धर्म/ संस्कृति

रामायण : आखिर क्यों हंसने लगा मेघनाद का कटा सिर?

रामायण : आखिर क्यों हंसने लगा मेघनाद का कटा सिर?

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित हिंदू धर्मग्रंथ ‘रामायण’ में उल्लेख मिलता है कि रावण के बेटे का नाम मेघनाद था। उसका एक नाम इंद्रजीत भी था। दोनों नाम उसकी बहादुरी के लिए दिए गए थे। दरअसल मेघनाद,...

"किन्नौर" किन्नर कैलाश की विशेष महत्ता के साथ संस्कृति, धर्म-परम्परा, रीति-रिवाज व पर्यटन के लिए भी विख्यात

“किन्नौर” किन्नर कैलाश की विशेष महत्ता के साथ संस्कृति, धर्म-परम्परा, रीति-रिवाज व पर्यटन के लिए भी विख्यात

मान्यता : किन्नर कैलाश केवल भगवान शिव का ही निवास स्थान नहीं, बल्कि यहां पर स्वर्ग का राज है “किन्नौर”  शिव की धरती से जहां विख्यात है वहीं किन्नौर अपनी संस्कृति, धर्म-परम्परा, रीति-रिवाजों,...

हिमाचल : पर्यटन को विकसित करने के लिए 1900 करोड़ स्वीकृत, स्थानीय युवाओं के लिए बढ़ेंगे रोज़गार के अवसर

हिमाचल: ऐतिहासिक, पारम्परिक व सांस्कृतिक पहचान दर्शाती चौपाल की “वेशभूषा”

देश की बात हो या प्रदेश की उसकी जीवन शैली की पहचान वहां के रहने वाले लोगों, वेशभूषा, खानपान व आभूषणों से होती है। हांलाकि काफी समय से हमारे कई पारम्परिक परिधान और आभूषण लुप्त होते जा रहे हैं।...

श्री अयोध्यानाथ मन्दिर रामपुर बुशहर रियासत के शाही मन्दिरों में से एक

रानी अपने मायके से श्री राम की मूर्ति साथ लेकर आईं पुरातात्त्विक महत्त्व की संरचना श्री अयोध्यानाथ मन्दिर भी जिला के रामपुर उपमण्डल मुख्यालय में स्थित है। यह मन्दिर शिमला से 130 किलोमीटर की...

मनाली के देवदार जंगलों में बसा पैगोडा शैली का कलात्मक मंदिर "हिडिम्बा"

मनाली के देवदार जंगलों में बसा पैगोडा शैली का कलात्मक मंदिर “हिडिम्बा”

हिडिम्बा को कहा जाता है ढूंगरी देवी हिडिम्बा को राजपरिवार मानता है अपनी दादी हिडिम्बा मंदिर के बारे में हमने बहुत कुछ पढ़ा व सुना है। वास्तव में खुद वहां जाकर एक अद्भुत् अनुभूति  का जो अनुभव...

हिमाचल प्रदेश (पश्चिमी हिमालय) की प्राचीनता :

प्राचीन भारतीय इतिहास को जानने के लिए वेदों के माध्यम से मानवीय सभ्यता के उन दिनों का पता चलता है…, जब… विश्व के शेष भागों में अन्धकार छाया हुआ था और भारत में पूर्ण प्रकाश की उपासना हो रही...

स्वयं में इतिहास समेटे हुए जहां का लोकतंत्र, विश्व का एकमात्र कुल्लू का “मलाणा” गांव

स्वयं में इतिहास समेटे हुए जहां का लोकतंत्र, विश्व का एकमात्र कुल्लू का “मलाणा” गांव

भारत वर्ष में प्राचीन काल से ही जनतंत्रीय प्रणाली रही है। राजा पर भी जनता का अंकुश होता था। पंचायत तंत्र अति प्राचीन है। इसका एक अन्य रूप बरादरी पंचायत है जो बरादरी का नियमन करती है। पंचायत...