नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने आज भारत रत्न मदन मोहन मालवीय की सालगिरह और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर मनाए जाने वाले सुशासन दिवस पर चार नई आईटी आधारित पहल की घोषणा की। वह एम्स ओपीडी परिवर्तन (ट्रांसफॉरमेशन) परियोजना के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एम्स में सेवाओं तक पहुंच के लिए मरीजों और नागरिकों को आसानी प्रदान करने की खातिर आईटी के उपयोग की परिकल्पना की गई है। यह टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा समर्थित है, जो सीएसआर पहल का हिस्सा है।
पहली पहल के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने ‘किलकारी’ की घोषणा की। एक बड़ी आईटी पहल के रूप में किलकारी एक ऑडियो आधारित मोबाइल सेवा है, जो परिवारों को गर्भावस्था, बच्चे के जन्म और उनकी देखभाल के बारे में साप्ताहिक संदेश भेजेगी। प्रत्येक गर्भवती महिला और शिशु की मां को मातृ एवं शिशु ट्रैकिंग प्रणाली (एमसीटीएस) में पंजीकरण करवाना होगा। यह नाम पर आधारित एक वेब प्रणाली है। यह सभी गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के लिए सेवाओं के पूरे स्पेक्ट्रम का वितरण सुनिश्चित करेगी और उन पर नजर रखेगी। इसमें महिलाओं को गर्भावस्था अथवा शिशु की एक निश्चित आयु तक साप्ताहिक तौर पर प्रासंगिक संदेश प्राप्त होंगे। इसमें लक्षित लाभार्थियों को चार माह की गर्भावस्था से लेकर शिशु के एक साल के होने तक कुल 72 संदेश भेजे जाएंगे। प्रत्येक संदेश की औसतन अवधि दो मिनट की होगी। इस तरह के संदेश महिलाओं एवं माता-पिता को सशक्त बनाएंगे और शिक्षित करेंगे ताकि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए एक बेहतर माहौल बनाया जा सके। इस सेवा को लभार्थियों को मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यान्वयन में पहले चरण में छह राज्यों में गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की माताओं को ये संदेश भेजे जाएंगे। ये राज्य हैं, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश तथा राजस्थान के एचपीडी। पहले चरण में इन संदेशों को हिंदी, अंग्रेजी और उड़िया भाषा में विकसित किया जाएगा। आगे चलकर पूरे देश तक पहुंचाने के लिए इन्हें दूसरी भाषाओं में भी तैयार किया जाएगा। इससे प्रतिवर्ष दो करोड़ गर्भवती महिलाओं और दो करोड़ शिशु लाभान्वित होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि मोबाइल आधारित नई एप्लीकेशन, मोबाइल एकेडमी विकसित की गई है। इन मोबाइल सेवाओं के उपयोग के लिए 90 लाख आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह उनके आंतरिक व्यक्तिगत कौशल को बढ़ाने में मदद करेगा। एक बार पंजीकृत होने के बाद एक आशा कार्यकर्ता अपने मोबाइल की मदद से 240 मिनट के कोर्स में प्रवेश कर सकती है। वे अपनी सुविधानुसार मानकीकृत पाठ्यक्रम को पूरा कर सकती हैं। डिजिटल बुकमार्क प्रौद्योगिकी आशा कार्यकताओं को अपनी गति से इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए सक्षम बनाती है। पूरे कोर्स को ग्यारह अध्यायों में बांटा गया है जिसमें प्रत्येक अध्याय में चार सबक हैं। प्रत्येक अध्याय के अंत में एक प्रश्नोत्तरी है। आशा कार्यकर्ता न्यूनतम निर्धारित से अधिक लाकर सफलतापूर्वक कोर्स पूरा कर सकती हैं। इसके उपरांत उन्हें सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
मंत्रालय की नई आईटी-आधारित पहलों के क्रम में नड्डा ने संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) को अधिक मरीज केंद्रित बनाए जाने की जानकारी दी। इसके लिए एक टोल फ्री नंबर 1 8 0 0–1 1–6 6 6 6 जारी किया गया है। मरीज को चौबीसों घंटे परामर्श और उपचार सहायता सेवाओं के लिए एक कॉल सेंटर शुरू किया जा रहा है। इस कॉल सेंटर में मरीजों को फीडबैक देने के लिए प्रशिक्षत कर्मी होंगे और वे छाती के रोगों के लक्षण वाले लोगों को आरएनटीसीपी सेवाओं से संबंद्ध अथवा रेफर करेंगे। स्वास्थ्यम मंत्री ने बताया कि इस पहल के तहत, कॉल करने वाला व्यक्ति एक मिस्ड कॉल दे सकता है या निदान एवं उपचार हेतु पूरी सहायता के लिए कॉल कर सकता है। यह पहल पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे राज्यों में शुरू की जा रही है।
नड्डा ने ‘एम-नशा उन्मूलन’ की भी घोषणा की। यह एक आईटी-युक्त उपकरण है, जो तंबाकू का सेवन करने वालों को तंबाकू छोड़ने में मदद करेगा। इसे एक हेल्पलाइन की अवधारणा पर बनाया गया है। यह एक मिस कॉल के आधार पर लाभार्थियों को पंजीकृत करेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि परामर्श दो-तरफा एसएमएस प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।