सेब के न्यूनतम मूल्य मामले को लेकर भाजपा ने केंद्र के समक्ष उठाया था मुद्दा : कश्यप

शिमला: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा विदेशों के सस्ते सेब के कारण भारत में पैदा होने वाले सेब की हालत खराब थी, किसान बागवानों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता था । सेब कारोबारियों को कड़ी मेहनत के बाद भी मार्केट में काफी कंपटीशन का सामना करना पड़ता था जिससे सेब उत्पादकों को फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता था। केंद्र सरकार से इस कड़ी में राहत की मांग की जा रही थी और मैंने शिमला से सांसद होने के नाते इस मामले को लोक सभा में अनेकों बार उठाया था। अब केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है, इससे देश में सेब कारोबार से जुड़े किसान, कारोबारियों की इनकम बढ़ जाएगी।

केंद्र सरकार ने सेब आयात पर अब नई शर्त लगा दी है। इसके तहत 50 रुपये किलो से कम के भाव के सेब का इंपोर्ट नहीं होगाा। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है, अधिसूचना के अनुसार, यदि सीआईएफ (लागत, बीमा, माल ढुलाई) आयात कीमत 50 रुपये किलो से कम आती है तो इस तरह के सेब का आयात नहीं किया जाएगा।

इससे हिमाचल के सेब उत्पादकों को बड़ा फायदा होगा, इस फैसले के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का धन्यवाद करते है। सेब के न्यूनतम मूल्य मामले को लेकर भाजपा ने केंद्र के समक्ष उठाया था मुद्दा।

न्यूनतम आयात मूल्य संबंधी शर्तें भूटान से आने वाले सेब पर लागू नहीं होंगी। शर्ताें के अनुार, सीआईएफ इम्पोर्ट प्राइस 50 रुपये प्रति किलोग्राम से कम आएगा तो आयात प्रतिबंधित होगा।

भारत में ईरान से सेब की बड़ी खेप आती है। इससे देश में सेब बेहद सस्ता बिकता है, हिमाचल प्रदेश सेब का बड़ा उत्पादक राज्य है। आयात पर शर्ते लगाने या बैन करने की मांग सेब कारोबारी काफी समय से कर रहे थे, अब प्रतिबंध लगने से सेब कारोबारी खुश है।

भारत कई देशों से सेब आयात करता है। भारत को सेब भेजने वाले देशों में ईरान, ब्राजील, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, अफगानिस्तान, फ्रांस, बेल्जियम, चिली, इटली, तुर्की, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और पोलैंड समेत अन्य देश शामिल हैं। अप्रैल-फरवरी 2023 में भारत ने 260.37 मिलियन डॉलर सेब आयात किया गया था, जबकि 2021-22 में यह 385.1 मिलियन डॉलर रहा।

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