शिमला: चार साल के मासूम युग के अपहरण और निर्मम हत्या के दोषी राम बाजार के चंद्र शर्मा, गंज बाजार के तेजेंद्र पाल और दिल्ली के विक्रांत बख्शी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। इस बीच अदालत परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बक्शी को अदालत ने सजा-ए-मौत की सजा सुनाने के साथ अगले तीस दिनों तक उच्चन्यायालय में अपील करने का समय दिया है।
सीआईडी की ओर से पेश की गई 2300 पन्नों की चार्जशीट पर चले ट्रायल के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने 6 अगस्त को युग अपहरण और हत्या मामले में चंद्र शर्मा, तेजेंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को दोषी करार दिया था।
जिला एवं सत्र न्यायालय ने राम बाजार के चंद्र शर्मा, तेजेंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को आईपीसी की धारा 120 बी (षड्यंत्र), 364 (किडनैपिंग फॉर रेंडसम), 347 (कमरे में बंद रखा), 302 (मर्डर) और 201 (सबूत मिटाने) के के लिए दोषी करार दिया है। कोर्ट ने कुछ बिंदुओं पर दोनों पक्षों से क्लेरीफिकेशन मांगी। क्लेरीफिकेशन के बाद 21 अगस्त को दोनों पक्षों में कातिलों की सजा के ऊपर बहसबाजी हुई। युग अपहरण और हत्या केस में 20 फरवरी 2017 को ट्रायल शुरू हुआ था और 27 फरवरी 2018 को प्रॉसिक्यूशन विटनेस पूरी हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपियों के खिलाफ दोष साबित करने के लिए 105 गवाह पेश किए गए।
यह है मामला : राम बाजार के विनोद गुप्ता के 4 वर्षीय बेटे युग को 14 जून 2014 को किडनेप किया गया। मासूम को किडनेप करने के बाद आरोपी उसे राम चंद्रा चौक के पास एक किराये के मकान में ले गए। जहां उन्होंने युग को तरह-तरह की यातनाएं दी। हफ्ते भर मासूम को तड़पाने के बाद आरोपियों ने उसे भराड़ी स्थित एमसी के पेयजल टैंक में जिंदा ही फेंक दिया। 22 अगस्त को विक्रांत बख्शी की निशानदेही पर सीआईडी ने टैंक के अंदर और बाहर से युग ही हड्डियां बरामद की और राम बाजार के चंद्र शर्मा और तेजेंद्र पाल को अरेस्ट किया। 25 अक्टूबर 2016 को मामले में सभी तरह के एविडेंस जुटाकर सीआईडी क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में पहली चार्जशीट पेश की। उसके बाद दो और सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी पेश की गई। कुल मिलाकर क्राइम ब्रांच ने इस पूरे मामले में 2300 पन्नों की चार्जशीट जिला अदालत में पेश की है।