नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बोले- प्रियंका गांधी के हिमाचल में घर बनाने से क्या फायदा हुआ स्पष्ट करें मुख्यमंत्री?

शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस आला कमान को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि जिस आत्मविश्वास और दम के साथ प्रियंका गांधी समेत सभी नेताओं ने हिमाचल में विधानसभा चुनाव के दौरान झूठी गारंटियां देकर हिमाचल में लोगों के वोटों पर डाका डाला था। आज 3 साल बीतने के बाद भी उनका कोई नाम लेवा नहीं है। प्रियंका गांधी खुद हिमाचल प्रदेश आईं और रिज मैदान पर सरकारी कार्यक्रम के नाम पर राजनीतिक बयानबाजी की लेकिन एक बार भी अपनी ही दी हुई गारंटियों के बारे में सरकार से एक प्रश्न नहीं पूछा। प्रदेश के लोग इंतजार कर रहे थे जिन लोगों ने 3 साल पहले गारंटियां दी थी, आज वह उनके हिसाब भी देंगे। लेकिन सभी नेता सिर्फ इधर-उधर की बात करके चले गए। हां सरकारी मंच को राजनीतिक लाभ के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जबकि हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावितों के लिए जो कुछ भी हुआ है वह केंद्र सरकार की मदद से ही संभव हुआ है। इसके बाद भी केंद्र सरकार की मदद के लिए उनका आभार जताने के बजाय उन पर ही छींटाकसी की गई। एडीबी द्वारा, वर्ल्ड बैंक द्वारा, सभी एक्सटर्नल फंडेड प्रोजेक्ट्स द्वारा प्रदेश में लगभग हजारों करोड़ रुपए के जो काम चले हुए हैं, वह क्या केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है? क्या उनका 90% हिस्सा केंद्र सरकार नहीं वहन करेगी?

जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 5500 करोड़ से ज्यादा की आर्थिक सहायता हिमाचल प्रदेश को आपदा के नाम पर दी गई है। प्रधानमंत्री ने 1500 करोड़ का अतिरिक्त पैकेज अलग से घोषित किया है। जो सरकार 5500 करोड रुपए केंद्र से लेकर आपदा प्रभावितों को 300 करोड रुपए भी नहीं दे पाई है वह किस मुंह और नैतिकता से केंद्र सरकार से प्रश्न कर रही है। सरकार के लोग चाहते हैं कि पैसा उनकी जेब में आए तो उनकी जेब में केंद्र से पैसा नहीं आएगा। केंद्र से जो भी पैसा आता है वह आपदा प्रभावितों के लिए प्रदेश के भले के लिए आता है। जिसे परियोजनाओं पर ही खर्च करना होता है। बीते कल ही हिमाचल प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के लिए 1361 प्रधानमंत्री आवास के लिए 34 करोड़ों रूपए और एकीकृत बागवानी मिशन के लिए 25 करोड़ केंद्र द्वारा स्वीकृत हुए हैं। आए दिन हिमाचल प्रदेश को किसी न किसी प्रकार की केंद्रीय सहायता मिलती रहती है। इसके बाद भी मुख्यमंत्री और मंत्री सामान्य शिष्टाचार के नाते आभार व्यक्त करने के बजाय गला फाड़ फाड़ कर केंद्र को कोसते हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि रिज मैदान पर सरकारी कार्यक्रम के नाम पर राजनैतिक कार्यक्रम किए गए। रिज मैदान की अपनी एक गरिमा है और वहां पर प्रधान मंत्री के अलावा किसी को भी राजनैतिक रैली करने की इजाजत नहीं है। अगर  यह सरकारी कार्यक्रम था तो इस मंच पर सरकार की उपलब्धियों का जिक्र होना था। सरकार की योजनाओं की बात होनी थी। लेकिन मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस के आला कमाने भी इस मंच का उपयोग झूठ बोलने के लिए किया। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार में मुख्यमंत्री हमेशा बड़े मंचों और महत्वपूर्ण अवसरों को तुच्छ राजनीति की भेंट चढ़ा देते हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रियंका गांधी कहती हैं कि हिमाचल सरकार पीआर, सोशल मीडिया के भरोसे नहीं पब्लिक कनेक्ट से काम करती है। तो क्या कैमरे की फौज लेकर लोगों के बीच जाने वाले, मोजे पहन कर खेती करने वाले राहुल गांधी पीआर स्टंट नहीं कर रहे हैं? हिमाचल प्रदेश की सरकार सिर्फ झूठ और पीआर के भरोसे ही चल रही है। सुक्खू सरकार जिस योजना पर 10 लाख रुपए खर्च करती हैं उस योजना के विज्ञापन पर 10 करोड रुपए खर्च करने पर भी हिचकती नहीं है। इस सरकार ने महिला सम्मान निधि किसी को नहीं दी लेकिन प्रदेश के कोने में महिला सम्मान निधि के पोस्टर लगवा दिए। सरकार की योजनाएं जो जमीन पर उतरी ही नहीं या जिन्हें इस सरकार ने बंद कर दिया उनके पोस्टर बैनर से प्रदेश के कोने-कोने भरे पड़े हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री द्वारा जब अपने झूठे काम के प्रचार से भी दिल नहीं भरा तो उन्होंने करोड़ों रुपए खर्च करके भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को गाली देने का अलग कार्यक्रम शुरू किया है। इस प्रदेश के नेता कितने बेशर्म हैं कि ₹50000 की इंजेक्शन ना देकर एक बेटी के फिर से पिता का साया छीन लेते हैं, किसी मां के कंगन गिरवी रखवाते हैं तो किसी बहन बेटी को मंगलसूत्र बेचकर इलाज करने के लिए विवश करते हैं, लेकिन विपक्ष को गाली देने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाते हैं। इसलिए प्रियंका गांधी द्वारा यह कहना कि उनकी पार्टी सोशल मीडिया और पब्लिसिटी से नहीं चलती है से साफ होता है उन्हें अपने पार्टी की कार्यशैली ही नहीं पता है।

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