60 के दशक की मशहूर अभिनेत्री "साधना" ने दुनिया को कहा... अलविदा

“यादों के झरोखे”: 60 के दशक की मशहूर अभिनेत्री “साधना” …..

अभिनेत्री साधना का मुंबई में निधन

अभिनेत्री साधना

जो आँखों से ओझल हो जाते हैं वो कहीं न कहीं दिल में हमेशा के लिए याद बनकर बस जाते हैं जी हाँ आज अपने “यादों के झरोखे” कॉलम में  हम याद कर रहे हैं 60 के दशक की मशहूर अभिनेत्री “साधना” जी को

 साधना का जन्म 2 सितंबर 1941 को कराची में हुआ था। साधना अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं। 1947 में देश के बंटवारे के बाद साधना का परिवार कराची छोड़कर मुंबई आ गया। साधना का नाम उनके पिता ने अपनी पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा था। उनकी मां ने उन्हें आठ वर्ष की उम्र तक घर पर ही पढा़या था। बता दें कि साधना 1960 और 70 के दशक में टॉप की एक्ट्रेस रहीं। उन्होंने लगभग 35 फिल्मों में काम किया था।1955 में वह पहली बार राजकपूर स्टारर फिल्म श्री 420के सॉन्ग मुड़-मुड़ के न देख मुड़-मुड़ केमें कोरस गर्ल के रूप में नजर आई थीं।

इसके बाद साधना ने लव इन शिमला‘ (1960), ‘प्रेम पत्र‘ (1962), ‘राजकुमार‘ (1964), ‘आप आए बहार आई‘ (1971), ‘हम सब चोर हैं‘ (1973) और छोटे सरकार‘ (1974) जैसी कई फिल्मों में शानदार रोल निभाए।

हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री साधना 60 के दशक की सबसे महंगी अभिनेत्री थीं

कहा जाता है कि हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री साधना 60 के दशक की सबसे महंगी अभिनेत्री थी। साधना का पूरा नाम साधना शिवदासानी था।  साल 1960 में उनकी लव इन शिमलाफिल्म आई थी। इस फिल्म को अच्छा रिस्पांस मिला था। इस फिल्म के बाद एक्ट्रेस का हेयर स्टाइल इतना फेमस हो गया कि वह उनका स्टाइल स्टेटमेंट ही बन गया था। साधना ने हिंदी सफर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर की थी। इसके बाद महज 15 साल की उम्र में वह कैमियो में नजर आई थीं।

जब पूरे देश में साधना कट की दिवानगी शुरू हो गई…

साधना – कट के पीछे की कहानी: हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न निर्देशक आर के नारायण चाहते थे कि साधना का चौड़ा

साधना - कट के पीछे की कहानी

साधना – कट के पीछे की कहानी

माथा थोड़ा सा ढक जाए इसलिए उन्होंने हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और ‘ब्रेकफास्ट एट टिफनी’ की नायिका ऑड्रे हेपबर्न का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनके माथे पर जिस तरह फ्रिंज हैं, वैसी ही कुछ लटें इनके माथे पर भी ला दो और क्योंकि साधना जी को ऑड्रे का नाम याद नहीं आता था तो किसी के पूछने पर वह कहने लगी कि ये ‘साधना कट’ है। इस तरह पूरे देश में साधना कट की दिवानगी शुरू हो गई।

