शिमला शहर में ब्रिटिश काल के स्कूल…

इस बार हम आपको शिमला शहर के ब्रिटिश समय के इंडिया स्कूलों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जोकि ब्रिटिश इण्डिया शासनकाल के समय में बनाये गए थे। जो आज भी काफी प्रसिद्ध हैं। स्कूल शिक्षा के साथ-साथ अपनी पुरानी खूबसूरत इमारत के लिए भी खास पहचान कायम किए हुए हैं। हिमाचल के बच्चों के साथ-साथ आज भी बच्चे देश-विदेशों से शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। यहाँ से शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे न केवल देश में अपितु विदेशों में भी अहम पदों पर आसीन हैं।

सन् 1848 ई० को शिमला में खोला गया म्यूनिसिपल बोर्ड स्कूल शिमला का पहला शैक्षणिक संस्थान था। इसके बाद शिमला में ब्रिटिश इण्डिया शासनकाल में स्थापित किए गए स्कूल ये हैं-
विशप कॉटन स्कूल-वर्तमान बी०सी०एस० स्कूल ब्रिटिशकाल के विशाल और उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थानों में के से एक था। सन् 1858 ई० को भारत में विशप कॉटन सर्वप्रथम कलकत्ता महानगर में यूरोपीय और एंग्लो- इण्डियन को विशप की गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के आशय से आया।

bishop cotton school

सन् 1857 ई० के विद्रोह को सफलतापूर्वक दबाने पर ईश्वर का धन्यवाद करने के लिए ब्रितानिया सरकार ने यूरोपीय जवानों को पहाड़ी राज्य में प्रथम श्रेणी की शिक्षा देने के लिए शिमला में 28 जुलाई, 1859 ई० को रेव० विशप कॉटन ने स्कूल की स्थापना करवा कर 16 मार्च, 1863 ई० को जतोग छावनी में विशप कॉटन स्कूल खोला। भारत के वाइसरॉय सर जॉन लॉरेंस ने 26 सितम्बर, 1866 ई० को वर्तमान विशप कॉटन स्कूल की आधारशिला नॉवलज वुड के समतल भू-भाग पर रखी। 29 सितम्बर, 1868 ई० को स्कूल भवन बनकर तैयार हुआ तथा जतोग के छात्रों को इसमें लाया गया। सन् 1905 ई० को विशप कॉटन स्कूल का बहुत बड़ा भाग भीष्ण अग्नि की चपेट में आ गया था, जिसका ब्रिटिश सरकार द्वारा सन् 1907 ई० तक पुनर्निर्माण कर दिया गया था। सन् 1923 ई० को स्कूल में आयोजित डायमंड जुब्बली के अवसर भारत के वाइसरॉय लॉर्ड रीडिंग ने छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए। इस स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

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ऑकलैण्ड हॉऊस स्कूल-सन् 1866 ई० को हॉली लॉज जाखू में पंजाब गर्ल्स स्कूल यूरोपीय महिलाओं द्वारा खोला गया। यह सम्पत्ति ब्रिटिश अधिकारियों के मध्य क्रय-विक्रय होती रही लेकिन “ऑकलैण्ड हॉऊस” ब्रिटिश सरकार का सरकारी बंगला भी रहा है। सन् 1868 ई० को ऑकलैण्ड हॉऊस को कलकत्ता के विशप ने पंजाब गर्ल्स स्कूल ट्रस्टी के रूप में र आठ हजार में खरीदा। इसी वर्ष से यह स्कूल ऑकलैण्ड हॉऊस के नाम से विख्यात हुआ।1920 ई० में इस भवन का पुननिर्माण कर स्कूल को – आधुनिक भवन शिल्प के साथ बनाया गया। इस स्कूल के साथ बेल्वेडेर आदि अन्य भवनों को भी शामिल किया।

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जेजस एण्ड मेरी (चेल्सिया)- इस मिशनरी स्कूल की स्थापना सन् 1864 ई० को आर्क विशप ऑफ आगरा के संरक्षण में हुई। यह शिमला शहर का सबसे पुराना कॉन्वेंट स्कूल है। इस स्कूल को चलाने के लिए सन् 1842 ई० में ननज (Nuns) शिमला आ चुकी थी। इसके साथ सेंड बीडज कॉलेज भी चलाया गया। यहाँ सन् 1873 ई० को चेल्सिया प्रार्थना घर भी बनाया गया। सन् 1946 ई० को यह भवन भीषण अग्निकाण्ड में जलकर राख हुआ। लेकिन इसके बाद यह स्कूल शीघ्र ही बनकर पुनः उभरा है।
तारा हॉल स्कूल-इस स्कूल की स्थापना सन् 1895 ई० को आइरिश नन्स (Nuns) ने करवाई। सन् 1930 ई० को इस भवन का पुनर्निर्माण किया गया। इसके साथ समीप के भवन वीट फील्ड और दरभंगा हॉऊस को लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल तारा हॉल ने क्रय कर इन्हें भी स्कूल के साथ मिला दिया। यह स्कूल नब्बे के दशक में कुछ वर्षों तक सेक्रेट हॉर्ट स्कूल प्रबन्धन द्वारा चलाया गया। लेकिन अब लोरेटो नन्स (Nuns) द्वारा चलाया जा रहा है।
मेयो स्कूल-इस स्कूल की स्थापना सन् 1869 ई० को मिसिज टाईटलर द्वारा यूरोपीय अनाथ लड़कियों के लिए की गई थी। सन् 1872 ई० को यह संस्थान कमेटी के अधिगृहीत कर लिया था। इस स्कूल के सम्पूर्ण ढांचे का पुनर्निर्माण सन् 1904 ई० में किया गया।
क्राइस्ट चर्च स्कूल-स्कूल की स्थापना सन् 1878 ई० को की गई। इसका पुनर्गठन और पुनर्निर्माण सन् 1882 ई० में हुआ। सन् 1904 ई० को यह स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मिलाया गया।

loreto tara hall shimla

सेंट एडवर्ड स्कूल-सन् 1925 ई० को आइरिश क्रिश्चियन ब्रदर्स सोसाइटी ने शिमला में एडवर्ड स्कूल खोला। यह स्कूल आई० सी० एस० ई० से जुड़ा था। सन् 1950 ई० को इस स्कूल की दसवीं कक्षा को पंजाब विश्वविद्यालय से मान्यता मिली। सन् 1962 ई० से यह स्कूल हायर सेकेण्डरी स्कूल बना। सन् 1965 ई० से यह स्कूल आई०सी०एस०ई० से सम्बद्ध रहा तथा सन् 2008ई. से मान्यता ली है।

हिमालयन इन्टरनेशनल स्कूल-इस स्कूल की स्थापना सन् 1977 ई० को सरदार कुमेर सिंह एजुकेशन सोसाइटी छरावड़ा द्वारा की गई।
डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल संजौली-यह स्कूल सन् 1984 ई० को खोला गया।
अन्य स्कूल-सन् 1958 ई० में उच्च माध्यमिक शिक्षा के पुनर्गठन पर सन् 1962 ई० में कुछ स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्कूल बनाया गया। जिनमें लालपानी, पोर्टमोर, हारकोर्ट बटलर स्कूल (अब केन्द्रीय विद्यालय), डी० ए० वी० लक्कड़ बाजार, सेंट थॉमस, लेडी इरविन (अब दयानन्द) आदि स्कूलों के नाम शामिल हैं।

साभार: विशाल हिमाचल

गोपाल दिलैक

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