शहतीर मात्र लकड़ी के खम्बे नहीं देवता के इतिहास के द्योतक मंदिर की शुद्धि तथा पुनः प्रतिष्ठा का भी प्रतीक कुल्लू घाटी की यात्रा के दौरान देखने में आया है कि अनेक गाँवों के एक छोर के विशाल...
हिमाचल में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए हर वर्ष मेले, त्योहार और उत्सव मनाए जाने की रीत रबी और खरीफ की फसल आने पर त्योहारों और उत्सवों को मनाने का अनूठा रिवाज़ हिमाचल प्रदेश देवभूमि है।...
मंदिर के भीतर शिव और पार्वती की पाषाण प्रतिमाएं दर्शनीय हैं मगरू महादेव मंदिर,छतरी, थुनाग, मंडी छतरी गांव का मगरू महादेव मंदिर नामक भव्य स्मारक अपनी अदभुत काष्ठकला के लिए विख्यात है। 13वीं...
श्री चामुण्डा नंदिकेश्वर धाम रियासतीकाल में त्रिगर्तगण (वर्तमान कांगड़ा) का उत्तरी द्वारपाल माना जाता था हिमाचल प्रदेश की धौलाधार पर्वत श्रृंखला में बसा कांगड़ा जिले का शिव–शक्ति धाम...
आधुनिक ढंग के निर्माण शिल्प के साथ शिखरनुमा शैली में बना है मन्दिर गुफा मन्दिर में स्थापित है बाबा बालकनाथ की श्यामवर्णी संगमरमर की मूर्ति हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर की धौलगिरि पर्वतश्रेणी...
लोमस ऋषि ने की थी रिवालसर झील के तट पर भगवान शिव की अराधना ‘छेश्चू‘ शब्द में ‘छ‘ का भाव पानी और ‘श्चू‘ का भाव है मेला पूजा में वाद्य यन्त्रों के स्वर के साथ ‘ओम् माने पेमे हूं‘...
बुशहर रियासत के टीका रघुनाथ सिंह ने सन 1895 ई. को स्थापित करवाया शिमला जिला के रामपुर उपमंडल में समुद्रतल से 1000 मीटर की ऊंचाई पर बौद्ध मंदिर रामपुर बस स्टैंड के पास स्थित है। रामपुर में तिब्बतीयन...
