ऊना: ऊना जिले में इस मानसून सीजन के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक लगभग 340 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि इसमें लोक निर्माण विभाग को 191 करोड़ तथा जलशक्ति विभाग एवं स्वां नई बाढ़ प्रबंधन परियोजना को लगभग 125 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। अन्य विभागों और निजी संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे कई परिवार प्रभावित हुए हैं।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों के अनुरूप सभी प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद सुनिश्चित की गई है और प्रशासन राहत एवं बहाली कार्यों में पूरी गंभीरता और तत्परता से जुटा हुआ है।
उन्होंने यह जानकारी बुधवार को शिमला से ऑनलाइन माध्यम से आयोजित मुख्यमंत्री की आपदा समीक्षा बैठक के उपरांत दी। बैठक में मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत दौरा कर जमीनी स्तर पर राहत व पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही, आपदा में बेघर हुए परिवारों को सरकार की ओर से मासिक किराया प्रदान करने की सुविधा से अधिक से अधिक लाभान्वित करने पर भी बल दिया।
बता दें, वर्तमान में हिमाचल सरकार द्वारा विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार रुपये मासिक किराया बेघर परिवारों को प्रदान किया जा रहा है। सरकार अधिक परिवारों को लाभान्वित करने के लिए किराया देने की शर्तों में ढील देने पर भी विचार कर रही है।
उपायुक्त ने बताया कि जिले में अब तक 24 पक्के और 81 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि 381 पक्के और 543 कच्चे मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। इसके अतिरिक्त 35 दुकानें और 503 पशुशालाएं भी प्रभावित हुई हैं। अधिकांश मार्ग बहाल कर दिए गए हैं, जबकि बंगाणा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन से बाधाएं बनी हुई हैं और वहां बहाली कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
इस दौरान उपायुक्त के साथ डीसी कार्यालय के एनआईसी कक्ष में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भाटिया, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता हर्ष पुरी, जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेश धीमान, जिला राजस्व अधिकारी अजय कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।