"शिमला" के दर्शनीय स्थल

ऐतिहासिक इमारतों की नगरी व खूबसूरत वादियों से लबालब “शिमला”

बरसों पहले साधारण सा गांव था शिमला जिसे श्यामला के नाम से जाना जाता था। (शिमला का ओबराय होटल)

बरसों पहले साधारण सा गांव था शिमला जिसे श्यामला के नाम से जाना जाता था। (शिमला का ओबराय होटल)

कुछ वर्षों में हिमाचल प्रदेश ने पर्यटकों के लिए बहुत आकर्षक, विवधिता से पूर्ण, मनोहरी दृश्यों से पूर्ण, पर्वतारोहण, खोज पूर्ण, पर्वत भ्रमण स्थानों से भरपूर अदभूत प्रदेश की ख्याति प्राप्त कर ली है। ऐसे ही कुछ स्थानों के बारे में हम आपको हर बार विस्तार से जानकारी देते हैं। जिसके चलते हम इस बार आपको पहाड़ों की रानी शिमला के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। देवदार, वन, तोस के विशाल काय वृक्ष के मध्य पर्यटन स्थल, शिमला आज पहाड़ों  की रानी का दिल कहलाता है। यह एक साधारण सा गांव था जिसे श्यामला के नाम से जाना जाता था। श्यामला से शुमलाह बना जो बाद में शिमला हो गया। लैफटिनैंट रौस ने सबसे पहले शिमला में लकड़ी और घास से निर्मित झौंपड़ी बनाई। उस के बाद मेजर कैनेडी इस क्षेत्र का राजनीतिक अधिकारी हुआ। उससे सर्व प्रथम 1822 में पहला पक्का मकान बनवाया जिसे कैनेडी हाऊस के नाम से जाना गया। लार्ड एडकर्सट 1826 में कलकता से शिमला आया। इस प्रकार यह नगर देश की ग्रीष्म कालीन राजधानी बना। 1857 में प्रथम वायरस लार्ड लारेंस ने शिमला को कलकता के स्थान भारत की ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाया। इस प्रकार यह स्थायी राजधानी बन गया। 19वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में कलकता-शिमला रेल मार्ग का निर्माण हुआ और 6 नबंर 1903 को पहली रेलगाड़ी शिमला पहुंची। इस रेल मार्ग का रास्ता एक अनपढ़ ग्रामीण भलखु ने समझाया, आगे -आगे भलखु कुदाल से निशान लगाते हुए आगे बढ़ते गए और पीछे-पीछे अंग्रेज इंजीनियर चलते थे। उन्हीं भलखु से हिंदुस्तान तिब्बत मार्ग सर्वक्षण में सेवाएं ली गईं।
शिमला की रिज मानों शहर का दिल है। जहां रात-दिन मेले के समान चहल-पहल रहती है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी के

वाइल्ड फलावरहाल शिमला

वाइल्ड फलावरहाल शिमला

साथ यह ऐतिहासिक इमारतों की नगरी भी है। वायसरीगल लाज, स्नोडन, वाइल्ड फलावरहाल, रिटरीट, गास्टनहाल, होटल सेसिल, ऑकलैंड हाऊस, ईगल, माऊंट, उत्तम इमारतें हैं। रात की रोशनी में जगमगाता शिमला परीलोक का दृश्य दर्शाता है। जाखू शिमल की सबसे ऊंची पहाड़ी नगर से मात्र दो किलोमीटर बड़ी मनमोहर और रमणीक स्थान है। यहां से शहर का अत्यंत लुभावना दृश्य दिखता है। शिमला से दो किलोमीटर दूर चाडविक प्रपात सुंदरतम पिकनिक  स्पॉट है। यह झरना सैलानियों का केंद्र है। हिमाचल की कला-संस्कृति को राज्य संग्रहालय में देखा जा सकता है। प्राकृतिक रमणीयता के लिए महत्वपूर्ण स्थल कुफरी 23 किलोमीटर की दूरी पर है।

शिमला गैएटी

शिमला गैएटी

हसीन हरी भरी वादियों का अदभूत खुबसूरत नज़ारा देखने को मिलता है हिमाचल में। वहीं हिमाचल की राजधानी शिमला भी किसी जन्नत से कम नहीं है। यहां की खूबसूरती का दीदार करने न केवल देशों से बल्कि विदेशों से भारी तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं और वो सुकून महसूस करते हैं जो उन्हें कहीं नहीं मिलता।

हिमाचल में बहुत से प्राकृतिक सौंदर्य से लबालब खुबसूरत दिल को लुभाने वाले प्राकृतिक स्थल हैं। जो यहां एक बार आता है वो बार-बार यहां आने की ख्वाहिश जताता है। हिमाचल में नवम्बर से मार्च के आखिर तक अक्सर बर्फ पडऩे की संभावना बनी रहती है। बर्फ के दौरान यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को तो मानों जैसे चार चांद लग जाते हैं। बर्फ से ढकी हरी-भरी वादियां, रिज के आस-पास बर्फ की चादर ओढ़े रात के वक्त चांद की छांव में यहां की खुबसूरती को ओर ज्यादा रोमांचक बना देती हैं।

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One Response

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  1. Harendra kushwaha
    Jan 26, 2017 - 10:21 PM

    Hame achcha laga mai gya tha ghumane

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