त्यौहार व मेले (Page 3)

"सायर उत्सव" खुशहाली और समृद्धि का पर्व

हिमाचल: तीज-त्यौहार हमारी संस्कृति के परिचायक ; “सायर उत्सव” खुशहाली और समृद्धि का पर्व

सायर उत्सव  त्यौहार और मेले हिमाचल के लोगों के सांस्कृतिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ऋतुओं ने भी त्यौहारों को विशिष्ट स्वरूप देने में भूमिका निभाई है। हरेक ऋतु से जुड़े हुए त्यौहार हैं।...

माखनचोर कान्हा के जन्मोत्सव की धूम... श्रीकृष्ण का अवतरण होते ही वसुदेव–देवकी की खुल गईं बेड़ियाँ

जब…श्रीकृष्ण का अवतरण होते ही वसुदेव–देवकी की खुल गईं बेड़ियाँ

कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियां पूरे जोर-शोर से कई दिनों से की जा रही हैं क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। उनकी बाल लीलाओं से...

भाई-बहन के प्यार और सदभावना से भरा त्यौहार "रक्षाबन्धन"

भाई-बहन के प्यार और सदभावना से भरा त्यौहार “रक्षाबन्धन”

प्राचीन काल से चल आ रहे त्यौहारों में से एक बहुत ही आर्दश प्रेम प्रतीकण् सद्भावनों से भरा हुआ त्यौहार रक्षाबन्धन माना गया है। कच्चे धागा का बन्धन समाज के लोगों में एक आदर्श प्रस्तुत करता है।...

चंबा का "मिंजर" रघुवीर व लक्ष्मी नारायण जी को समर्पित

परंपरागत ढंग से शताब्दियों से मनाया जा रहा है “चंबा का मिंजर”

चंबा का “मिंजर” रघुवीर व लक्ष्मी नारायण जी को समर्पित चंबा का यह सुप्रसिद्ध वर्षा ऋतु का मेला श्रावण मास के तीसरे रविवार को बड़ी धूमधाम से परपरागत ढंग़ से शताब्दियों से मनाया जा रहा है।...

अपने इतिहास, संस्कृति व पर्यटन के लिए विख्यात… “डोडरा-क्वार”

डोडरा-क्वार की सांस्कृतिक यात्रा खेत-खलियान और बड़े-बड़े हरे पेड़ पौधों में अपनेपन का एहसास हिमाचल अपने सौंदर्य, इतिहास,संस्कृति व पर्यटन के लिए अपनी विश्वभर में शानदार पहचान बनाए हुए है। ये...

स्थानीय संस्कृति व मेल-मिलाप के परिचायक हिमाचल के "मेले”

स्थानीय संस्कृति, मेल-मिलाप, हर्षोल्लास व आमोद-प्रामोद के परिचायक हिमाचल के मेले

हिमाचल के प्रसिद्ध मेले स्थानीय संस्कृति को संजोये हुए हिमाचल के “मेले” रहस्यमय स्थानों व  गुफाओं के लिए भी प्रसिद्ध हिमाचल की घाटियां पहाड़ी इलाकों में सर्वत्र सामाजिक जीवन बड़ा...

बिशु मेला: हिमाचल की लोक गाथाओं, नृत्यों और मेलों में झलकता है सदियों पुराना इतिहास 

बिशु आयोजन के दिन सबसे पहले की जाती है कुलदेवता की पूजा पहाड़ वासियों ने लुप्त हो रही सांस्कृतिक परंपरा को जैसे-तैसे करके जीवित रखा है शिमला और सिरमौर में अप्रैल-मई में किया जाता है बिशु मेले...