प्रदेश में एस्ट्रो टूरिज्म से पर्यटन को व्यापक स्तर पर दिया जा रहा प्रोत्साहन, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

जुलाई, 2025 तक करीब 1,58,580 देशी और 4,570 विदेशी पर्यटकों ने स्पीति और लांगजा की खुबसूरत वादियों को निहारा

सरकार के प्रयासों से सीमा पर्यटन गतिविधियों को मिला बढ़ावा

शिमला : हिमाचल प्रदेश में पर्यटन के विविध आयामों को विस्तार प्रदान किया जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र में नवाचार पहल के तहत हिमाचल को एस्ट्रो-टूरिज्म गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिला लाहौल-स्पीति के काजा में स्टार गेजिंग सुविधा का शुभारम्भ किया है। इससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी तथा पर्यटकों की अधिक आवाजाही सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री का कहना है कि पर्यटन के क्षेत्र में यह एक नए अध्याय की शुरूआत है। स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए उच्च स्तरीय कम्प्यूटरीकृत दूरबीन प्रदान की गई है। स्पीति का स्वच्छ वातावरण खगोल पर्यटन और स्टार गेजिंग गतिविधियों के लिए सर्वाेत्तम है, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक दूरबीनों के माध्यम से स्टार गेजिंग कर सकेंगे। सरकार की इस अभिनव पहल से स्पीति एस्ट्रो-टूरिज्म गतंव्य के रूप में स्थापित होगा। काजा, लांगजा और रंगरिक क्षेत्रों के लोग इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आगे आ रहे हैं। लाभार्थियों को बुधवार को दूरबीन संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
प्रदेश सरकार राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा प्रदान कर रही है। स्पीति के 14,500 फुट पर स्थित लांगजा को जीवाश्म गांव के रूप में भी जाना जाता है। यहां पर पुरातन जीवाश्म पाए गए हैं। घाटी के ग्रामीणों का मानना है कि लांगजा देवी-देवताओं का घर है। सरकार की इस प्रकार की पहलों से राज्य के अनछुए गंतव्यों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस पहल से क्षेत्र में खगोलविद और अंतरिक्ष विज्ञान में रूचि रखने वाले शोधकर्ता, पर्यटक स्टार गेजिंग के साथ स्पीति के अनुपम सौन्दर्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत देख और जान सकेंगे। सरकार की यह पहल विज्ञान और संस्कृति को जोड़ने का काम कर रही है। इससे क्षेत्र में होम-स्टे और होटल उद्यमियों को भी लाभ मिलेगा। जुलाई, 2025 तक लगभग 1,58,580 देशी और 4,570 विदेशी पर्यटकों ने स्पीति और लांगजा की खुबसूरत वादियों को निहारा।
प्रदेश सरकार के सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास सार्थक साबित हो रहे हैं। भारत और चीन सीमा व्यापार फिर खोलने पर सहमत हो गए हैं और शिपकी-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा करवाने की सहमति बनी है। भारत और चीन तीन निर्दिष्ट व्यापारिक बिंदुओं- लिपुलेख, शिपकी-ला और नाथू-ला दर्रों से सीमा व्यापार फिर खोलने पर सहमत हो गए हैं।

प्रदेश सरकार की यह पहल पारम्परिक सीमा व्यापार को नया जीवन प्रदान करने और हिमाचल प्रदेश में पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक विकास के नए रास्ते खोलने में सहायक होगी। पर्यटन मंत्रालय द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया है कि किन्नौर के शिपकी-ला पास से अतिरिक्त मार्ग के रूप में मानसरोवर यात्रा को शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार कानूनी औपचारिकताओं को पूर्ण करने के लिए अब केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के समक्ष यह मामला उठाएगी।

सम्बंधित समाचार

Comments are closed