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स्वास्थ्य मंत्री ने सोलन शहर में पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

राष्ट्रीय राजमार्ग से बड़े पत्थर व मलबा तुरंत हटाएं एन.एच.ए.आई. – डॉ. शांडिल

सोलन: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश के लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सुधार कर रही है। सरकार की इन पहलों का लाभ आम जनता तक पहुंचाने में विभिन्न विभागों में कार्यरत प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉ. शांडिल आज यहां प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों के साथ सोलन विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

डॉ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा, सड़क, समुचित पेयजल व्यवस्था और स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता प्रदान कर रही है और जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए इन क्षेत्रों में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। बैठक में सोलन शहर में समुचित पेयजल व्यवस्था उपलब्ध करवाने बारे में विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि सोलन शहर में पानी के अवैध कनेक्शन हटाए जाएंगे तथा दोनों एजेंसियों जल शक्ति विभाग तथा नगर निगम से लिए गए कनेक्शन भी हटाए जाएंगे। भविष्य में पेयजल आपूर्ति केवल एक ही एजेंसी से सुनिश्चित की जाएगी।

उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने इस अवसर पर आश्वस्त किया कि सभी विभागों के अधिकारी बैठक में प्राप्त दिशा-निर्देशों का पूरी संवेदनशीलता के साथ अनुपालन कर आमजन की समस्याओं का समाधान करना सुनिश्चित करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने इससे पूर्व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सड़क के किनारे बड़े-बड़े पत्थर और मलबा व इत्यादि तुरंत हटाएं ताकि बरसात के दृष्टिगत जलभराव से सड़क अवरुद्ध न हो। उन्होंने दोलग और वाकना संपर्क मार्ग की समस्या को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग को आपसी समन्वय से सुलझाने के निर्देश भी दिए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि कंडाघाट में भलकु द्वार का डिजाइन लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार किया जाएगा तथा सुरक्षा की दृष्टि से फुट ब्रिज टनल के ऊपर बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त कंडाघाट बाजार में शौचालय के लिए भूमि चयनित की जाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को सड़क के किनारे ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर नगर निगम सोलन की आयुक्त एकता कापटा, सहायक आयुक्त विवेक शर्मा, उपमण्डलाधिकारी (ना.) सोलन डॉ. पूनम बंसल, उपमण्डलाधिकारी (ना.) कंडाघाट सिद्धार्थ आचार्य, पुलिस उपाधीक्षक सोलन राजकुमार, जल शक्ति विभाग के अधीक्षक अभियंता संजीव सोनी, विद्युत बोर्ड सोलन के अधीक्षक अभियंता राहुल वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों उपस्थित थे।

बद्दी में अवैध खनन पर कड़ाई से रोक लगाने के लिए गठित होगा संयुक्त कार्यबल – हर्षवर्द्धन चौहान

सोलन: उद्योग, संसदीय कार्य तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए गम्भीर है और इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। हर्षवर्द्धन चौहान आज बद्दी क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने पुलिस, वन, खनन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को संयुक्त कार्यबल (टास्क फोर्स) गठित करने के निर्देश दिए, ताकि अवैध खनन को कड़ाई से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश अनुसार प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर सरकार गम्भीर है और इसे रोकने के यथासम्भव प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को क्षेत्र में निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं में प्रयोग की गई सामग्री की भी निरंतर जांच करने के निर्देश दिए।

उद्योग मंत्री ने बताया कि खनन विभाग द्वारा बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, रामशहर, मानपुरा इत्यादि क्षेत्रों में गत चार माह में 101 चलान किए गए जिसमें से 61 मामलों में लगभग 16.50 लाख रुपए की राशि वसूली गई है। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग द्वारा अब तक 308 चालान किए गए हैं, जिसमें लगभग 48 लाख रुपए की राशि वसूली गई है।

हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि धरती में बहुत गहराई तक खनन करने से भूजल और जलभृतों में व्यवधान आ सकता है और खनन रसायनों के रिसाव से जल संदूषण हो सकता है। इन सभी दुष्प्रभावों से बचाव के लिए प्रदेश सरकार कड़े कदम उठाएगी, ताकि पर्यावरण के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी किया जा सके।