साधना शुरू से ही सिंधी थिएटर में काफी बढ़चढ़ कर भाग लेती थी और 1958 में उनका चयन एक ऑडिशन के जरिए उस वक्त की मशहूर सिंधी अभिनेत्री शीला रमानी की छोटी बहन के लिए किया गया। इस सिंधी फिल्म का नाम ‘अबाना’ था जो सुपरहिट रही और इसके बाद ही हिंदी सिनेमा के दरवाज़े उनके लिए खुल गए। इस वक्त साधना की उम्र 16 साल भी नहीं थी जब निर्माता-निर्देशक शशधर मुखर्जी ने उन्हें ‘लव इन शिमला’ के लिए साइन किया और उनके लुक को थोड़ा बदलने के लिए साधना को ब्यूटी पार्लर ले जाया गया। साधना को उनके हेयरस्टाइल की वजह से भी खासी लोकप्रियता हासिल हुई और एक दौर में फैशन की दुनिया में ‘साधना कट’ काफी लोकप्रिय भी रहा। करीना कपूर की मां बबीता की चचेरी बहन साधना के कई गीत काफी सुपरहिट रहे, ‘झुमका गिरा रे’ और ‘मेरे साया साथ होगा’ कुछ ऐसे ही गीत हैं। शनिवार को साधना का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

साधना को पहले ऑफर हुई थी सिंधी फिल्म ‘अबाना’ : उज्जैन. फिल्म ‘मेरा साया’ के एक गीत ‘झुमका गिरा रे…बरेली के बाजार में…’ से इंडस्ट्री में धूम मचाने वाली अभिनेत्री साधना का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 74 साल की थीं। मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे अपने हेयरकट की वजह से स्टाइल आइकॉन के रूप में पहचानी जानी थीं। उनके हेयरकट को उनके नाम पर ‘साधना कट’ कहा जाता था। ‘वक्त, मेरे महबूब, आरजू और मेरा साया उनकी पॉपुलर फिल्में थीं।

आरके नैयर थे पति: निर्माता-निर्देशक आर के नैयर जिन्होंने ये रास्ते हैं प्यार के, इंतकाम जैसी सुपर हिट फिल्में निर्देशित की। उनसे

साधना 1960 और 70 के दशक में टॉप की एक्ट्रेस रहीं

साधना 1960 और 70 के दशक में टॉप की एक्ट्रेस रहीं

उन्होंने विवाह किया था। 

उनके मुख्य हीरो: शम्मी कपूर (राजकुमार), देवानंद (हम दोनों) व (असली-नकली), राजेंद्र कुमार (आप आए बहार आई) व (आरजू), धर्मेंद्र-विश्वजीत के साथ एकमात्र फिल्म (इश्क पर जोर नहीं), मनोजकुमार (वो कौन थी), उस समय के नए हीरो परीक्षित साहनी के साथ फिल्म वंदना की थी। उनकी अंतिम फिल्म बतौर नायिका 1994 में प्रदर्शित हुई उल्फत की नई मंजिलें, इसमें उनके हीरो राजकुमार थे।

गाने थे सुपरहिट: तू जहां-जहां चलेगा…मेरा साया साथ रहेगा, आजा आई बहार..दिल है बेकरार, हम तुम्हारे लिए…तुम हमारे लिए…, ये परदा हटा दो…जरा मुखड़ा दिखा दो, मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता, ये दिल दीवाना है…, हमने तुझको प्यार किया है इतना.., आपकी इनायतें आपके करम आदि।

संडे को काम बंद: वैसे तो फिल्मों की शूटिंग के वक्त अक्सर छुट्टियों को भी किनारे रखना पड़ता है लेकिन इस मामले में साधना का हिसाब काफी पक्का था। अभिनेता और फिल्मों के जानकार अन्नु कपूर ने अपने एक रेडियो कार्यक्रम में बताया था कि उस वक्त में साधना के अलावा सिर्फ शशि कपूर ही थे जो संडे के दिन काम नहीं किया करते थे। खैर, फिल्म मेरे महबूब की शूटिंग के वक्त भी उन्होंने

