वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसजेवीएन ने हासिल किया तीसरा उच्चत्तम विद्युत उत्पादन
एसजेवीएन करीब 25 हज़ार लोगों को करवा रहा है रोज़गार उपलब्ध
शिमला: एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक का सबसे अधिक 3299 करोड़ रुपए का राजस्व दर्ज किया है जोकि गत वर्ष में 2626 करोड़ रुपए था। इसी के साथ एसजेवीएन के राजस्व में 25.62% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी आज (शनिवार को) एसजेवीएन के अध्यक्ष एवम प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान दी। इस अवसर पर निदेशक (कार्मिक) गीता कपूर, निदेशक (वित्त) ए.के. सिंह एवं निदेशक (परियोजनाएं) सुशील शर्मा भी उपस्थित थे।
एसजेवीएन सीएमडी नन्द लाल शर्मा प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कर पश्चात लाभ (पीएटी) 1363.45 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है जोकि गत वर्ष में 977.52 करोड़ रुपए था। जिसमें 39.48% की वृद्धि हुई है। एसजेवीएन ने वित्तीय 2022-23 के लिए 1.77 रुपए प्रति शेयर का लाभांश घोषित किया है। एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1732.13 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ दर्ज किया है जोकि गत वर्ष में 1343.44 करोड़ रुपए था। वहीं वर्ष 2022-23 में प्रति शेयर आय (ईपीएस) 2.49 रुपए प्रति शेयर से बढ़कर 3.47 रुपए हो गई है। आने वाले समय में इन्वेस्टर्स के लिए एसजेवीएन में भविष्य बहुत उज्ज्वल है। नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन ने 106.653% का अधिकतम पीएएफ हासिल किया है। उन्होंने कहा कि हमारे विद्युत स्टेशनों ने 8705 मिलियन यूनिट की कुल डिजाइन ऊर्जा को पार करते हुए 9335 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन किया है, जो कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसजेवीएन द्वारा हासिल किया गया तीसरा उच्चत्तम विद्युत उत्पादन है। वर्ष 2022-23 के दौरान विचलन निपटान तंत्र से कुल आय 43.63 करोड़ रुपए है, जो गत 5 वर्षों में दूसरी सबसे बड़ी आय के रूप में दर्ज की गई है।
नन्द लाल शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एसजेवीएन के दो सर्वोत्कृष्ट जलविद्युत स्टेशनों ने 18 जुलाई 2023 को एकल-दिवसीय विद्युत उत्पादन में 50.534 मि.यू. का सर्वकालिक उच्चतम रिकार्ड प्रदर्शित कर एक नया रिकार्ड बनाया है।
शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन 6 अप्रैल 2023 को एसईसीआई, एनटीपीसी और एनएचपीसी के बाद चौथी नवीकरणीय विद्युत कार्यान्वयन एजेंसी (आरईआईए) बन गई है। एसजेवीएन को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा रिश्वत-रोधी प्रबंधन प्रणाली (एबीएमएस) प्रमाणन से सम्मानित किया गया है, एसजेवीएन 13 सितंबर, 2023 को यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाला विद्युत क्षेत्र का प्रथम पीएसयू बन गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसजेवीएन ने सीएसआर गतिविधियों पर कुल 59.84 करोड़ रुपए का व्यय किया है, जो 36.46 करोड़ रुपए के संवैधानिक दायित्व से 23.38 करोड़ रुपए अधिक है।
एसजेवीएन ने इस वर्ष महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के साथ 200 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना क्षमता के लिए और 100 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ विद्युत खरीद करार पर हस्ताक्षर किए। चल रहे 1000 मेगावाट बीकानेर एसपीपी से 500 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड के साथ विद्युत उपयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