उद्योग मंत्री ने तदोपरांत पुलिस अधीक्षक बद्दी कार्यालय में पहुंचकर प्रवासी बच्चों से बातचीत की।

उन्होंने इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक बद्दी द्वारा प्रवासी मज़दूरों के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाने के सराहनीय कदम की प्रशंसा की। उन्होंने बच्चों के लिए किताबें, कॉपी व अन्य लेखन सामग्री क्रय करने के लिए अपनी ऐच्छिक निधि 50 हजार रुपए से देने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त स्थानीय विधायक हरदीप सिंह बावा ने भी इन बच्चों की शिक्षा सामग्री क्रय करने के लिए अपनी ओर से 31 हजार रुपए देने की घोषणा की।

मनाली के बाहनु के समीप नदी में निजी बस के गिरने से कई यात्री घायल

मनाली: कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे पर बाहणु पुल के समीप शुक्रवार सुबह मनाली से पठानकोट के लिए निकली निजी बस एक टैक्सी की साइड से टकराते हुए क्रैश बैरियर तोड़कर ब्यास नदी में जा गिरी। हादसे में आठ लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने चालक के खिलाफ लापरवाही से बस चलाने का मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार निजी बस (एचपी 68ए 0259) सुबह मनाली से पठानकोट के लिए रवाना हुई। बाहणु पुल के समीप पहुंचने से पहले टैक्सी (एचपी 01के 9533) से टकराते हुए नदी में लुढ़क गई। बस में 12 लोग सवार थे। इनमें से आठ लोग बुरी तरह से घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों की सहायता से सभी को 108 एंबुलेंस में सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि चार लोग मामूली चोट होने के कारण घर चले गए।

घायलों में एक मिशन अस्पताल, दो हरिहर और दो सिविल अस्पताल में दाखिल किए गए हैं। तीन को छुट्टी दी गई। टैक्सी के चालक राजकुमार ने पुलिस को बयान दिया है कि बस तेज रफ्तार में थी। बस के हादसे का शिकार होने के बाद सवारियों में अफरातफरी मच गई। थाना प्रभारी मुकेश राठौर ने बताया कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

घायलों की सूची
बस हादसे में चालक देशराज (48) पुत्र धंक राम निवासी चनबाड़ी जिला चंबा, योगराज (26) पुत्र रमेश कुमार निवासी स्यांज, चच्योट जिला मंडी, जितेंद्र कुमार (27) पुत्र प्रकाश चंद निवासी स्यांज, चच्योट जिला मंडी, लछी राम (70) पुत्र सोजू राम निवासी दुआड़ा जिला कुल्लू, नीमा लामा पुत्री सगदोर्जे निवासी पालमपुर जिला कांगड़ा, हीरा (34) पत्नी चंद्रकांत गांव सोइल जिला कुल्लू, मुस्कान पुत्री सोम बहादुर निवासी पालमपुर कांगड़ा, योग राज (41) पुत्र प्रेम सिंह गांव शिलग पधर जिला मंडी शामिल हैं।

 मुख्यमंत्री सुक्खू ने दुघर्टना पर जताया  दुःख

मनाली के बाहनु में व्यास नदी पर एक निजी बस के गिरने से 12 यात्रियों के घायल होने का दुखद समाचार प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना से बहुत आहत हूं। यात्रियों की हर संभव मदद और स्वास्थ्य की जानकारी के लिए हमने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

उन्होंने ने कहा कि यात्रियों के स्वास्थ्य का समुचित ख्याल रखा जा रहा है। उनके जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।

गुणात्मक शिक्षा पर हिमाचल को राष्ट्र व्यापी सर्वेक्षण में प्रथम स्थान

हिमाचल: टेट और डीएलएड आवेदन के लिए अब दोगुना देनी होगी फीस…

हिमाचल: प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) और दो वर्षीय डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) की प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए अब दोगुना फीस चुकानी होगी।

हिमाचल: प्रदेश के कई भागों में 1 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट…

हिमाचल: प्रदेश के कई भागों में छह दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट है। उधर, बीती रात को प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कुछ स्थानों पर 26 जुलाई से 1 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट है। 28 जुलाई से अधिकतर भागों में बारिश होने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग के अनुसार ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर,कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। किन्नौर, लाहुल-स्पीति व कुल्लू जिले के लिए कोई अलर्ट नहीं है।

