हिमाचल प्रदेश हुआ गौरवान्वित : स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 में प्रदेश के परवाणु और काला अंब को मिला पुरस्कार

हिमाचल प्रदेश ने पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए राष्ट्रीय स्तर के नौ स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 पुरस्कारों में से दो पुरस्कार जीते

शिमला: पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने 3 लाख से कम आबादी वाले गैर-प्राप्ति शहरों की श्रेणी के तहत राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश राज्य के परवाणू और काला अंब शहरों को क्रमशः प्रथम और द्वितीय “स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 पुरस्कार” से सम्मानित किया।

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , एवं  केन्द्रीय मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, भारत सरकार द्वारा  भूपेन्द्र यादव,  37.50 लाख और 25.00 लाख रुपये का नकद पुरस्कार इन दोनों शहरों को क्रमशः प्रदान किया गया। यह सम्मान समारोह “स्वच्छ वायु दिवस” पर आज 7 सितंबर को कुशाभाऊ ठाकरे हॉल, इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल, मध्य प्रदेश में आयोजित किया गया। हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी (आईएफएस) ने राज्य की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया।

राज्य बोर्ड के अध्यक्ष  संजय गुप्ता (आईएएस) इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए संबंधित शहरों के लिए कार्य योजना के विभिन्न घटकों के प्रभावी कार्यान्वयन, प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य बोर्ड और राज्य के सभी प्रमुख हितधारकों को बधाई दी।

हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी (आईएफएस) ने कहा कि 131 गैर-प्राप्ति शहरों में से वायु गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरों की सूची में देश में पहला और दूसरा पुरस्कार प्राप्त करना राज्य के लिए बहुत गर्व की बात है।.

राज्य स्तरीय वायु गुणवत्ता निगरानी समिति के अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, प्रबोध सक्सेना (आईएएस) ने उपायुक्तों की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय कार्यान्वयन समिति और सभी हितधारक विभागों को भी बधाई दी। उन्होंने सभी के निरंतर प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप परिवेशी वातावरण में पीएम10 ल्लसांद्रण में काफी कमी आई। उन्होंने आगे आश्वासन दिया कि राज्य स्वच्छ पर्यावरण के लिए इन शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में कार्य करना जारी रखेगा।

हमें उम्मीद है कि राज्य के सभी सात शहर एनएसी/टी(एस) के तहत वर्गीकरण से बाहर आ जाएंगे, जिसके लिए सभी हितधारक विभागों को निरंतर प्रयास जारी रखना होगा। राज्य बोर्ड राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता को भी स्वीकार करता है, जिसके माध्यम से राज्य के सभी एनएसी/टी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न गतिविधियां लागू की गईं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) ने भारत के 131 गैर-प्राप्ति शहरों/कस्बों में वायु गुणवत्ता की रोकथाम के लिए 2018 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) शुरू किया। वायु प्रदूषण की रोकथाम और उपशमन के लिए कार्य योजना के विभिन्न घटक थे, मसलन वाहनों के उत्सर्जन पर नियंत्रण, सड़क की धूल और अन्य क्षणिक उत्सर्जन का दमन, बायोमास (पराली)  जलाने, निर्माण और विध्वंस गतिविधियों, औद्योगिक वायु प्रदूषण आदि से वायु प्रदूषण का नियंत्रण आदि।

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