‘शिमला: गेयटी थियेटर में कल ‘गेयटी के रंगचर’ पुस्तक का विमोचन
‘शिमला: गेयटी थियेटर में कल ‘गेयटी के रंगचर’ पुस्तक का विमोचन
प्रसिद्ध रंगकर्मी लेखिका असीमा भट्ट रंगमंच में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की भूमिका पर अपने विचार रखेंगी
शिमला: विश्व रंगमंच दिवस पर दि विगनर्स सोसाइटी द्वारा 27 मार्च को गेयटी थियेटर शिमला के कान्फ्रेंस हाल में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। पूरे विश्व में केवल छः ही ऐसे थियेटर हैं जो गेयटी थियेटर जैसे गोथिक शैली में बनाए गये हैं। इस सुअवसर पर भारती कुठियाला सदस्या, फिल्म प्रमाणन बोर्ड एवं उपाध्यक्ष हिमसिने सोसाइटी एक सोच द्वारा संपादित पुस्तक ‘गेयटी के रंगचर ‘ पुस्तक का विमोचन 27 मार्च को विश्व प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक रंगकर्मी और दो बार सांस्कृतिक राजनयिक रहे हैं बलवन्त ठाकुर, डा. रीटा वशिष्ट, सदस्य सचिव विधि आयोग, एवं श्रीयुत एस एन जोशी के करकमलों द्वारा किया जा रहा है। रंगकर्म संगोष्ठी कार्यक्रम में रंगमंच के विभिन्न आयामों पर प्रबोधन होगा। संगोष्ठी का आगाज़ कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीनिवास जोशी के आलेख गेयटी की आरंभिक यात्रा से किया जा रहा है। ‘ गेयटी के रंगचर ‘ पुस्तक पर चर्चा पूर्व प्रशासनिक अधिकारी , साहित्यकार एवं सेतु के संपादक डा. देवेन्द्र गुप्ता द्वारा की जा रही है। आधुनिक रंगमंच में प्राचीन संस्कृत नाट्य परम्परा का समावेश विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कला मर्मज्ञ, नाट्य समीक्षक रविन्द्र त्रिपाठी। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक प्रसिद्ध रंगकर्मी लेखिका सुश्री असीमा भट्ट रंगमंच में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की भूमिका पर अपने विचार रखेंगी। बाल शिक्षा और रंगमंच पर विस्तार से चर्चा करने जा रही है प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक, प्रशिक्षित रंग शिक्षिका सुश्री अमला राय। सायं 4.30 बजे गेयटी थियेटर में असीमा भट्ट द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक ‘द्रौपदी ‘ एकल अभिनय प्रस्तुत किया जा रहा है। 5.30 बजे गेयटी थियेटर में दी विगनर्स सोसाइटी द्वारा ‘विस्टी लाणी’ ‘ अंतोव चेखव द्वारा रचित प्रपोज़ल ‘ का पहाड़ी रूपांतरण नाटक प्रस्तुत किया जा रहा है।