ऊना जिला प्रशासन की सख्त कार्रवाई, खनन पट्टे की शर्तों के उल्लंघन पर सतलुज स्टोन क्रशर की बिजली बंद

नई क्रशिंग गतिविधि पूर्णतः प्रतिबंधित..हालांकि प्लांट परिसर में पहले से स्टोर सामग्री की लोडिंग–ट्रांसपोर्टेशन की अनुमति बरकरार..ताकि स्टॉक का निपटान हो सके

डीसी बोले..खनन नियमों के उल्लंघन पर जारी रहेगी जिला प्रशासन की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति

ऊना: खनन पट्टे की शर्तों और हिमाचल प्रदेश खनिज नियमों के उल्लंघन पर ऊना जिला प्रशासन ने ललड़ी स्थित सतलुज स्टोन क्रशर एवं स्क्रीनिंग प्लांट की बिजली आपूर्ति तत्काल प्रभाव से बंद कर दी है। प्रशासन ने वहां नई क्रशिंग गतिविधि पर पूर्णतः रोक लगाई है, हालांकि पहले से संग्रहित सामग्री की लोडिंग और ट्रांसपोर्टेशन की अनुमति जारी रहेगी, ताकि स्टॉक का निपटान संभव हो सके।

जिला खनन अधिकारी नीरजकांत ने बताया कि पुलिस ने ओवरलोडिंग के अंदेशे से चार टिप्परों को जांच के लिए रोका था। ड्राइवरों द्वारा प्रस्तुत अनुमति पत्र और धर्मकांटे पर तौल के दौरान दस्तावेज़ों में दर्ज मात्रा और वास्तविक लोड के वजन में बड़ा अंतर पाया गया, जिससे ओवरलोडिंग और खनिज सामग्री के अवैध परिवहन की पुष्टि हुई। यह खनन नियमों और पट्टे की शर्तों का गंभीर उल्लंघन है, जिससे सरकारी राजस्व को हानि पहुंचती है।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने डीसी को कार्रवाई की सिफारिश की थी। उस पर उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने खनन विभाग को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। निर्देशों के अनुपालन में माइनिंग विभाग ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए विद्युत विभाग के माध्यम से क्रशर यूनिट की बिजली बंद कर दी है। नई क्रशिंग गतिविधि पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। हालांकि, प्लांट परिसर में पहले से संग्रहित मटीरियल की लोडिंग और परिवहन की अनुमति बरकरार रहेगी, ताकि स्टॉक का निपटान सुनिश्चित किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने इससे पहले भी नियम उल्लंघन के मामले में छेत्राँ क्षेत्र में संचालित एस.एस. स्टोन क्रशर की लीज निलंबित करने और बिजली आपूर्ति बंद करने की कड़ी कार्रवाई की है।

उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि अवैध खनन, नियम उल्लंघन और ओवरलोडिंग के मामलों पर जिला प्रशासन की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति जारी रहेगी। नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी इकाई के खिलाफ सख्त प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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