शिमला में गुरुवार देर रात और शुक्रवार सुबह हुई बारिश से कई जगहों में भूस्खलन होने की वजह से शहर की कई सड़कें बंद हो गईं। भूस्खलन के कारण अनाडेल सड़क सभी तरह के वाहनों के लिए बंद कर दी गई। इस सड़क पर नाग देवता मंदिर के पास भूस्खलन हो गया है। सड़क का हिस्सा धंसने से इस पर आवाजाही बंद करनी पड़ी है। अब यहां डंगा लगाकर ही सड़क बहाल होगी।

टूटीडी वार्ड के पांजड़ी इलाके में भी सड़क पर मलबा आने से आवाजाही बंद हो गई है। यहां बारिश से और भूस्खलन होने का खतरा बना हुआ है। यहां एक चीड़ का पेड़ भी उखड़ गया।  शहर के साथ लगते बड़श इलाके में भी पहाड़ी से पत्थर गिरने से सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं और यहां भूस्खलन का बन हुआ है। पत्थर गिरने से यहां सड़क किनारे खड़ी दो कारों को नुकसान पहुंचा है। एक कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

प्रधानमंत्री बोले- भले ही सदियां बीत जाएं,देश की सीमाओं की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता

प्रधानमंत्री ने करगिल विजय दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की और लद्दाख में श्रद्धांजलि समारोह में भाग लिया

सामरिक शिंकुन ला सुरंग परियोजना के पहले विस्फोट के गवाह बने

“करगिल विजय दिवस हमें याद दिलाता है कि देश के लिए दिया गया बलिदान अमर होता है”

“कारगिल में हमने न केवल युद्ध जीता, बल्कि सत्य, संयम और शक्ति का अविश्वसनीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया”

“आज जम्मू-कश्मीर नए भविष्य, बड़े सपनों की बात कर रहा है”

“शिंकुन ला सुरंग लद्दाख के विकास और बेहतर भविष्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी”

“पिछले 5 वर्षों में लद्दाख का बजट 1100 करोड़ से बढ़कर 6000 करोड़ हो गया है”

“अग्निपथ योजना का उद्देश्य सेनाओं को युवा और युद्ध के लिए हमेशा तैयार रखना है”

“सच तो यह है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश को योग्य युवा भी मिलेंगे”

“करगिल की जीत किसी सरकार या किसी पार्टी की जीत नहीं थी, यह जीत देश की है”

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आज 25वें करगिल विजय दिवस के अवसर पर लद्दाख में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह श्रद्धांजली समारोह में भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने गौरव गाथा: एनसीओ द्वारा करगिल युद्ध पर ब्रीफिंग सुनी और अमर संस्मरण: हट ऑफ रिमेंबरेंस का दौरा किया। उन्होंने वीरभूमि का भी दौरा किया।

प्रधानमंत्री ने आज वर्चुअल तरीके से लद्दाख में शिंकुन ला टनल प्रोजेक्ट का पहला विस्फोट भी देखा। लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए शिंकुन ला सुरंग परियोजना में निमू – पदुम – दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर 4.1 किमी लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जाना है।

श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख की गौरवशाली भूमि करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की साक्षी है। पीएम मोदी ने कहा, “करगिल विजय दिवस हमें याद दिलाता है कि देश के लिए दिया गया बलिदान अमर होता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही महीने, साल, दशक और सदियां बीत जाएं, देश की सीमाओं की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। पीएम मोदी ने कहा, “देश हमारे सशस्त्र बलों के शक्तिशाली महानायकों का सदैव ऋणी और अत्यंत आभारी है।”

