लाहौल-स्पीति के एक गांव का नाम क्यों पड़ा चंडीगढ़ सेक्टर-13…!

लाहौल-स्पीति में हाईवे से सटा यह गांव टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र

लाहौल-स्पीति: लाहौल-स्पीति के एक गांव का नाम चंडीगढ़ सेक्टर-13 पड़ा है। इस गांव के नाम के पीछे की कहानी काफी रोचक है। लाहौल-स्पीति के काजा उपमंडल से करीब 33 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ सैक्टर-13 गांव बसा है। यह सैलानियों के लिए भी काफी आकर्षण का केंद्र रहता है।

बताया जाता है कि 80 के दशक में जब चीन सीमा पर विवाद बढ़ा तो स्पीति में बॉर्डर से सटे कौरिक गांव के ग्रामीणों को वहां से हटाना पड़ा। कहा जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने उस दौरान जब बॉर्डर का दौरा किया तो उन्होंने इस गांव के 33 परिवारों से वायदा किया कि उन्हें पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में बसाया जाएगा लेकिन किन्हीं वजहों से यह वायदा पूरा नहीं हो पाया। सेना ने फौरी तौर पर कौरिक गांव के इन परिवारों को सीमा से करीब 60 किलोमीटर पीछे जमीन देकर शिफ्ट कर दिया और पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर ने इसे चंडीगढ़ नाम दिया।

रैवेन्यू रिकॉर्ड में भी इस गांव का नाम चंडीगढ़ दर्ज किया गया। बाद में ग्रामीणों ने इस गांव का नाम चंडीगढ़ सेक्टर-13 रखा क्योंकि चंडीगढ़ में सेक्टर-13 नहीं है। हालांकि अब हाल ही में चंडीगढ़ के मनीमाजरा में सेक्टर-13 बनाया गया है। लाहौल-स्पीति में हाईवे से सटा यह गांव अब टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है।

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