- स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा की ‘नीट’ पर राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक
नई दिल्ली: अधिकांश राज्य सैद्धांतिक रूप से ‘नीट’ के पक्ष में है। हालांकि, कुछ राज्यों ने यह विचार व्यक्त किया है कि ऐसे कुछ तार्किक मुद्दे हैं, जो इसे लागू करने में बाधक हैं, इसलिए उन्होंने कुछ और समय दिये जाने की इच्छा जाहिर की है। यह जानकारी आज केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी नड्डा ने विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ आयोजित बैठक में ‘नीट’ से संबंधित मुद्दों पर उनके विचार सुनने के बाद दी।
नड्डा ने कहा कि अनेक राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ उनका विचार विमर्श लाभदायक रहा है, जिन्होंने बैठक में इस वर्ष ‘नीट’ आयोजित करने के संदर्भ में अपने-अपने राज्यों के विशिष्ट मुद्दों को साझा किया है। हालांकि सभी स्वास्थ्य मंत्रियों ने इस बारे में सहमति व्यक्त की है कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और अनेक प्रकार की धांधलियों को दूर करने की दिशा में ‘नीट’ एक स्वागत योग्य कदम है। राज्यों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिलों के लिए कुछ राज्यों में या तो परीक्षा प्रक्रिया चल रही थी या जल्दी ही शुरू होने वाली थी। इसके अलावा कुछ राज्यों के बोर्डों का पाठ्यक्रम सीबीएसई के पाठ्यक्रम से अलग होने के मुद्दों का भी जिक्र हुआ, जिनमें राज्यों ने बताया कि राज्य बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को समतुल्यता प्रदान करने के लिए ‘नीट’ का आयोजन हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्यों द्वारा व्यक्त किये गये विचारों और चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जल्द ही भविष्य की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और धांधलियां दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बैठक में 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और स्वास्थ्य सचिवों/प्रतिनिधियों के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।