प्रधानमंत्री ने करगिल युद्ध के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उस समय सैनिकों के बीच थे। उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी याद है कि कैसे हमारे सैनिकों ने इतनी ऊंचाई पर एक कठिन ऑपरेशन को अंजाम दिया था।  मोदी ने कहा, “मैं देश के उन वीर सपूतों को सलाम करता हूं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “करगिल में हमने न केवल युद्ध जीता, बल्कि हमने ‘सच्चाई, संयम और ताकत’ का एक अविश्वसनीय उदाहरण भी पेश किया।” प्रधानमंत्री ने उस समय पाकिस्तान के धोखे पर प्रकाश डाला जब भारत शांति बनाए रखने के लिए सभी प्रयास कर रहा था। उन्होंने कहा कि सच्चाई से झूठ और आतंक को घुटनों पर ला दिया गया।

आतंकवाद की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अतीत में हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। मोदी ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अपने अतीत से कुछ नहीं सीखा है और प्रासंगिक बने रहने के लिए आतंकवाद और छद्म युद्ध की आड़ में युद्ध जारी रखा है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आतंकवादियों के नापाक इरादे कभी पूरे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे बहादुर जवान सभी आतंकी प्रयासों को रौंद देंगे।

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत विकास के रास्ते में आने वाली सभी चुनौतियों पर काबू पा लेगा, चाहे वह लद्दाख हो या जम्मू-कश्मीर। उन्होंने याद दिलाया कि अब से कुछ ही दिनों में 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के 5 साल पूरे हो जाएंगे और आज का जम्मू-कश्मीर सपनों से भरे एक नए भविष्य की बात कर रहा है। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में प्रगति का उदाहरण दिया और वहां जी20 बैठकें आयोजित करने, बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटन पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने, सिनेमा हॉल खोलने और साढ़े तीन दशकों के बाद ताजिया जुलूस शुरू करने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पृथ्वी का यह स्वर्ग तेजी से शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने लद्दाख में हो रहे विकास को रेखांकित करते हुए कहा कि शिंकुन ला टनल के माध्यम से जम्मू-कश्मीर पूरे साल, हर मौसम में पूरे देश से जुड़ा रहेगा। उन्होंने कहा, “यह सुरंग लद्दाख के विकास और बेहतर भविष्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी।”

प्रधानमंत्री ने लद्दाख के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह सुरंग उनके जीवन को और आसान बनाएगी क्योंकि क्षेत्र में खराब मौसम के कारण उनके सामने आने वाली कई कठिनाइयां कम हो जाएंगी।

प्रधानमंत्री ने लद्दाख के लोगों के प्रति सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला और कोविड-19 महामारी के दौरान ईरान से करगिल क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए व्यक्तिगत रूप से किए गए प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने उन दिनों जैसलमेर में स्थापित किए गए क्वारंटाइन क्षेत्र को याद किया जहां लद्दाख भेजे जाने से पहले ईरान से लाए गए करगिल के लोगों की जांच की जाती थी। लद्दाख के लोगों के जीवन में आसानी को बढ़ावा देने और अधिक सेवाएं प्रदान करने के सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने पिछले 5 वर्षों में बजट को 1100 करोड़ रुपये से लगभग छह गुना बढ़ाकर 6000 करोड़ रुपये करने का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने पहली बार समग्र योजना को लागू करने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चाहे सड़क हो, बिजली हो, पानी हो, शिक्षा हो, बिजली आपूर्ति हो, या रोजगार हो, लद्दाख की हर दिशा बदल रही है।” उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत लद्दाख के 90 प्रतिशत से अधिक घरों में पीने के पानी की आपूर्ति, लद्दाख के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए आगामी सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय, पूरे लद्दाख क्षेत्र में 4जी नेटवर्क स्थापित करने के लिए काम और एनएच 1 पर हर मौसम में कनेक्टिविटी के लिए 13 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग पर चल रहे काम का उदाहरण दिया।

प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने न्यू इंडिया की क्षमताओं और दिशा को प्रदर्शित करते हुए सेला सुरंग सहित 330 से अधिक परियोजनाएं पूरी की हैं।

