- हिमाचल सरकार ने भेजा केंद्र को प्रस्ताव
- 41.25 करोड़ से खरीदी जाएंगी 25 इलेक्ट्रॉनिक बसें
शिमला : हिमाचल एक ऐसा पहला प्रदेश बनने जा रहा है, जहां इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए हिमाचल सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया है। केंद्र ने भी राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी प्रदान कर दी है। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए हिमाचल में 7 सीटर ई-मैक्सिमों सहित 20 से 30 सीटर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। पहले चरण में हिमाचल को 25 इलेक्ट्रिक बसें मिलेगी। इस बस की कीमत 1.65 करोड़ होगी। इसका 90 फीसदी खर्च केंद्र सरकार, जबकि 10 फीसदी प्रदेश सरकार वहन करेगी। हिमाचल सरकार अपने हिस्से के शेयर को 10 फीसदी तक लाने के लिए प्रयासरत है। यही नहीं इलेक्ट्रिक बसों की बैटरी को रिचार्ज करने के लिए पावर स्टेशन भी खोले जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 25 बस स्टैंड पर पावर स्टेशन के लिए जमीन उपलब्ध करवाए जाने पर हामी भर दी है। ताकि जल्द से जल्द इन पावर स्टेशनों को खोला जा सके। इसके अलावा पेट्रोल पंपों पर भी पावर स्टेशन खोले जाने पर विचार चल रहा है। ये बसें सात से लेकर 30 सीटर होंगी। सात सीटर मैक्सी कैब शहरों में नजर आएंगी।
- इलेक्ट्रिक बस का शीघ्र होगा ट्रायल
हिमाचल इलेक्ट्रिक बस सेवा आरंभ करने के लिए जल्द ही ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभी 7 सीटर ई-मैक्सिमों का ट्रायल अंतिम चरण में चल रहा है। बद्दी, नालागढ़ व सोलन के बाद अब शिमला में अंतिम ट्रायल चल रहा है। इसकी रिपोर्ट एकाध दिन में निगम प्रबंधन को मिल जाएगी। इसके आधार पर ई-मैक्सिमों को चलाए जाने की योजना तैयार की जाएगी। एक बार ई-मैक्सिमों की बैटरी चार्ज करने के बाद करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकती है। इस लिहाज से जहां पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोगी साबित होगा, वहीं यह प्रयोग डीजल से चलने वाले वाहनों के मुकाबले में सस्ता भी होगा। इससे लोगों को बेहतर परिवहन सेवा उपलब्ध करवाने में सरकार को घाटा भी नहीं उठाना होगा।
केंद्र सरकार को इलेक्ट्रिक बसों को प्रस्ताव भेजने वाला हिमाचल पहला पर्वतीय राज्य है। पहले चरण में 25 इलेक्ट्रिक बसें चलाए जाने की योजना है। इन बसों को खरीने के लिए केंद्र 75 फीसदी पैसा देने के लिए राजी हो गया है। पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से हिमाचल के लिए इलेक्ट्रिक बसें काफी उपयोगी साबित होंगी।
- निगम के बेड़े में 15 नई वोल्वो बसें जाएंगी खरीदी
इसके अलावा परिवहन निगम के बेड़े में 15 नई वोल्वो बसें खरीदी जाएंगी। प्रदेश सरकार ने हिमाचल में डीजल वाले ऑटो पर पहले ही प्रतिबंध लगाया है। प्रदेश सरकार ने अब फैसला लिया है कि इलेक्ट्रॉनिक व सीएनजी ऑटो चलाने के लिए भी परमिट जारी किए जाएंगे।
- बाहरी राज्यों से 10 साल पुराने डीजल वाहनों की खरीद पर रोक
- एक जनवरी 2016 से नहीं होगा ऐसे वाहनों का पंजीकरण
हिमाचल सरकार ने बाहरी राज्यों से 10 साल पुराने डीजल वाहनों की खरीद पर रोक लगा दी है। ऐसे वाहनों का एक जनवरी 2016 से प्रदेश में पंजीकरण नहीं होगा। डीजल के नए वाहनों का पंजीकरण शुल्क भी दोगुना करने का निर्णय लिया है। उधर सरकार ने सीएनजी और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन देने को बड़ी छूट दी है। इन वाहनों की खरीद पर अब न तो पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा और न ही रोड टैक्स लगेगा। अगले साल से 15 साल पुरानी कॉमर्शियल मैक्सी कैब भी नहीं चल सकेंगी। हिमाचल परिवहन निगम की नौ साल से अधिक पुरानी बसें भी सड़क पर नहीं दिखेंगी। एनजीटी के निर्देशों पर सूबे में प्रदूषण को कम करने के लिए प्रदेश सरकार ने उक्त कड़े फैसले लिए हैं। सीएनजी डिपो, इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टेशन खुलेंगे
- सीएनजी डिपो, इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टेशन खुलेंगे
सोमवार को शिमला में परिवहन मंत्री जीएस बाली ने प्रेसवार्ता में कहा कि दिल्ली और अन्य राज्यों में पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में इन राज्यों के लोग अपने वाहनों को सस्ते दामों में बेच रहे हैं। हिमाचल में ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहन न पहुंचें, इसके चलते बाहरी राज्यों के 10 साल पुराने वाहनों का पंजीकरण न करने का फैसला लिया गया है। आरटीओ के अलावा अब परिवहन विभाग के आयुक्त को भी पंजीकरण की शक्तियां दी गई हैं।
जीएस बाली ने कहा कि धर्मशाला, मनाली, शिमला और डलहौजी में सीएनजी डिपो खुलेंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए 25 पावर स्टेशन भी चयनित किए जाएंगे, जहां पर वाहनों की बैटरी चार्ज की जा सकेगी। केंद्र सरकार से पावर प्वाइंट के लिए नि:शुल्क बिजली की मांग की जाएगी।