभियान आगामी तीन माह तक चलेगा। यह चिट्टा के खिलाफ प्रदेश सरकार की निर्णायक लड़ाई होगी। चिट्टा के कारोबार से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा ताकि ज़िला से चिट्टे का समूल नाश सुनिश्चित किया जा सका।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि एंटी चिट्टा अभियान में ज़िला स्तर के अतिरिक्त उपमण्डल और ग्राम पंचायत स्तर पर भी चिट्टा के खिलाफ विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन आयोजनों में विधायक और समाज के गणमान्य व्यक्ति सम्मिलित होंगे।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त सोलन राहुल जैन, उपमण्डलाधिकारी सोलन डॉ. पूनम बंसल, ज़िला पंचायत अधिकारी जोगिन्द्र राणा, ज़िला कल्याण अधिकारी गावा सिंह नेगी, ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित रंजन तलवार, खण्ड विकास अधिकारी सोलन रमेश शर्मा, खण्ड विकास अधिकारी धर्मपुर प्रवीण भारद्वाज उपस्थित थे।
बैठक में ज़िला के अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (एचपीआरसीए) हमीरपुर ने जेई (सिविल) पोस्ट कोड-970 की परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है।
आयोग के सचिव डॉ. विक्रम महाजन ने बताया कि इस पोस्ट कोड के तहत 10 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। सामान्य वर्ग-अनारक्षित का एक पद जांच प्रक्रिया एवं कोर्ट केस के कारण खाली रखा गया है। डॉ. विक्रम महाजन ने बताया कि परीक्षा परिणाम आयोग की वेबसाइट एचपीआरसीए.एचपी.जीओवी.इन पर उपलब्ध करवा दिया गया है।
भोरंज: लोक निर्माण विभाग के समीरपुर उपमंडल के अंतर्गत कांगू दा गलू-कलाहू सड़क के मरम्मत कार्य के चलते इस सड़क पर यातायात 15 नवंबर तक बंद किया गया है।
इस संबंध में आदेश जारी करते हुए एसडीएम शशिपाल शर्मा ने बताया कि कांगू दा गलू-कलाहू सड़क के मरम्मत कार्य को सुचारू रूप से जारी रखने तथा इसे अतिशीघ्र पूरा करने के लिए इस सड़क पर वाहनों की आवाजाही 15 नवंबर तक बंद की गई है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान क्षेत्र के वाहन चालक भरेड़ी से चंबोह, अवाह देवी-कमलू बडू सड़क या कलाहू मोड़ से चंबोह, अवाहदेवी-कमलू बडू सड़क या कलाहू मोड़ से हनोह, भरेड़ी, कमलू बडू सड़क से आवाजाही कर सकते हैं। उन्होंने सभी वाहन चालकों से सहयोग की अपील की है।

रिकांगपिओ : राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी 12 से 17 नवम्बर, 2025 तक किन्नौर जिला के प्रवास पर रहेंगे। राजस्व मंत्री 12 नवंबर को बस अड्डा निचार तथा बहुउद्देशीय भवन निचार का उदघाटन करेंगे व जन समस्याएं सुनेंगे।
जगत सिंह नेगी 13 नवंबर को पंचायत भवन व कुलदेव नारायण सामुदायिक भवन यांगपा-2 का शिलान्यास करेंगे तथा जन समस्याएं सुनेंगे। इसके उपरांत वह हेल्थ वेलनेस सेंटर काफनू, राजकीय प्राथमिक पाठशाला काफनू व सामुदायिक शौचालय ब्लॉक काफनू का लोकार्पण करेंगे और पंचायत भवन काफनू व बास्केटबॉल कोर्ट काफनू का शिलान्यास करेंगे।
राजस्व मंत्री दोपहर बाद काफनू यांगपा सड़क पर बने बैली ब्रिज, रालो सड़क में भावा खड्ड पर बने बैली ब्रिज, मुख्य प्रवेश द्वार यांगपा-1, सामुदायिक भवन के ऊपर बने बैठक स्थल, नाग मंदिर का उदघाटन व स्नानगृह नाग मंदिर यांगपा-1 का शिलान्यास करेंगे और जन समस्याएं सुनेंगे।
कैबिनेट मंत्री 14 नवंबर को रिकांग पिओ स्थित आई.टी.डी.पी भवन के सम्मेलन कक्ष में जिला स्तरीय मधुमक्खी पालन संगोष्ठी के शुभारंभ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे और इसके उपरांत जिला स्तरीय बाल दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।
जनजातीय विकास मंत्री 15 नवम्बर को एस.डी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रिकांग पिओ के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। इसके उपरांत वे ग्राम पंचायत रिब्बा स्थित राजीव सेवा केंद्र में लाइब्रेरी, बुजुर्ग कक्ष व संगीत रिकॉर्डिंग कक्ष व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रिब्बा में शव प्रशिक्षण कक्ष का लोकार्पण करेंगे और मल निकासी योजना रिब्बा, रिब्बा स्टेडियम, पार्किंग व्यवस्था सहित बस अड्डा रिब्बा, होल्डंग से मोल्लम छोसतेन तक वाहन योग्य सड़क, परांका से कुरुपो सड़क, परांका से दोरंगदेन तक सड़क का शिलान्यास करेंगे।
बागवानी मंत्री 16 नवंबर को बास्केटबॉल कोर्ट शोंग व आंगनवाड़ी केंद्र शोंग का लोकार्पण करेंगे व जन समस्याएं सुनेंगे। राजस्व मंत्री 17 नवंबर को स्वागत द्वार भावानगर का उदघाटन करेंगे और शिमला के लिए वापसी यात्रा करेंगे।
बिलासपुर: नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी 12 नवम्बर को दोपहर 2ः30 बजे बी.डी.ओ कार्यालय घुमारवीं में उप मंडल स्तरीय जन शिकायत निवारण समिति बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