गाने थे सुपरहिट: तू जहां-जहां चलेगा...मेरा साया साथ रहेगा

गाने थे सुपरहिट: तू जहां-जहां चलेगा…मेरा साया साथ रहेगा

अपना यह नियम जारी रखा लेकिन निर्देशक हरनाम सिंह रवैल चाहते थे कि छुट्टी के दिन भी शूटिंग न रुके। काफी दरख़्वास्त करने के बावजूद भी जब साधना नहीं मानी तो उनके बहुत अच्छे मित्र और मेरे महबूब समेत कई फिल्मों में उनके नायक रह चुके राजेंद्र कुमार ने उन्हें काम करने के लिए मनाया और इस तरह उनका सालों से बनाया नियम टूट गया।

60 के दशक की मशहूर अदाकारा साधना ने ‘मेरा साया’, ‘राजकुमार’, ‘मेरे महबूब’, ‘वो कौन थी’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया है।

खबरों के अनुसार एक्ट्रेस साधना ने फिल्म डायरेक्टर आरके नैय्यर से शादी की थी। उनकी जिंदगी बेहद खूबसूरत चल रही थी। मुंबई के खार में संगीताएक बंगला था जहां दोनों रहते थे। यहां साधना के जिंदगी के 50 साल बीते थे। जब साधना अपने पति के साथ रहती थीं तब अचानक एक दिन नैय्यर को अस्थमा का अटैक आया। ऐसे में उनकी हालत बहुत बिगड़ गई। 1995 में साधना के पति का निधन हो गया। अब अचानक ही साधना अकेली पड़ गईं। साधना को थायराइड की दिक्कत थी, कुछ वक्त पहले वह इस वजह से बॉलीवुड छोड़ यूएस भी चली गई थीं। उसी के बाद से वह इंडस्ट्री से अलग रहने लगी थीं। साल 2008 से 2010 के बीच साधना जहां रहती थी उस प्रॉपर्टी को लेकर झमेला शुरू हो गया। साधना जहां रहती थीं, उन्हीं के पास एक बिल्डर भी रहता था। वह लंबे समय से साधना की प्रॉपर्टी पर नजर बनाए हुए था। साधना के फ्लैट का दाम उस बिल्डर ने बेहतरीन दाम में आशा भोंसले को ऑफर किया। ऐसे में साधना को उस प्रॉपर्टी से निकालने के प्लान बनने लगे। इस बीच साधना अपने घर में ही कैद हो गई थीं, क्योंकि अपने ही घर के कुछ हिस्सों में उन्हें जाने की इजाजत नहीं थी।

दरअसल, यूसुफ लकड़ावाला नाम का बिल्डर एक दिन कुछ लोगों को साथ लेकर साधना के घर पहुंचा और उन्हें धमकाने लगा कि उन्हें घर जल्द से जल्द खाली करना होगा नहीं तो वो सबको मार डालेगा। ऐसे में साधना ने पुलिस मे कंप्लेंट दर्ज कराई। इसी के बाद से केस चलना शुरू हो गया।

इस घर के लिए आशा भोंसले को उस बिल्डर ने इतनी रकम ऑफर की थी कि सिंगर ने भी साधना पर उल्टा केस डाल दिया। साधना की हालत पहले ही खराब थी। अब टेंशन के मारे उनकी सेहत पर और असर पड़ने लगा था। इस बीच साधना ने इंडस्ट्री के कई लोगों से उन्हें सपोर्ट करने की रिक्वेस्ट भी की। पर तब इस ग्लैमर वर्ल्ड से कोई उनकी मदद को आगे नहीं आया।

कुछ हद तक सलीम खान और महेश भट्ट ने उनकी मदद करने की कोशिश की लेकिन उनसे भी मामला नहीं सुलझ पाया। इस बीच साधना की तबीयत लगातार गिरती रही। ऐसे में साल 2015 में साधना का निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब साधना की बॉडी अस्पताल में थी तो उनका कोई भी अपना वहां मौजूद नहीं था। हालांकि साधना के अंतिम संस्कार में महेश भट्ट, अन्नू कपूर, हीरो जौहर, पूनम, आशा पारेख और सलीम खान मौजूद रहे।

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