आधुनिक ढंग के निर्माण शिल्प के साथ शिखरनुमा शैली में बना है मन्दिर गुफा मन्दिर में स्थापित है बाबा बालकनाथ की श्यामवर्णी संगमरमर की मूर्ति हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर की धौलगिरि पर्वतश्रेणी...
नगरकोट मन्दिर की धनराशि और वैभव से आकर्षित होकर महमूद गजनी ने 1009 ई. में कांगड़ा पर किया था आक्रमण कटोच राजाओं के पास मौजूद वंशावली में राजाओं के नामों का वर्णन है हम आपको इस बार राजपूती शासन...
लोमस ऋषि ने की थी रिवालसर झील के तट पर भगवान शिव की अराधना ‘छेश्चू‘ शब्द में ‘छ‘ का भाव पानी और ‘श्चू‘ का भाव है मेला पूजा में वाद्य यन्त्रों के स्वर के साथ ‘ओम् माने पेमे हूं‘...
इस बार हम आपको शिमला शहर के ब्रिटिश समय के इंडिया स्कूलों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जोकि ब्रिटिश इण्डिया शासनकाल के समय में बनाये गए थे। जो आज भी काफी प्रसिद्ध हैं। स्कूल शिक्षा के...
रानी अपने मायके से श्री राम की मूर्ति साथ लेकर आईं पुरातात्त्विक महत्त्व की संरचना श्री अयोध्यानाथ मन्दिर भी जिला के रामपुर उपमण्डल मुख्यालय में स्थित है। यह मन्दिर शिमला से 130 किलोमीटर की...
मशोबरा स्थल को पुराने समय में “मैशियार” के नाम से जाना जाता था मशोबरा- यह हिल स्टेशन शिमला-तत्तापानी सड़क पर शिमला से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। मशोबरा स्थल को पुराने समय में “मैशियार” के...
जम्मू के बसोहली से चम्बा आई थी रूमाल कला पहाड़ी हस्तकला लोक-शिल्प में ‘पहाड़ी-रूमाल‘ का महत्वपूर्ण स्थान है। ये रूमाल चम्बा, कांगड़ा, मण्डी, बिलासपुर तथा कृत्तु में बनते हैं। यह कला जम्मू...