अन्तरराष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव में सांस्कृतिक संध्याओं के साथ-साथ यह कार्यक्रम भी रहेंगे आकर्षण का केंद्र...

अंतरराष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव में सांस्कृतिक संध्याओं के साथ-साथ यह कार्यक्रम भी रहेंगे आकर्षण का केंद्र…

शिमला: अन्तरराष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव इस वर्ष देश एवं प्रदेश की समृद्ध संस्कृति एवं पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य के साथ आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी आज यहां उपायुक्त शिमला राजेश्वर गोयल ने इस सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

   राजेश्वर गोयल ने कहा कि इस वर्ष अन्तरराष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव 03 से 06 जून तक ‘कार्नीवाल’ के रूप में आयोजित किया जाएगा तथा यह सुनिश्चित बनाया जाएगा कि ग्रीष्मोत्सव में सभी की भागीदारी हो। हर वर्ष की भांति ग्रीष्मोत्सव शिमला के एतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक सन्ध्याओं के साथ-साथ ग्रीष्मोत्सव की विविधता के रूप रिज मैदान के साथ-साथ आईस स्केटिंग रिंक, पदम देव परिसर, दौलत सिंह पार्क, रिज पर स्थित खुला रंगमंच, रिट्ज सिनेमा हाल, टाऊन हाल के सामने, इन्दिरा गाँधी खेल परिसर सहित कुछ अन्य स्थानों पर देखने को मिलेंगे।

उपायुक्त ने कहा कि 04 जून को मॉल रोड स्थित पुलिस नियन्त्रण कक्ष के सामने हिमाचली पारम्परिक वाद्य यन्त्रों पर आधारित बजन्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। 05 जून को इसी स्थान पर सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल, पुलिस तथा गृह रक्षकों की बैंड प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। बैंड प्रतियोगिता अग्रेंजी, पारम्परिक, शास्त्रीय तथा फिल्मी धुनों पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि 06 जून को गेयटी थियेटर में युवा राक बैंड प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

राजेश्वर गोयल ने कहा कि 05 तथा 06 जून को हिमाचली फिल्मों का फिल्म महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इस दौरान रिट्ज थियेटर एवं गेयटी थियेटर में हिमाचली फिल्में दिखाई जाएंगी।

उपायुक्त ने कहा कि 06 जून को आल इंडिया आर्टिस्ट ऐसोसिएशन एवं एपीजी तथा अन्य विश्वविद्यालयों के सौजन्य से ‘कार्नीवाल जलसा’ आयोजित किया जाएगा। कार्नीवाल जलसे में देश के 25 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के सांस्कृतिक दल एवं एपीजी तथा अन्य विश्वविद्यालयों के विदेशी छात्र अपने-अपने देश की पारम्परिक वेशभूषा में समृद्ध संस्कृति से सभी को रू-ब-रू करवाएंगे। कार्नीवाल जलसा अनेकता में एकता, वसुधैव कुटुम्बकम् तथा सर्वधर्म सम्भाव जैसी भारतीय अवधारणाओं पर केन्द्रित होगा। यह हिमाचल प्रदेश में अपनी तरह की पहली प्रस्तुति होगी। इन विश्वविद्यालयों के विदेशी छात्र 05 जून को सांस्कृतिक सन्ध्या में फैशन शो भी प्रस्तुत करेंगे।

राजेश्वर गोयल ने कहा कि एकल संगीत प्रस्तुतियां भी ग्रीष्मोत्सव में 03 से 06 जून तक मुख्य आकर्षण रहेंगी। इनमें शहनाई, मुसादा खंजरी, बांसुरी वादक तथा टमक दल अपनी कला का जादू बिखेरेंगे। शहनाई, मुसादा खंजरी, बांसुरी वादन की प्रस्तुति रिज पर स्थित खुले रंगमंच में तथा टमक दल की प्रस्तुति आईस स्केटिंक रिंक में होगी। 600 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा पारम्परिक हिमाचली वेशभूषा में 03 जून को नाटी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी।

उपायुक्त ने कहा कि 05 से 08 जून तक आल इंडिया आर्टिस्ट ऐसोसिएशन द्वारा रिज, मॉल रोड एवं अन्य चिन्हित स्थानों पर नुक्कड़ नाटक भी किए जाएंगे। 03 जून को गेयटी थियेटर में कवि सम्मेलन तथा 04 जून को ग़ज़ल एवं पहाड़ी कव्वाली प्रस्तुति भी होगी। 03 से 05 जून तक हैरिटेज वाक एवं शिमला स्थित विभिन्न संग्रहालयों का भ्रमण भी करवाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रदूषण नियन्त्र बोर्ड द्वारा ठोस कचरा प्रबन्धन विषय पर आमजन को जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

राजेश्वर गोयल ने कहा कि व्यंजन उत्सव, फल उत्सव, हथकरघा एवं हस्तशिल्प मेला, बेबी शो, डाग शो, मैजिक शो, कठपुतली शो, बहरूपिया प्रदर्शन तथा पुष्प प्रदर्शनी एवं पुष्पोत्सव आयोजन के अन्य आकर्षण रहेंगे। 04 से 06 जून तक इन्दिरा गांधी खेल परिसर में बैडमिन्टन, वालीवाल, जूडो तथा कराटे प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि 27-28 मई, 2019 को चित्रकला प्रतियोगिता, 01 जून को प्रशनोत्तरी प्रतियोगिता तथा 02 जून को फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन होगा।

राजेश्वर गोयल ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव विश्व मानचित्र पर अपनी विशिष्ट पहचान रखता है तथा जिला प्रशासन इस आयोजन को भव्यतम रूप प्रदान करने का हरसम्भव प्रयास करेगा।

 

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