इस बारे जानकारी देते हुए विभागीय प्रवक्ता ने बताया कि राजेश धर्माणी 13 नवम्बर को प्रातः 11 बजे डीएवी स्कूल घुमारवीं के वार्षिक दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि 16 नवम्बर को प्रातः 11 बजे ग्राम पंचायत छत में 71वें अखिल भारतीय सहकार सप्ताह कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शामिल होंगे।

वन भूमि पर आपदा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए केंद्र की स्वीकृति मांग रहा राज्य
मण्डी: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज मंडी के पड्डल मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्राकृतिक आपदाओं में अपनी सम्पत्तियां गंवाने वाले लोगों के लिए वित्तीय सहायता राशि 70,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद, राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर हिमाचल केवल एक राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि प्रदेश सरकार का जुनून और लोगों के प्रति एक प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि राज्य ने 6,000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है और सरकार विधवाओं के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इस वर्ष आपदा के कारण हुई व्यापक क्षति को देखते हुए सरकार अपने सीमित संसाधनों से आपदा प्रभावितों को सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक घर बनाने में एक परिवार की पूरी जिंदगी लग जाती है, इसलिए इन स्थितियों में 1.30 लाख रुपये की मुआवज़ा राशि कैसे काफी हो सकती है। केंद्र सरकार घर के पुनर्निर्माण के लिए केवल इतनी ही सहायता राशि देती है, लेकिन एक साधारण पृष्टभूमि से संबंध रखने के कारण मैं आम लोगों के दुख-दर्द से भली-भांति परिचित हूं। इसीलिए हमने पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवज़ा राशि को 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया है और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जा रही है।
भाजपा पर राहत कार्यों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर होता अगर मण्डी जिले के सभी भाजपा विधायक इस कार्यक्रम में शामिल होते जबकि उन्हें आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता आम लोगों की पीड़ा के प्रति असंवेदनशील हैं और उनका एकमात्र उद्देश्य राजनीति करना और झूठ फैलाना है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के दो महीने बाद भी हिमाचल प्रदेश को कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। वह स्वयं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में दिल्ली जाने के लिए तैयार है। मुझमें अहंकार का कोई भाव नहीं है और मेरा एकमात्र लक्ष्य आपदा पीड़ितों की मदद करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्र से बार-बार वन भूमि पर आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध कर रहे हैं।
श्री सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने 28,311 आपदा प्रभावितों को सहायता प्रदान की। उस समय उन्हें मुख्यमंत्री पद पर कार्यभार ग्रहण किए हुए कम ही समय हुआ था लेकिन हमने मिलकर आपदा का डटकर सामना किया। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने स्वयं रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर चंद्रताल झील में फंसे 300 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला। यह कांग्रेस सरकार की संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने की दिशा में कार्य कर रही है। गाय के दूध के खरीद मूल्य को 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध के खरीद मूल्य को 61 रुपये प्रति लीटर किया गया है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं, मक्का, जौ और कच्ची हल्दी की खरीद भी सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पारदर्शी तरीके से शराब के ठेकों की नीलामी करके एक साल में 450 करोड़ रुपये कमाए, जबकि पिछली भाजपा सरकार ने जनता के धन का दुरुपयोग किया। भाजपा सरकार ने ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य भर में 1,000 करोड़ रुपये की इमारतें बनवाईं। पूर्व सरकार ने बद्दी-नालागढ़ में बड़े उद्योगपतियों को एक विशेष पैकेज के तहत 5,000 बीघा भूमि केवल 14 लाख रुपये में आवंटित की। इसके बावजूद वहां एक भी उद्योग स्थापित नहीं किया जा सका, जबकि उस ज़मीन का वास्तविक बाजार मूल्य 5,000 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया। राज्य सरकार के कर्मचारी हितैषी निर्णय के बावजूद केंद्र सरकार ने राज्य पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। उन्होंने कहा, कि ‘मैं एक सरकारी कर्मचारी का बेटा हूं और मैंने यह प्रण लिया है कि जब तक मैं मुख्यमंत्री रहूंगा, हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में