हि.प्र. प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने निपटाए 28873 मामले

प्रो. धूमल द्वारा मानहानि मामले में की याचिका रद

शिमला : जिला शिमला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की ओर से दायर मानहानि याचिका को रद कर दिया है। न्यायालय में मानहानि होने का मामला साबित नहीं हो पाया। इससे जुडे़ पर्याप्त साक्ष्य में ऐसा कोई सुबूत नहीं मिल सका कि धूमल की मानहानि हुई थी। इस कारण पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा व कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता मोती लाल वोरा इस मामले में पाक साफ निकले। दोनों नेताओं के खिलाफ धूमल ने मानहानि की याचिका दायर की थी।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रणजीत सिंह ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड व साक्ष्यों को देखने के बाद मानहानि से जुड़ी याचिका को रद करने का आदेश जारी किया। धूमल ने आरोप लगाया था कि दोनों नेताओं ने वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव के दौरान उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के झूठे व आधारहीन आरोप लगाए थे। ये आरोप मीडिया के समक्ष प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से लगाए गए थे जिनसे उनके सामाजिक व राजनीतिक जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा। उन्हें विधानसभा चुनाव में हानि पहुंचाने के उद्देश्य से झूठे आरोप लगाए गए थे। धूमल ने अपनी मानहानि समझते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिमला के समक्ष आपराधिक शिकायत दर्ज कर दोनों कांग्रेस नेताओं को दंडित किए जाने की गुहार लगाई थी। धूमल ने अरोप साबित करने के लिए कई गवाहों को पेश किया। वह आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में नाकाम रहे। इसी मामले में कुछ महीने पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमीरदर सिंह माफी मांग चुके हैं। इस कारण धूमल ने मानहानि मामले से उनका नाम वापस ले लिया था।

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