अपने गत सभी रिकॉर्डों को पार करते हुए एसजेवीएन ने वर्ष के दौरान 8,240 करोड़ रुपए का कैपेक्स हासिल किया है। इस वर्ष 10 हज़ार करोड़ का लक्ष्य है। भारत वर्ष की उन्नति के साथ एसजेवीएन अपना लगातार योगदान दे रहा है। एसजेवीएन 12 हज़ार लोगों को डायरेक्ट रोज़गार दे रहा है जबकि इनडायरेक्ट इम्प्लोयमेंट दोगुना अधिक बढ़ जाता है। एसजेवीएन करीब 25 हज़ार लोगों को रोज़गार उपलब्ध करवा रहा है।
एसजेवीएन ने वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट की कंपनी बनने के एक नए मिशन की परिकल्पना की है। यह कंपनी को पूरे भारत में सौर, पवन, हाइब्रिड, फ्लोटिंग सोलर, महासागर हाइब्रिड प्लेटफार्मों में विविधता लाकर नवीकरणीय पोर्टफोलियो को बढ़ाने में सक्षम बनाएगा। अधिकतर अवसर प्रति वर्ष 1-1.5 गीगावॉट की दर से परियोजनाएं जोड़ने के लिए सौर, पवन और हाइब्रिड (सौर+पवन) के लिए प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रियाओं के रूप में हैं। इसके अलावा, एसजेवीएन सरकारी एजेंसियों से परियोजनाओं के सीधे आवंटन की भी उम्मीद कर रहा है।
एसजेवीएन ने एक मजबूत फ्रेमवर्क के मूल्य एवं आवश्यकता को महसूस करते हुए सर्वोत्तम अभिशासन प्रथाओं को विकसित और कार्यान्वित किया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसजेवीएन ने कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व शीर्षों पर 59.84 करोड़ रुपए व्यय किए हैं। स्थापना के समय से आज तक; एसजेवीएन ने एसजेवीएन फाउंडेशन के माध्यम से विभिन्न विकासात्मक सीएसआर गतिविधियों और कार्यक्रमों पर 430 करोड़ रुपए से अधिक व्यय किए हैं। एसजेवीएन ने सीएमओ, चंबा और मेडिकल कॉलेज चंबा को कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक विभिन्न चिकित्सा वस्तुएं प्रदान कीं और वित्तीय सहायता के रूप में डीसी चंबा को 39.73 लाख रुपए जारी किए। जिला चंबा में स्तनपान कराने वाली और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण एवं स्वास्थ्य किट पर 100.70 लाख रुपए खर्च किए गए। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एसजेवीएन ने 295.89 लाख रुपए की राशि से चंबा जिले के 10 ब्लॉकों में स्थित 17 प्राथमिक विद्यालय भवनों का निर्माण किया। इसके अलावा एसजेवीएन ने जिला प्रशासन के सहयोग से स्थानीय युवाओं को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता के लिए 86.40 लाख रुपए की लागत से शैक्षिक ब्लॉक स्तर पर 18 पुस्तकालय स्थापित किए।
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने कहा कि बेहद चुनौतीपूर्ण हिमालयी भूविज्ञान में काम करने के बावजूद, एसजेवीएन सभी क्षेत्रों में नवीनतम आधुनिक तकनीकों का उपयोग करता है, जैसे किसी भी मात्रा की जल विद्युत परियोजनाओं की अवधारणा, अनुकूलन और विकास के लिए विशेषज्ञता प्राप्त करना। कंपनी परियोजनाओं के क्रियान्वयन विशेषकर उनके निर्माण चरण पर पूरा जोर देती है। प्रबंधन उन परियोजनाओं के लिए अनिवार्य अनुमोदन प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है जो निर्माण-पूर्व और निवेश अनुमोदन चरण में हैं।
उन्होंने कहा कि एसजेवीएन अपने उद्देश्य पर कायम है और व्यावसायिकता, जवाबदेही, सततशीलता, टीम भावना, उत्कृष्टता, नवाचार और विश्वास के अपने प्रमुख मूल्यों पर काम करने में विश्वास रखता है। एसजेवीएन में हम वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट के अपने नए मिशन को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के अपने साझा विजन को प्राप्त करने के लिए निरंतर अग्रसर हैं।