हिमाचल प्रदेश गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मामले में 21वें स्थान पर था, लेकिन राज्य सरकार के सुधारों की बदौलत हम पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। सरकारी क्षेत्र में 100 सीबीएसई आधारित स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोग पड़ोसी राज्यों में इलाज के लिए सालाना 1,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहे थे, लेकिन अब इस स्थिति में बदलाव आ रहा है। टांडा और चमियाना में रोबोटिक सर्जरी शुरू हो गई है और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की स्थापना के साथ-साथ चरणबद्ध तरीके से इस सुविधा को सभी मेडिकल कॉलेजों में शुरू किया जाएगा।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस अवसर पर कहा कि इस वर्ष न केवल हिमाचल प्रदेश, बल्कि उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पंजाब भी प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। केंद्र सरकार ने भाजपा शासित राज्यों को अधिक सहायता प्रदान करके हिमाचल के साथ भेदभाव किया है। उन्होंने कहा कि राज्य ने केंद्र से हिमाचल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राहत मापदंडों में संशोधन करने का आग्रह किया था, लेकिन इस अनुरोध को भी कंेद्र सरकार ने नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
बागवानी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लोगों के दर्द को समझा और देश के सबसे बड़े मुआवज़े के पैकेज की घोषणा की। सभी प्रभावित परिवारों को समान सहायता सुनिश्चित करने के लिए यह विशेष राहत पैकेज पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है और इसका क्रियान्वयन शुरू हो चुका है।
उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान सड़कें अवरुद्ध होने के बावजूद, एचपीएमसी ने बागवानों से रिकॉर्ड एक लाख टन सेब की खरीद सुनिश्चित की। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से आपदा के दौरान प्राप्त धनराशि को सार्वजनिक करने की मांग की और भाजपा नेताओं पर संकट के समय में भी जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए गए सुधारों के फलस्वरूप शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा में सुधार हो रहा है और उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से अधिकतम कल्याण सुनिश्चित किया जा रहा है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि मंडी जिले के सराज और धर्मपुर विधानसभा क्षेत्रों में इस साल आपदा के कारण भारी नुकसान हुआ, जबकि बिलासपुर जिले में लगभग 500 परिवार प्रभावित हुए, जिन्हें अब वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा किप्रधानमंत्री, जो हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं उन्होंने आपदा पीड़ितों को कोई राहत नहीं दी है। उनकी घोषणा के बावजूद 1,500 करोड़ रुपये की सहायता राशि महीनों बाद भी दिल्ली से शिमला नहीं पहुंची है। भाजपा हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बार-बार आर्थिक मदद लेने के लिए दिल्ली बुलाया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हिमाचल प्रदेश में भाजपा के सात सांसद हैं, फिर भी उनमें से किसी ने भी आपदा पीड़ितों के लिए केंद्र से मद्द मांगने का साहस नहीं किया।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री के समर्पण भाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने वर्ष 2023 में आई आपदा के प्रभावितों की मदद के लिए व्यक्तिगत रूप से ज़मीनी स्तर पर कार्य किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के व्यवस्था परिवर्तन की मुहिम के फलस्वरूप हिमाचल शीघ्र ही आत्मनिर्भर राज्य बनकर उभरेगा।
विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पिछले तीन वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी विभागों ने त्वरित राहत और पुनर्वास कार्य सुनिश्चित कर प्रभावितों की मद्द की।
पर्यावरण संरक्षण की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि अब ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं में हो रही वृद्धि इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राहत राशि को 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करके संवेदनशीलता का परिचय दिया है। केंद्र ने 1,500 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है, लेकिन 45 दिन बीत जाने के बाद भी हिमाचल प्रदेश तक एक भी रुपये की राशि नहीं पहुंची है। इन चुनौतियों के बावजूद, राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाना जारी रखे हुए है।
पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर और विधायक अनिल शर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।