विभिन्न योजनाओं के लिए अनुदानित दरों पर उपलब्ध होंगे ऋण- सीएम

सहकारी बैंकों को मजबूत और आधुनिक बनाएगी प्रदेश सरकार

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए विभिन्न बैंकिंग सेवाओं के डिजिटलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आधुनिक तकनीक का उपयोग कर ग्राहकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए बैंकों को डिजिटल तकनीक से लैस किया जा रहा है। सहकारी बैंकों की कार्य पद्धति को विस्तार देने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा अगले छह माह में कई बड़े सुधार लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों का इन बैंकों पर विश्वास बढ़ा है और आजीविका अर्जन के लिए बैंकिंग सुविधाओं का समुचित उपयोग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सहकारी बैंकों को हरसंभव सहायता प्रदान कर उन्हें सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवा सकें।
बैंकिंग क्षेत्र किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह क्षेत्र आमजन, किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों इत्यादि को बैंकिंग की विभिन्न सेवाएं उपलब्ध करवाता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों का विकास निरंतर जारी रहता है। सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में इन सेवाओं के नवोन्मेषी डिजिटल रूपांतरणरण से बड़ी संख्या में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण तथा ऑनलाइन बैंकिंग की सुगम सुविधा से लोगों के समय और पैसे दोनों की बचत हुई है।
 उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं। राज्य सरकार ने निर्धन परिवार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज की दर से उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है, ताकि संसाधनों के अभाव में कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे। इसके अलावा आने वाले समय में टैक्सी संचालकों को ई-टैक्सी चलाने के लिए परमिट जारी किए जाएंगे। सरकार ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान देगी। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों को मूर्तरूप प्रदान करने में सहकारी बैंकों की प्रमुख भूमिका सुनिश्चित की जा रही है।
इसके अलावा राज्य सरकार 250 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और उत्पादित बिजली हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड द्वारा खरीदी जाएगी। बैंक इन योजनाओं में उदारतापूर्वक ऋण प्रदान करेंगे क्योंकि इन ऋणों की संप्रभु गारंटी राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए सहकारी बैंक को प्रमुख बैंक बनाने का निर्णय लिया है।
इसके अतिरिक्त समाज के वंचित वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को सही व्यक्ति तक पहुंचाने में भी सहकारी बैंक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। राज्य की लगभग 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और ग्रामीण क्षेत्रों के चहुंमुखी विकास के बिना प्रदेश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। ग्रामीण आबादी की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सहकारी बैंकों को किसानों को उदार ऋण प्रदान करने के लिए अग्रणीय कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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