बचपन में पुराने समय में खेले जाने वाले खेल समय-समय के साथ हमारे जीवन शैली में भी आज बहुत परिवर्तन हो गया है। चाहे बात हमारे रहन-सहन की हो या खान-पान की या खेलकूद, वर्तमान में बहुत कुछ बदल गया है।...
कुल्लू के दशहरे का अपना इतिहास, पृष्ठभूमि व सांस्कृतिक परम्परा देवी-देवताओं के महासंगम का गवाह : कुल्लू दशहरा कुल्लू में दशहरे का शुभारंभ 17वीं शताब्दी में हुआ देश भर में मनाया जाने वाला...
मुश्किल, परेशानियाँ, मायूसी आनी जानी चीजें हैं ख़ुशी नहीं रही तो दुःख भी नहीं रहेगा.. तो डरना क्यों अपने “डर” से करें मुकाबला; क्योंकि “डर” से आगे है जीत… “डर” जी हाँ “डर” से डर से मनुष्य...
प्रदेश की लोक धड़कन “हिमाचल के वाद्य यंत्र” हिमाचल में लोक संस्कृति का विशेष महत्व है। ऐसे में हिमाचली लोक वाद्य यंत्रों की अगर बात की जाए, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि जब हिमाचली वाद्य...
जो आँखों से ओझल हो जाते हैं वो कहीं न कहीं दिल में हमेशा के लिए याद बनकर बस जाते हैं जी हाँ आज अपने “यादों के झरोखे” कॉलम में हम याद कर रहे हैं 60 के दशक की मशहूर अभिनेत्री “साधना” जी को।...
जिस प्रकार किसी व्यक्ति की आदतें और उसकी अभिव्यक्ति का ढंग उसके चरित्र के द्योतक हैं, उसी प्रकार किसी समाज में प्रचलित रीति-रिवाज उसकी नैतिक चेतना के प्रतीक होते हैं। इस प्रकार रीति से...