प्रधानमंत्री ने सैन्य प्रौद्योगिकियों को उन्नत करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बदलते वैश्विक माहौल में, हमारे रक्षा बल को आधुनिक कार्यशैली और व्यवस्थाओं के साथ-साथ नवीनतम हथियारों और उपकरणों की भी आवश्यकता है। मोदी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र को पहले भी अपग्रेड करने की जरूरत महसूस हुई थी, लेकिन दुर्भाग्य से इस मुद्दे को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हालांकि, पिछले 10 वर्षों में रक्षा सुधारों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे हमारी सेनाएं अधिक सक्षम और आत्मनिर्भर बनी हैं।”  मोदी ने आगे कहा कि आज रक्षा खरीद में एक बड़ी हिस्सेदारी भारतीय रक्षा उद्योग को दी जा रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा और अनुसंधान विकास बजट में निजी क्षेत्र के लिए 25 प्रतिशत आरक्षित किया गया है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत का रक्षा उत्पादन 1.5 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि आज भारत अपनी पिछली छवि के विपरीत एक हथियार निर्यातक के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है, जबकि पहले भारत को एक हथियार आयातक देश के रूप में गिना जाता था। मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सेना ने अब 5000 से अधिक हथियारों और सैन्य उपकरणों का आयात बंद करने का फैसला लिया है।

प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में सुधारों के लिए रक्षा बलों की सराहना करते हुए महत्वपूर्ण सुधारों में से एक के रूप में अग्निपथ योजना पर विस्तार से चर्चा की। भारतीय सेना की औसत आयु वैश्विक औसत से ऊपर होने की लंबे समय से लंबित चिंता का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में इस गंभीर चिंता से निपटने के लिए कोई इच्छाशक्ति नहीं थी जिसे अब अग्निपथ योजना के माध्यम से दूर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधानमंत्री ने इस संवेदनशील विषय के घोर राजनीतिकरण पर अफसोस जताते हुए कहा, “अग्निपथ का उद्देश्य सेनाओं को युवा और युद्ध के लिए हमेशा तैयार रखना है।” उन्होंने वायु सेना बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए पिछले घोटालों और अतीत की अनिच्छा की आलोचना की। सच तो यह है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश को योग्य युवा भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र और अर्धसैनिक बलों में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणा की गई है।”

अग्निपथ योजना के पीछे पेंशन का बोझ बचाने की मंशा को मुख्य कारण बताए जाने वाले दुष्प्रचार को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भर्ती होने वाले सैनिकों की पेंशन का बोझ 30 साल बाद आएगा, इसलिए इस योजना के पीछे का कारण यह नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “हमने सशस्त्र बलों के लिए गए इस फैसले का सम्मान किया है क्योंकि हमारे लिए देश की सुरक्षा राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के युवाओं को गुमराह करने वालों को अतीत में सशस्त्र बलों के प्रति कोई सम्मान नहीं था। वन रैंक वन पेंशन पर पिछली सरकारों के झूठे वादों को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने इस योजना को लागू किया जहां पूर्व सैनिकों को 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए गए। उन्होंने पिछली सरकारों की उपेक्षा की ओर इशारा करते हुए कहा, ”ये वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के 7 दशक बाद भी शहीदों के लिए युद्ध स्मारक नहीं बनाया, सीमा पर तैनात हमारे सैनिकों को पर्याप्त बुलेटप्रूफ जैकेट उपलब्ध नहीं कराई और कारगिल विजय दिवस की अनदेखी की।”

करगिल विजय दिवस पर अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”करगिल की जीत किसी सरकार या किसी पार्टी की जीत नहीं थी। ये जीत देश की है, ये जीत हमारी विरासत है। यह देश के गौरव और स्वाभिमान का त्योहार है।” उन्होंने पूरे देश की ओर से वीर जवानों को सलाम किया और करगिल विजय के 25 साल पूरे होने पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी डी शर्मा, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सशस्त्र बलों के सेना प्रमुख उपस्थित थे

पृष्ठभूमि

शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किमी लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए निमू – पदुम – दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा। काम पूरा होने पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

अपने संसाधनों से नालागढ़ मेडिकल डिवाइस पार्क बनाएगी राज्य सरकार; केंद्र से मिली 30 करोड़ की मदद लौटाने का निर्णय

