दैविक लीलाओं के लिए प्रसिद्ध हाटू शिखर शिमला के नारकण्डा के समीप ऊंची पर्वतमाला हाटू पीक की चोटी पर स्थित हाटू माता मंदिर यहां के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। मनमोहक सुंदर प्राकृतिक दृश्य...
(तीसरा भाग)….. उत्खनन से प्राप्त सामग्री से यह प्रकट हुआ है कि वानगंगा घाटी (कांगड़ा), सिरसा घाटी (नालागढ़) मारकण्डा घाटी (सिरमौर) में 20 लाख वर्ष पूर्व मानव का पास रहा है। वहां गत्या के हथियार,...
गुम्बदनुमा शैली में कंकरीट का बना है शूलिनी माता का मन्दिर मन्दिर की पूज सज्जा में शिरगुल तथा माल्ली देवताओं की मूर्ति के मध्य छह देवियों की मूर्तियां विराजमान सोलन शहर के दक्षिण में शूलिनी...
मंदिर के भीतर शिव और पार्वती की पाषाण प्रतिमाएं दर्शनीय हैं मगरू महादेव मंदिर,छतरी, थुनाग, मंडी छतरी गांव का मगरू महादेव मंदिर नामक भव्य स्मारक अपनी अदभुत काष्ठकला के लिए विख्यात है। 13वीं...
श्री चामुण्डा नंदिकेश्वर धाम रियासतीकाल में त्रिगर्तगण (वर्तमान कांगड़ा) का उत्तरी द्वारपाल माना जाता था हिमाचल प्रदेश की धौलाधार पर्वत श्रृंखला में बसा कांगड़ा जिले का शिव–शक्ति धाम...
त्रिर्गत के तीन शक्तिपीठों में ज्वालाजी, वज्रेश्वरी और चिंतपूर्णी उल्लेखनीय शक्तिपीठ पहला स्थान माता वैष्णों देवी को दिया जाता है, जो जम्मू-कश्मीर में पड़ता है स्वर्ण कलशों से सजा...
वर्ष में दो बार नवरात्रे आते हैं। पहले नवरात्रे चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरु होकर चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि तक चलते हैं। फिर नवरात्रे शारदीय नवरात्रे कहलाते हैं। ये...
![](https://www.himshimlalive.com/vig/def_add.gif)