भारी वाहनों के लिए सड़क बन्द करने के सम्बन्ध में आदेश

हिमाचल: महंगा पड़ेगा अब गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट….

हिमाचल: प्रदेश में अब वाहन का प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाना महंगा होगा। प्रदेश सरकार ने मोटर व्हीकल नियम 1999 में संशोधन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। यह ड्राफ्ट सरकार ने ई-गजट पर प्रकाशित कर दिया है। ऐसे में अब 30 दिनों के भीतर लोगों से इस ड्राफ्ट पर सुझाव व आपत्तियां मांगी गई हैं। करीब 24 साल बाद प्रदेश में प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने की फीस में इजाफा किया गया है। राज्य सरकार ने यह फैसला अपनी आय बढ़ाने की मंशा से लिया है। इसके बाद सीएनजी, पेट्रोल और एलपीजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों से 100 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसमें 20 रुपये का ग्रीन टैक्स होगा। तिपहिया वाहनों से प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए 120 रुपये लिए जाएंगे। इसमें भी 20 रुपये ग्रीन टैक्स के रूप में कटेंगे। चार पहिया वाहनों से पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी के साथ 130 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसमें 30 रुपये का ग्रीन टैक्स होगा। डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए यह शुल्क 150 रुपये होगा। इसमें से 40 रुपये ग्रीन टैक्स काटा जाएगा।

अब प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी करने वाली एजेंसियों को शहरी क्षेत्रों में 15 हजार रुपये जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार रुपये सुरक्षा के रूप में जमा कराने होंगे। प्राधिकरण नवीनीकरण शुल्क भी दोगुना कर दिया गया है। जो प्रदूषण केंद्र पहले से ही पंजीकृत हैं, उन्हें अथॉराइजेशन की रिन्युअल के दौरान सिक्योरिटी जमा करवानी होगी। एजेंसी के लिए आवेदन करने वाले आवेदक को 500 रुपए नॉन रिफंडेबल एप्लीकेशन फीस जमा करवानी होगी। अथॉराइजन मिलने पर अलग से फीस वसूल की जाती है। इनमें पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के पॉल्यूशन केंद्र खोलने के लिए ऑथोराइजेशन फीस 4000 रुपए और डीजल वाहनों के लिए भी 4000 रुपए लिए जाएंगे। दोनों प्रकार के वाहनों का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी करने वाले पाल्यूशन केंद्र की ऑथोराइजेशन के लिए 8000 रुपए फीस ली जाएगी। पॉल्यूशन केंद्र के रिन्यूअल की फीस भी इसी तरह रही रहेगी।

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