हिमाचल:  प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने जिला सोलन के नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क अपने संसाधनों से बनाने का निर्णय किया है। राज्य सरकार ने 265 एकड़ भूमि पर 350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार से मिले 30 करोड़ रुपये लौटाने निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार यदि इस राशि को वापस नहीं करती तो राज्य को कई आर्थिक नुकसान होंगेे। राज्य सरकार को उद्योगपतियों को भूमि एक रुपए प्रति वर्ग मीटर, बिजली 3 रुपये प्रति यूनिट के अलावा दस वर्षों तक पानी, रखरखाव और गोदाम की सुविधा बिना किसी शुल्क के प्रदान करनी पडे़गी।
मेडिकल डिवाइस पार्क में बनने वाले अधिकांश उपकरण राज्य से बाहर बेचे जाएंगे, लेकिन इससे भी राज्य के खजाने को एनएसजीएसटी के कारण प्रत्यक्ष नुकसान होता। इसलिए राज्य सरकार ने इन शर्तों से मुक्त होने का निर्णय लिया, जिससे जमीन और अन्य संसाधनों की बिक्री से ही राज्य को आने वाले 5-7 वर्षों में 500 करोड़ रुपये का फायदा होने की उम्मीद है। अब राज्य सरकार मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाले उद्योगों को अपनी उद्योग नीति के अनुसार प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के संसाधनों को किसी भी कीमत पर लूटने नहीं देगी। इन संसाधनों पर हिमाचल प्रदेश के लोगों का हक है और प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार हर कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न मोर्चों पर हक की लड़ाई लड़ी जा रही है और इसी दिशा में कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्क भी स्वयं बनाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार की राशि नहीं लौटाते हैं तो उद्योगपतियों को अनिवार्य प्रोत्साहन प्रदान करने पड़ेंगे, जिससे राज्य के खजाने पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा और सरकार कोे राजस्व को घाटा होगा। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने अब तक 74.95 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं और प्राथमिकता पर मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण किया जा रहा है। श्री सुक्खू ने कहा कि इससे पहले राज्य सरकार ने जिला ऊना के हरोली में बन रहे बल्क ड्रग पार्क में किसी भी प्राइवेट एजेंसी की मदद नहीं लेने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार बल्क ड्रग पार्क के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये अपने संसाधनों से प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए राज्य सरकार क्लस्टर विकास योजना के तहत सिडबी से ऋण लेगी। अब परियोजना में फेरबदल करते हुए 25 प्रतिशत भूमि विशेष रूप से चिकित्सा उपकरण उद्योगों के लिए और 75 प्रतिशत अन्य रणनीतिक उद्योगों के लिए आवंटित की जाएगी, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि इस औद्योगिक पार्क को हिमाचल प्रदेश में अत्याधुनिक औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जो आने वाले वर्षों में आर्थिक विकास और बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ-साथ राज्य सरकार के लिए आय का नियमित स्रोत बनेगा।

हिमाचल: परवाणु में भारतीय मानक ब्यूरो ने जागरूकता कार्यशाला की आयोजित

शिमला: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के 52 प्रतिभागियों ने आज भारतीय मानक ब्यूरो की परवाणु ब्रांच कार्यालय द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यशाला में भाग लिया।
परवाणु ब्रांच कार्यालय के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र नायक ने प्रतिभागियों को भारतीय मानक ब्यूरो की कार्यप्रणाली से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि ब्यूरो देश में गुणवत्तापूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और बेहतर उत्पादों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए कार्य करता है। भारतीय मानक ब्यूरो का प्रमाण-पत्र उपभोक्ता को गुणवत्तापूर्ण एवं सुरक्षित उत्पाद की गारंटी देता है।
संयुक्त निदेशक शिव प्रकाश ने ब्यूरो के विशेष मापदंडों, उत्पादों के मूल्यांकन और अनिवार्य पंजीकरण योजना के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बीआईएस स्टैंडर्ड मार्क के दुरूपयोग रोकने के लिए बीआईएस एक्ट-2016 के प्रावधानों को भी विस्तारपूर्वक बताया।
निदेशक ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राघव शर्मा, अतिरिक्त निदेशक पंचायती राज नीरज चांदना, उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी ग्रामीण विकास कल्याणी गुप्ता ने कार्यशाला में भाग लिया।

