मुख्यमंत्री ने किया डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के निधन पर शोक व्यक्त

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विख्यात कृषि विज्ञानी एवं भारत में हरित क्रांति के जनक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उनका 98 वर्ष की आयु में आज वीरवार को चेन्नई स्थित आवास में निधन हो गया।
अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में हरित क्रांति के प्रणेता रहे डॉ. स्वामीनाथन का कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान अविस्मरणीय है। देश के सर्वांगीण विकास के लिए भी वह अपना सतत् योगदान प्रदान करते रहे।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

शूलिनी विवि ने डॉ. एम.एस. के निधन पर किया शोक व्यक्त; स्वामीनाथन, भारत में हरित क्रांति के जनक

सोलन: डॉ. एम.एस. के दुखद निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए आज शूलिनी विश्वविद्यालय में एक शोक सभा आयोजित की गई। स्वामीनाथन, भारतीय कृषि में अग्रणी और सम्मानित “भारत में हरित क्रांति के जनक है ।”

डॉ. स्वामीनाथन न केवल कृषि के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, बल्कि शूलिनी विश्वविद्यालय के एक प्रतिष्ठित समर्थक भी थे, जिससे उन्हें शूलिनी समुदाय के बीच ‘केयरिंग मेंटर’ की  उपाधि मिली।
चुनौतीपूर्ण समय के दौरान डॉ. प्रेम कुमार खोसला को डॉ. स्वामीनाथन के अटूट समर्थन और मार्गदर्शन ने विश्वविद्यालय की यात्रा पर एक अमिट छाप छोड़ी। कृषि अनुसंधान और शिक्षा को आगे बढ़ाने के प्रति उनका समर्पण शूलिनी विश्वविद्यालय के मिशन के साथ पूरी तरह मेल खाता है।
उनके योगदान के सम्मान में, शूलिनी विश्वविद्यालय में कृषि विद्यालय का नाम प्रसिद्ध डॉ. एम.एस. के नाम पर रखा गया है ।
चांसलर प्रोफेसर पी के खोसला के नेतृत्व में शूलिनी विश्वविद्यालय के शीर्ष संकाय सदस्यों द्वारा उनकी स्मृति में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उन्होंने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन एक असाधारण व्यक्तित्व थे जिनके काम ने कृषि में क्रांति ला दी। उन्होंने कहा कि इसने न केवल लाखों किसानों के जीवन को बदल दिया बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

डॉ. स्वामीनाथन के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

सम्बंधित समाचार

Comments are closed