कांग्रेस ने यूपीए कार्यकाल 2004 से 14 तक करप्शन के सारे रिकोर्ड तोड़ दिए – चेतन बरागटा

शिमला: कांग्रेस ने यूपीए कार्यकाल 2004 से 14 तक करप्शन के सारे रिकोर्ड तोड़ दिए। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने कहा कि देश ने कांग्रेस के कार्यकाल में उस वक्त 2G घोटाला देखा, कोयला घोटाला देखा, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला देखा, सत्यम घोटाला देखा, ट्रक घोटाला देखा, कॉमनवेल्थ घोटाला देखा, कैश फॉर वोट घोटाला देखा, आदर्श घोटाला देखा, शारदा चिटफंट घोटाला देखा, INX मीडिया मामला देखा, एयरसेल-मैक्सिस घोटाला देखा, एंट्रिक्स-देवास घोटाला देखा, लैंड फॉर जॉब घोटाला देखा। 15 घोटाले कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2014 के कालखंड में हुए। कांग्रेस ने देश का बंटाधार करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी।

चेतन ने कहा जब एक गरीब का बेटा जिसने गरीबी को जीया हो,जिसके अंदर दृढ़ इच्छाशक्ति हो, ऐसे नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने गरीब कल्याण की योजनाए बनाकर गरीबों का उत्थान करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए और साथ ही साथ देश की अर्थव्यवस्था में भी नए आयाम स्थापित किए। मोदी जी ने भारत की अर्थवस्था को को देश की 5 नंबर पर पहुँचा दिया।

अर्थव्यवस्था पर वित्त मंत्री द्वारा जारी किया गया श्वेत पत्र सच्चाई का वो आईना है जिससे कांग्रेस पार्टी के एक परिवार ने देश के सामने नहीं आने दिया। 2004 और 2014 के बीच की कांग्रेस की यूपीए सरकार की अवधि की तुलना में 2014 से 2024 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में देश की अर्थव्यवस्था में अधिक सुधार हुआ। 

केंद्र में मोदी सरकार ने आने के साथ ही लोगों को अच्छे लगने वाले निर्णयों की जगह ऐसे निर्णय लिए जो लोगों के लिए अच्छे हों। जिसका देश की जनता  ने प्रतिफल भी देखा। देश ने देखा शौचालय बनने से भी देश की जीडीपी बढ़ सकती है, लोगों के लिए घर बनाने से भी देश की जीडीपी बढ़ सकती है, घर में बिजली, पानी, गैस कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड देने से भी की आर्थिक विकास दर में इजाफा हो सकता है।

चेतन बरागटा ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दस साल का कार्यकाल आर्थिक कुप्रबंधन, वित्तीय अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार का कालखंड था। तब हमने खराब स्थिति पर श्वेत पत्र लाने से परहेज किया। अगर तब ऐसा किया होता तो निवेशकों समेत कई लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता और इससे आर्थिक व्यवस्था पर असर पड़ता।

यूपीए कार्यकाल में महंगाई तेजी से बढ़ी और महंगाई दर 8.2% तक पहुंच गई, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कुशल नीतियों के चलते महंगाई को घटाया और महंगाई दर 5.0% के निचले स्तर पर पहुंचाया। जब यूपीए सरकार का गठन हुआ था तो उसे विरासत में 8% की जीडीपी वृद्धि मिली थी, लेकिन यूपीए सरकार उस स्थिति का भी लाभ उठाने में विफल रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कोरोना जैसी महामारी से लड़ाई लड़ने के बाद भी देश की जीडीपी को दोबारा 8.7% पर लाकर खड़ा कर दिखाया। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए यूपीए सरकार ने कोई बड़े कदम नहीं उठाए। वित्त वर्ष 2013-14 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का केवल 16% था, मतलब बजट का एक बड़ा हिस्सा केवल राजस्व व्यय पर खर्च किया जाता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश को प्राथमिकता देते हुए वित्त वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्यय बढ़ाकर 28% किया।