सोलन: शूलिनी विवि में स्वामी कृष्णानंद गिरि द्वारा आध्यात्मिक शिविर का उद्घाटन

सोलन: शूलिनी विश्वविद्यालय में  स्वामी कृष्णानंद गिरि के नेतृत्व में  तीन दिवसीय आध्यात्मिक शिविर का उद्घाटन  का  शुभारम्भ । इस अवसर पर स्वामी आलोकानंद गिरि और  हरिप्रियानंद भी उपस्थित थे।

अपने आरंभिक सत्संग में, स्वामी कृष्णानंद गिरि ने अहंकार को ईश्वर को समर्पित करने, नियमित ध्यान करने और व्यस्त कार्यक्रम के बीच भी आध्यात्मिक जीवन जीने के महत्व पर जोर दिया। स्वामी आलोकानंद गिरि ने भक्तिमय भजनों से समारोह में योगदान दिया। उद्घाटन सत्र में 350 से अधिक भक्तों ने भाग लिया।

यगोड़ा सत्संग सोसाइटी, रांची के स्वामी आलोकानंद गिरी शिविर का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें ध्यान, जप और आध्यात्मिक प्रवचन के सत्र शामिल हैं। इन सत्रों का उद्देश्य उपस्थित लोगों को गहन आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना है।

 मीडिया बातचीत के दौरान, स्वामी कृष्णानंद गिरि ने आध्यात्मिकता पर अंतर्दृष्टि साझा की, जिसमें परमात्मा से जुड़ने के तरीकों के रूप में सादगी, विश्वास और “अध्यात्म” (उच्चतम स्व) के मार्ग पर चलने पर  जोर दिया गया। उन्होंने ध्यान शुरू करने की उचित उम्र, योग के वैज्ञानिक पहलुओं और योग के प्रकारों पर चर्चा की जो परम आनंद की ओर ले जाते हैं। सम्मेलन में पूर्व आईएएस अधिकारी और स्तंभकार विवेक अत्रे भी शामिल हुए, जिन्होंने आध्यात्मिक और बौद्धिक प्रवचन के महत्व पर प्रकाश डाला।

चांसलर प्रो. पीके खोसला ने यगोडा सत्संग सोसाइटी के मठ दौरे की मेजबानी करने पर खुशी व्यक्त की और आश्वासन दिया कि सभी प्रतिभागियों की सुविधा और सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं।

दूसरे दिन, प्रतिभागी आध्यात्मिक प्रवचन और ध्यान में संलग्न होंगे, जबकि तीसरा दिन क्रिया योग दीक्षा, पुष्पांजलि, प्रसाद वितरण और क्रिया योग समीक्षा और जांच सत्र के लिए समर्पित होगा।

हिमाचल: 28 जुलाई को होगी वार्डर पद के लिए लिखित परीक्षा

शिमला: कामगार एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि पुरूष एवं महिला वार्डर के पदों की भर्ती के लिए 28 जुलाई, 2024 को तीन परीक्षा केन्द्रों में परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला शिमला, सोलन, सिरमौर व किन्नौर के 421 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय, संजौली (शिमला), जिला मंडी, कुल्लू, बिलासपुर व हमीरपुर के 1050 अभ्यर्थियों के लिए वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी, जिला मंडी और जिला कांगड़ा, चंबा व ऊना के 1149 अभ्यर्थियों के लिए राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला जिला कांगड़ा में परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों को सूचित किया कि अभ्यर्थी निर्धारित परीक्षा केन्द्रों में लिखित परीक्षा आरम्भ होने से दो घंटे पूर्व प्रातः 10 बजे पहुंचना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपने प्रवेश पत्र कारागार की वेबसाइट admis.hp.nic.in/hpprisons से एवं अपने पंजीकृत ई-मेल के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। प्रवेश पत्र डाउनलोड करना सभी अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। परीक्षा हॉल में पेन, कार्डबोर्ड, एडमिट कार्ड एवं पहचान पत्र के अतिरिक्त कोई भी सामग्री ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक वॉचिज़, वायरलेस डिवाइसिज, ब्लूटुथ डिवाइसिज, इयरफोन, इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स तथा बैग इत्यादि ले जाने की अनुमति नहीं होगी। परीक्षा केन्द्र में अपना वाहन साथ लाने की अनुमति नहीं होगी।

अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नम्बर-0177-2628852 पर सम्पर्क किया जा सकता है।