नशीले पदार्थों के अन्तर्राज्यीय अवैध व्यापार से सख्ती से निपटना आवश्यक : मुख्यमंत्री

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि नशीले पदार्थ एक अन्तर्राष्ट्रीय खतरा बन चुके हैं तथा इस समस्या से सख्ती के साथ निपटने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा यदि निकट भविष्य में हम अपनी पीढ़ियों को बचाना चाहते हैं, तो इस अंतर्राष्ट्रीय बुराई को समाप्त करने के लिये लोगों की भागीदारी ज़रुरी है।

मुख्यमंत्री आज कुल्लू में मादक अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईएनएसए) द्वारा ‘हिमाचल प्रदेश में नशीले पदार्थों की समस्या, सच्चाई की तलाश एवं समाधान’ विषय पर आयोजित नशीले पदार्थों पर नियन्त्रण के लिये राष्ट्रीय निधि (एनएफसीडीए) द्वारा वित्त पोषित तीन दिवसीय सम्मेलन के शुभारम्भ की अध्यक्षता कर रहे थे। वीरभद्र सिंह ने कहा कि नशीली दवाओं का व्यसन एवं दुरुपयोग अनेक परिवारों, समुदायों तथा कानून प्रवर्तन ऐजेन्सियों के लिये अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के कारण बहुमूल्य मानव जीवन समाप्त हो रहा है और अनेक लोगों के जीवन के उपयोगी वर्ष बर्बाद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व मादक द्रव्य रिपोर्ट के अनुसार विश्व में वर्ष 2013 के दौरान एक करोड़ 87 हजार मौतें नशीले पदार्थों से सम्बद्ध थीं और ये आंकड़ें इससे भी कहीं अधिक हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र होने के नाते हमें सांसारिक वस्तुओं पर अनावश्यक धन को खर्च करने से रोकने की आवश्यकता है तथा अपनी राष्ट्रीय निधि को वैध एवं अवैध नशीले पदार्थों से जानलेवा नुकसान को रोकने तथा इसके बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिये उपयोग में लाना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा कि अभी तक भारतवर्ष की आबादी एक अरब से अधिक हो चुकी है तथा निरन्तर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश असाधारण रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। यहां की संस्कृति, सामाजिक मूल्य, जनसंख्या तथा आर्थिकी में तेजी के साथ बदलाव आ रहा है तथा इन सभी दबावों का लोगों पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशीली दवाएं एवं मादक द्रव्य विकट समस्याएं हैं जिनसे छोटी आयु के स्कूली बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। जब व्यक्ति इन व्यसनों का आदी हो जाता है तो इसका कोई फर्क नहीं पड़ता कि व्यक्ति किस आयु अथवा सामाजिक रुतबे का है। उन्होंने कहा कि इन पदार्थों के निरन्तर सेवन के परिणाम सदैव दुःखद होते हैं। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थ हमारी पीढ़ियों को निशाना बना रहे हैं तथा ड्रग माफिया और तस्करों के बीच सम्पर्क पर पैनी नज़र रखते हुए इनसे सख्ती के साथ निपटने की आवश्यकता है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि जहां तक हमारे राज्य एवं पड़ौसी राज्यों का सम्बन्ध है, यहां पिछले कुछ समय से नशीली दवाओं का सेवन एवं इनका व्यापार एक गम्भीर मुद्दा बन चुका है। कानून प्रवर्तन एजेन्सियों को पड़ोसी राज्यों से अंतर्राजीय तस्करी को रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह पाया गया है कि पंजाब सीमा से लगते क्षेत्रों में ड्रग माफिया काफी सक्रिय है और हर हाल में इस पर अंकुश लगाने की ज़रुरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लम्बे अर्से से भांग की खेती एवं उत्पादन की गहरी जड़ें हैं तथा इसका लोगों की आजीविका से सीधा संबंध है और उनकी आय का मुख्य साधन है। उन्होंने कहा कि इसका संबंध हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति से भी है। ये क्षेत्र काफी दुर्गम हैं तथा यहां पहुंचने में दिनों लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां भांग और अफीम की ही खेती होती है तथा इन क्षेत्रों में यह लोगों की आजीविका का उत्तम साधन है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हिमाचल प्रदेश में इस समस्या से निपटने के लिए लोगों की आर्थिकी के लिए उन्हें केन्द्रीय राशि प्रदान करके नकदी फसलों व फलों के उत्पादन जैसे विकल्प उपलब्ध करवाने चाहिए ताकि लोग भांग व अफीम की खेती एवं उत्पादन से अर्जित होने वाली आय से अधिक कमा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में भांग एंव अफीम की खेती के लिए कुछ क्षेत्र जाने जाते थे, लेकिन विकल्प के रूप में इन क्षेत्रों में बागवानी विशेषकर सेब इत्यादि नकदी फसलों तथा दुर्गम क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण से कृषि व्यवस्था में बदलाव आया है और लोग अब अच्छी कमाई कर रहे हैं।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि नशीले पदार्थों तथा युवाओं में इनकी प्रवृति जैसी समस्याओं का निराकरण करते समय अन्य बहुत सी बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, जिनमें सिन्थेटिक नशीले पदार्थों का वैध अथवा अवैध तौर पर उत्पादन कर रहे मादक उद्योगों, जो सुव्यवस्थित दिखती हैं तथा इनकी एक सुनियोजित एवं प्रयोजक विपणन व प्रचार रणनीति है। ये उद्योग इन पदार्थों की खपत के पैटर्न पर सतर्कतापूर्वक अनुसंधान करते हैं तथा नई-नई मण्डियां विकसित करके नशीले पदार्थों को अवैध रुप से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए उच्च तकनीकों को अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी तथा देश को बचाने के लिए इस प्रकार के नेटवर्क से निपटना होगा।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *