शिमला : पी. चिदम्बरम मामले को किसी सरकार के साथ जोड़ना उचित नहीं है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र के चौथे दिन पी. चिदम्बरम की गिरफ्तारी पर काँग्रेस द्वारा किये गए नारेबाजी व वाकआउट पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को मामले की जानकारी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पी. चिदम्बरम को एक साल से जमानत मिली थी, लेकिन अब हाई कोर्ट ने जमानत से मना कर दिया और वह अंडरग्राउंड हो गए। जजमेंट में सटीक टिप्पणी में उन्हें मुख्य आरोपी माना गया है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में भी जमानत के लिए अर्जी लगाई, वहां जमानत नहीं मिली मामला विचाराधीन रखा गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला नहीं है इसमें पूरे तथ्य है। पैसों की लेन- देन की पूरी रिकॉर्डिंग है। इसीलिए ऐसी परिस्थिति में यह बात राजनीतिक दृष्टि से उठाने की कोशिश करना उचित नहीं है। पी. चिदम्बरम कानूनविद है उन्हें जांच में पूरा सहयोग करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ऐसा मामला जिसमें 305 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। ईडी व सीबीआई दोनों इस नतीजे पर पहुंची की इस मामले में गिरफ्तारी लाजमी है, तभी जाकर चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई है ताकि जांच सही दिशा में आगे बढ़ सके। ऐसी परिस्थिति में मुख्य अभियुक्त के रूप में उनका व उनके बेटे का नाम है। सीबीआई व ईडी का मानना है पी. चिदम्बरम का नाम नहीं हटाया जा सकता। ऐसी परिस्थिति में उनकी गिरफ्तारी हुई है।