राज्य के दो वैटलैंडस रेणुकाजी एवं पौंग डैम के लिए एकीकृत प्रबन्धन परियोजनाओं पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

हिमाचल: प्रदेश राज्य वैटलैंडस प्राधिकरण ने वन विभाग (हि.प्र.) तथा जीआइजैड (GIZ) के सौजन्य से आज शिमला में राज्य के दो वैटलैंडस रेणुकाजी एवं पौंग डैम के लिए एकीकृत प्रबन्धन परियोजनाओं पर राज्य स्तरीय बहु.हितधारकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा जी.आइ.जैड.(GIZ) के द्वारा प्रदेश को जैवविविधता एवं जलवायु संरक्षण के लिए वैटलैंडस प्रबन्धन पर तकनीकी परियोजना स्वीकृत हुई है जोकि राज्य वैटलैंडस प्राधिकरण एवं वन विभाग (हि.प्र.) द्वारा वैटलैंडस इंटरनैशनल साउथ एशिया (WISA)के तकनीकी सहयोग से प्रदेश में कार्यन्वित की जा रही है। इस परियोजना द्वारा रेणुकाजी एवं पौंग डैम वैटलैंडस की एकीकृत प्रबन्धन परियोजनाएँ तैयार कर ली गई है।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के दो वैटलैंडस (रेणुकाजी एवं पौंग डैम) के एकीकृत प्रबन्धन योजनाओं पर प्रदेश के बहु-हितधारकों/प्रतिनिधियों जैसे जिला प्रशासन, वन, मत्स्यपालन, ग्रामीण विकास, पंचायतें, पर्यटन इत्यादि को विस्तृत जानकारी एवं आपसी विचार सांझा करना था। इसके अतिरिक्त एकीकृत प्रबन्धन योजनांओ को लागू करने के लिए विभिन्न विभागों में आपसी सामंज्स्य/तालमेल बिठाना तथा प्रस्तावित बजट की समीक्षा एवं वैटलैंडस में एकीकृत प्रबन्धन योजनाओं को भविष्य में लागू करने हेतु कार्यों पर अग्रिम योजना तैयार करना था।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि  डी॰सी॰ राणा, सदस्य सचिव, हि. प्र. राज्य वैटलैंडस प्राधिकरण ने अपने मुख्य भाषण में प्रदेश सरकार द्वारा वैटलैंडस के संरक्षण, एकीकृत प्रबन्धन योजनाओं को सुचारु रूप से लागू करने तथा भविष्य की योजना तैयार करने बारे विस्तृत जानकारी दी। रेणुकाजी एवं पौंग डैम वैटलैंडस पर मुख्य वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए तथा आपस में एकीकृत प्रबन्धन योजनाओं पर चर्चा की।  अनील ठाकुर, (APCCF)(WL) , वन प्राणी ने वैटलैंडस के बारे में वन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया।  सतपाल धीमान, संयुक्त सदस्य सचिव (हिमकॉस्ट) ने जिलों में जिलाधीश की अध्यक्ष्ता में वैटलैंडस समीतियों के गठन बारे प्रस्ताव रखा ताकि योजनाओं को सुचारु तरीके से कार्यान्वित किया जा सके। इस अवसर पर जीआइजैड(GIZ)  से  कुणाल भरत, वरिष्ठ सलाहकार द्वारा जैवविविधता एवं जलवायु परिवर्तन के लिए वैटलैंडस प्रबन्धन पर विचार सांझा किए। विभिन्न विभागों के लगभग 40 प्रतिभागियों ने इस अवसर पर भाग लिया।

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