बजट में प्राकृतिक खेती सबंधी घोषणाओं को घरातल पर उतारने को लेकर बैठक आयोजित

शिमला:  वर्ष 2024-25 के बजट में प्राकृतिक खेती को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा की गई घोषणाओं को धरातल पर उतारने को लेकर शुक्रवार को कृषि भवन बालूगंज में बैठक का आयोजन किया गया। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी जिला के परियोजना निदेशकों ने भाग लिया। राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने अधिकारियों को बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने की तैयारियों और आगामी वित्त वर्ष में योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों की कार्ययोजना 31 मार्च से पहले तैयार करके भेजने के निर्देश दिए।

हेमिस नेगी ने कहा कि इस वर्ष लाहौल-स्पीति जिले के काजा क्षेत्र और चंबा जिले के पांगी क्षेत्र को पूरी तरह से प्राकृतिक खेती में परिवर्तित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इन स्थानों पर उगने वाले फल, सब्जियों और अनाजों के विपणन के लिए भी उचित प्रबंध किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना के तहत किसान-बागवानों को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक तौर से सशक्त बनाने का काम भी किया जाएगा।

प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना में संयुक्त कृषि निदेशक (प्रशासनिक) डॉ. रविंद्र सिंह जसरोटिया ने कहा कि प्राकृतिक खेती को लेकर इस बजट में बड़ी घोषणाएं हुई हैं। इन घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लेकर बैठक में अहम फैसले लिए गए हैं जिसका लाभ हिमाचल के किसान-बागवानों को होगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष योजना के तहत 10 नए एफपीओ, प्रत्येक पंचायत में 10 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने और 15000 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाकर उसे ऑनलाइन पोर्टल में पंजीकृत किए जाने का काम किया जाएगा।

बैठक के दौरान सभी जिलों के परियोजना निदेशकों ने अपने जिले में चल रही योजना की गतिविधियों के बारे में प्रस्तुति दी। इस बैठक में प्रधान कृषि अर्थशास्त्री डॉ. मनोज गुप्ता, डीडीए प्राकृतिक खेती डॉ. मोहिंद्र भवानी, सहायक निदेशक पशुपालन डॉ. एचके वर्मा और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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