बंजर भूमि का भी होगा उपयोग, सरकार देगी दो हजार प्रति किलोवाट सब्सिडी
आवेदन केवल ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे, जिन्हें हिमऊर्जा की वेबसाइट www.himurja.hp.gov.in के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा
10 से 27 जनवरी तक प्राप्त किए जाएंगे आवेदन, पहले आओ पहले पाओ के आधार पर स्वीकृत होंगे आवेदन : हिमऊर्जा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपाली ठाकुर
शिमला : हिमाचल प्रदेश में 20 मेगावाट सौर ऊर्जा के दोहन हेतु हिम ऊर्जा द्वारा एक और योजना को विज्ञाप्ति किया गया है, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा भी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इस योजना के अन्तर्गत कम से कम 250 किलोवाट और अधिकतम 1 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की जाएगी। हिमऊर्जा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपाली ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि इन परियोजनाओं की स्थापना से स्वरोजगार और रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा बंजर पड़ी निजी भूमि को भी उपयोग में लाया जाएगा। इन परियोजनाओं की स्थापना निजी भूमि पर की जाएगी। जो सम्भवत: बिजली बोर्ड के सबस्टेशन या वहां से गुजर रही 11 के.वी./ 22 के.वी. लाईन के समीप हों। यदि उपलब्ध निजी भूमि सब स्टोशन से दूर हो तो इस स्थिति में लाईन बिछाने का खर्च एवं विद्युत हानि आवेदक को वहन करनी होगी। अधिसूचना जारी होने के उपरान्त इन परियोजनाओं की स्थापना हेतु आवेदन/ प्रस्ताव आमन्त्रित किए गए हैं।
इसके लिए स्थाई हिमाचली निवासी व्यक्तिगत तौर पर आवेदन के लिए पात्र हैं। पार्टनरशिप फर्म तथा प्राइवेट लिमिटेड कम्पनियां भी आवेदन कर सकती हैं। बशर्ते इनमें स्थायी हिमाचलियों का शेयर 100 प्रतिशत हो।
प्रार्थी/ आवेदक को आवेदन पत्र के साथ 10,000 रूपए आवेदन शुल्क हिमऊर्जा के खाते में RTGS के द्वारा जमा करना होगा।

बंजर भूमि का भी होगा उपयोग, सरकार देगी दो हजार प्रति किलोवाट सब्सिडी
आवेदन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर स्वीकृत किए जाएंगे। आवेदन केवल ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे, जिन्हें हिमऊर्जा की वेबसाइट www.himurja.hp.gov.in के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा। आवेदन करने की प्रक्रिया तथा अन्य औपचारिकताओं की विस्तृत जानकारी हिमऊर्जा की वेबसाइट पर उपलब्ध है। आवेदन प्रपत्र के साथ आवेदक को निजी भूमि की उपलब्धता, धन की उपलब्धता, स्थाई हिमाचली प्रमाण पत्र तथा सबस्टेशन 11 के.वी./ 22 के.वी. विद्युत लाईन की उपलब्धता बारे उस क्षेत्र के सहायक अभियन्ता का प्रमाण पत्र तथा दस्तावेज आवेदन के साथ प्रस्तुत करने होंगे। निजी भूमि उपलब्ध न होने की स्थिति में किसी और व्यक्तियों की निजी भूमि पट्टे पर क्रय की जा सकती है जिसके लिए उन भूमि मालिकों की सहमति आवेदन के साथ उपलब्ध करनवानी होगी। परियोजना की स्थापना हेतु धन की उपलब्धता बारे किसी निजी व्यक्ति, संस्थान या बैंक से धन प्राप्त किया जा सकता है, जिसके लिए सम्बंधित व्यक्ति, संस्थान या बैंक की सहमति प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलगन करना होगा।
आवेदन 10 जनवरी 2022 से 27 जनवरी तक प्राप्त किए जाएंगें। आबंटित की जाने वाली कुल क्षमता केवल 20 मेगावाट है। जांच के उपरान्त योगय पाए गए आवेदकों को आबंटन पत्र जारी किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सीमित इन परियोजनाओं से उत्पादित ऊर्जा को हि.प्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा आबंटन की तिथि के समय निर्धारित क्रय दर पर अनिवार्य तौर पर क्रय करेगी। प्रति मेगावाट स्थापना लागत 4.00 करोड़ के लगभग आएगी। इसके अनुपात में आवेदन की गई क्षमता की लागत निर्धारित करनी होगी तथा आवेदक को निर्धारित लागत का 75 प्रतिशत राशि दर्शानी होगी।
एक आवेदक को केवल एक परियोजना आबंटित की जाएगी। यदि आवेदक व्यक्तिगत तौर पर पार्टनरशिप फर्म /प्राइवेट लिमिटिड कम्पनी के माध्यम से एक से अधिक परियोजनाओं के लिए आवेदन करता है, तो उस स्थिति में उसका कुल शेयर 1 मेगावाट से अधिक नहीं होना चाहिए। इस स्कीम के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 व 2019-20 में आबंटित परियोजना पर आवेदक यदि पुन: आवेदन करता है, उसके आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
परियोजना आबंटित होने पर हि.प्र. सरकार या भारत सरकार द्वारा ऋण प्रदान करने हेतु चलाई जा रही किसी भी स्कीम के तहत ऋण ले सकता है। राज्य सरकार प्रोजेक्ट लगने के बाद 2,000 प्रति किलोवाट वितीय सहायता भी प्रदान करेगी।