केलांग: जिला के दिव्यांग जनों को मिलने वाली राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं को मुहैया करवाने के लिए आधार कार्ड की तर्ज पर स्वावलंबन कार्ड बनाने की योजना केन्द्र सरकार द्वारा बनाई गई है यह जानकारी उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार ने आज जिला के सभी दिव्यांग जनों के स्वावलंबन कार्ड बनाने के संदर्भ में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज का अभिन्न अंग है और दिव्यांग जनों को केंद्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सुविधाओं को जिला के सभी दिव्यांग जनों तक पहुंचाना विभाग का दायित्व है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पूर्व में दिव्यांगजनों का जो दिव्यंगता पहचान पत्र जारी किया गया है उसकी अवधि 10 वर्ष तक होती है लिहाजा भारत व प्रदेश सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार जिला ऐसे सभी पहचान पत्र धारकों का स्वावलंबन कार्ड के रूप में पुनः बनाया जाना है ताकि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाली सुविधाएं भी प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि दिव्यांग जनों का स्वावलंबन कार्ड बन जाने के पश्चात सरकारी सुविधाओं व सेवाओं का लाभ लेने के लिए किसी अन्य प्रमाण पत्र को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी और वह केंद्र तथा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जा रही योजनाओं और सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे । उन्होंने बताया कि स्वावलंबन कार्ड पूरे देश में प्रभावी होगा जबकि पहले बनाया गया दिव्यांगता पहचान पत्र सिर्फ हिमाचल प्रदेश में ही प्रभावी है उन्होंने जिला के सभी दिव्यांग जनों से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द स्वावलंबन कार्ड हेतु अपना पंजीकरण करवा लें ताकि भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
उन्होंने बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जिला की प्रत्येक पंचायत में दिव्यांग जनों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने हेतु स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर मेडिकल कैंप लगाने के निर्देश दिए ताकि कोई भी दिव्यांगजन दिव्यांगता प्रमाण पत्र से वंचित ना रह जाए। बैठक में जिला कल्याण अधिकारी ने दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन और आरक्षण के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। कार्यवाहक जिला कल्याण अधिकारी ने बैठक का संचालन किया तथा बताया कि जिला में वर्तमान में 235 दिव्यांगजन पेंशन प्राप्त कर रहे हैं