हिमाचल: प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड की प्रवेश, काउंसलिंग और पंजीकरण प्रक्रिया हुई ऑनलाइन

तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता लाने के साथ ही पाठ्यक्रम को रोज़गारपरक बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध
शिमला: आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से सरकारी सेवाओं का सरलीकरण सुनिश्चित हुआ है। प्रदेश सरकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ‘डिजिटल इंडिया’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके दृष्टिगत विभागों में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश सरकार की इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अपनी विभिन्न सेवाएं ऑनलाइन की हैं।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड प्रदेश में स्थित बहुतकनीकी संस्थानों, फार्मेसी और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं आयोजित करवाता है। बोर्ड द्वारा बहुतकनीकी और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के छात्र व छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया, काउंसलिंग तथा पंजीकरण प्रक्रिया को वैब आधारित मॉड्यूल के माध्यम से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस वैब आधारित मॉड्यूल के माध्यम से अब छात्र-छात्राएं अपने परीक्षा फार्म तथा पुनर्मूल्यांकन फार्म भी ऑनलाईन माध्यम से भर सकते हैं। इसके लिए निर्धारित शुल्क भी ऑनलाइन जमा करवा सकते हैं। इस मॉड्यूल के माध्यम से सभी सरकारी और निजी बहुतकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों के सत्रीय और प्रायोगिक अंक भी ऑनलाइन ही बोर्ड में जमा किए जा सकते हैं।
बोर्ड द्वारा माइग्रेशन प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन कर दी गई है। बहुतकनीकी संस्थानों के विद्यार्थी अब ऑनलाइन माध्यम से बोर्ड की वैबसाइट पर इसके लिए आवेदन तथा निर्धारित शुल्क भी ऑनलाइन ही जमा करवा सकते हैं। बोर्ड द्वारा सभी सरकारी व निजी बहुतकनीकी संस्थानों को सम्बद्धता जारी करने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन की गई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि वर्तमान प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता लाने के साथ ही पाठ्यक्रम को रोज़गारपरक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत वर्ष 2023-24 से कई मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। इनमें रोबोटिक्स, ब्लॉक-चेन टैक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड कम्प्यूटिंग, डॉटा एनालिटिक्स, आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंंग जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 13 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में इलेक्ट्रिक व्हीकल मकैनिक, मैंटेनेंस मकैनिक, सोलर टेक्निशियन, ड्रोन टैक्निशियन, मैक्ट्रोनिक्स तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्ज़ टैक्निशियन के कोर्स आरम्भ किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री का मानना है कि बदलते परिवेश के साथ वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रशिक्षण प्रदान करना समय की मांग है। प्रदेश सरकार इस दिशा में ठोस व सार्थक कदम उठाते हुए प्रदेश के विकास में युवा ऊर्जा के योगदान व दोहन की दिशा में आगे बढ़ रही है।

सम्बंधित समाचार

Comments are closed