किन्नौर के नमज्ञा डोगरी में बर्फ में दबे सभी जवानों के शव बरामद

चंबा : जरासू जोत में बर्फबारी का कहर, 250 भेड़-बकरियों की मौत

चंबा: जिला कुल्लू और जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बुधवार को मौसम ने करवट ली है। जिला कुल्लू में बारिश हुई तो वहीं लाहौल में हिमपात हुआ है। चंद्रा घाटी बर्फ से सफेद हो गई है। इसके अलावा रोहतांग दर्रा, बारालाचा, शिकुंला दर्रा, कुंजम दर्रा, अटल टनल क्षेत्र ने भी बर्फ की चादर ओढ़ ली। बर्फबारी से घाटी के पर्यटन कारोबारी के चेहरे भी खिल गए हैं। उधर, राजधानी शिमला में बुधवार को धूप खिली रही। ताजा बर्फबारी के कारण रोहतांग दर्रा पर्यटकों के लिए फिर बंद हो गया है। पुलिस ने पर्यटकों को संता-बंता मोड़ तक ही भेजा। इससे आगे किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं दी गई।

बड़ा भंगाल से होली होते हुए कांगड़ा की ओर 600 भेड़-बकरियों के साथ जा रहे भेड़पालकों पर चंबा के जरासू जोत में बर्फ कहर बनकर गिरी। हिमस्खलन और ठंड से लगभग 250 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र बड़ा भंगाल से होली होते हुए कांगड़ा की ओर जाने वाले भेड़पालक जलासू जोत में फंस गए। ये लोग 700 भेड़ बकरियों के साथ आगे बढ़ रहे थे, इस दौरान अचानक बर्फबारी शुरू होने से  हालात बिगड़ गए। बर्फ के नीचे दबने व ठंड की वजह से भेड़पालकों की 200 से अधिक भेड़ बकरियों की मौत हो गई है। इस बीच दो भेड़पालक भी घायल हुए हैं।

ग्रामीणों को इसकी सूचना मिलने पर प्रधान ग्राम पंचायत नयाग्रां अशोक कुमार की अगुवाई में ग्रामीणों ने मार्ग पर रावी के ऊपर स्थायी पुलिया का निर्माण कर उसे पार किया उसके बाद लोग जलासू जोत पहुंचे, जहां पर बर्फ में फंसे भेड़ पालकों को रेस्क्यू किया। घायल दो भेड़पालकों को स्वास्थ्य केंद्र होली लाया गया, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज टांडा भेज दिया है। इसके अलावा दो अन्य भेड़पालक कृष्ण कुमार और जोगिंद्र को सुरक्षित निकालने के साथ उनकी भेड़ बकरियों को भी निकाल लिया गया है। ये भेड़पालक जिला कांगड़ा के ग्वालटिक्कर के निवासी हैं।

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