चेतन ने कहा पिछड़ों की दुहाई देने वाली कांग्रेस और उसके घटक दलों ने 2004 से 2014 के बीच सामाजिक और ग्रामीण मंत्रालयों को आवंटित हुए बजट का 6.4% पैसा तो खर्च ही नहीं किया था और इसके विपरीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समायोजित प्रयासों के तहत सामाजिक और ग्रामीण मंत्रालयों को आवंटित बजट में से 99% से अधिक पैसा सामाजिक न्याय, ग्रामीण, गरीब, वंचित, शोषित और पीड़ितों के विकास एवं उत्थान के लिए खर्च किया जा रहा है। मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी पीएम उज्ज्वला योजना ने पूरे देश में 10 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन वितरित किए। आए दिन महिलाओं की बात करने वाली कांग्रेस ये भूल जाती है कि उसी पार्टी के नेतृत्व में गठित यूपीए के कार्यकाल में यह आंकड़ा मात्र 14.5 करोड़ था और मोदी सरकार ने इस आंकड़े को 31.4 करोड़ तक पहुंचाया है। मोदी सरकार ने गरीबी को कम करने के लिए कई लोक कल्याणकारी योजनाओं को शुरू किया, जिनके परिणामस्वरूप 2014 से 2023 के बीच लगभग 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए और अति गरीबी मात्र 1% के अंदर बनी हुई है। 

चेतन ने कहा कि देश के वंचित वर्गों के साथ न्याय का झूठा राग अलापने वाली कांग्रेस के नेतृत्व में गठित यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के दौरान गरीबों के उत्थान के लिए मात्र 7367 रूपये करोड़ की धनराशि पर खर्च की गई थी। जबकि असल में देश के गरीबों की चिता करने वाली मोदी सरकार ने गरीबी कम करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2014 से 2023 के अंतराल में  7 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की है। यूपीए शासन के दौरान विद्युतीकरण ग्रामीण क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाया और पूरे देश में केवल 85.1% विद्युतीकरण ही हो पाया था। वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार ने 100% कवरेज कर पूर्ण विद्युतीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करके दिखाया और लोगों के घरों में रोशनी पहुंचाई। यूपीए शासन में देश के गरीबों को जल के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था और मात्र 3.2 करोड़ लोगों तक ही पानी की पहुंच थी। जनहितकारी मोदी सरकार ने इस परिदृश्य को बदलकर 13 करोड़ से अधिक घरों में जल पहुंचाया और आज ग्रामीण स्तर पर जल जीवन मिशन के तहत घर-घर में नल से जल पहुंचाया जा रहा है। यूपीए शासन ने देश के लोजिस्टिक क्षेत्र की ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया, जिसके कारण देश LPI रैंकिंग 54वें स्थान पर था। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के विकास में इस क्षेत्र के योगदान को समझते हुए लॉजिस्टिक क्षेत्र को बल देने का काम किया और आज लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) रैंकिंग में भारत 38वें स्थान पर पहुंचा गया है।कांग्रेस ने देश की चिकित्सकीय स्थिति चिंताजनक थी और मेडिकल सीटों की संख्या मात्र 51,348 थी, मगर मोदी सरकार की नीतियों के कारण इस आंकड़े में दुगने से भी अधिक की वृद्धि हुई और यह आंकड़ा 108,940 तक पहुंच गया। मोदी सरकार द्वारा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर प्राथमिकता से काम करने के कारण, जहां हर 1000 व्यक्तियों पर एक चिकित्सक होना चाहिए आज वहां हर 834 व्यक्ति पर एक चिकित्सक उपलब्ध है। यूपीए  के समय भारत में कोई निवेश तक नहीं करना चाहता था और एफडीआई राशि केवल $305 बिलियन थी। मोदी सरकार की कुशल आर्थिक एवं व्यापार-अनुकूल नीतियों के कारण में आज एफडीआई राशि लगभग दोगुनी होकर $596.5 बिलियन तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लाई गई समर्थनकारी नीतियों का ही परिणाम है कि यूपीए कार्यकाल में स्टार्टअप की संख्या मात्र 350 से बढ़कर 1,17,257 स्टार्टअप तक पहुंच गई है। आज केन्द्र सरकार स्टार्टअप्स को वित्तीय और प्रबंधन समर्थन दे रही है, जिससे देश में रोजगार और नवाचार के मौके बढ़ रहे हैं। मोदी सरकार गरीबी की समस्या का समाधान ढूंढने में उल्लेखनीय प्रगति की है, जो व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास का प्रतीक है। आज देश के वंचित तबके तक स्वच्छ जल, भोजन, बिजली और शैक्षिक अवसरों की पहुंच को सुगम बनाया गया है। इस सकारात्मक बदलाव का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  की दूरदर्शिता और अधक प्रयासों के साथ केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान और पीएम उज्ज्वला योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को जाता है।

चेतन बरागटा ने कहा कि उपरोक्त इन आंकडों से स्पष्ट हो जाता है कि भारत मोदी के नेतृत्व में विकसित राष्ट्र बनने को अग्रसर है। देश की जनता मोदी  को तीसरे कार्यकाल में फिर से प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपना भरपूर सहयोग करे ऐसा निवेदन चेतन बरागटा ने किया। उन्होंने कहा कि जैसे ही नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री बनेगे भारत की अर्थवस्था तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी।

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