कानून व्यवस्था के लिए नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग की सार्थक पहल

शिमला: कानून व्यवस्था बनाये रखने और अपराध नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग तेज़ी से बढ़ रहा है। ड्रोन, विश्लेषण तकनीक, बायोमिट्रिक सहित अनेक तकनीकों का इस्तेमाल कर नागरिकोें की सुरक्षा और अपराधमुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
कानून प्रवर्तन एजेंसियां तकनीक का उपयोग करने में सदैव अग्रणी रही हैं। मिसाल के तौर पर वर्ष 1990 में सड़कों पर यातायात के नियमन पर नजर रखने के लिए डिजिटल कैमरों का उपयोग आरंभ किया गया था।
अब प्रदेश में यातायात नियमों के उल्लंघन एवं अन्य अपराधों पर नज़र रखने के लिए पुलिस द्वारा बॉडी वोर्न कैमरों का उपयोग किया जा रहा है।  हिमाचल प्रदेश देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा शांतप्रिय राज्य है। राज्य की पुलिस सर्तक रहने के साथ-साथ नए एवं उभरते अपराधों से निपटने के लिए भी सदैव तत्पर रहती है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में मंडी नगर के लिए तीन करोड़ रुपये की लागत से स्थापित इंटीग्रेटिड सर्विलैंस एंड क्राइम रिस्पांस सेंटर, व्योमनेत्र का लोकार्पण किया। यह सेंटर किसी भी आपातकालीन स्थिति में बेहतर संचार और निगरानी के साथ आपदा की प्रतिक्रिया की क्षमता में बढ़ोतरी करेगा।
बेहतर कानून व्यवस्था प्रदान करने के लिए मंडी शहर के सभी आने-जाने वाले मुख्य स्थलों पर अत्याधुनिक तकनीक युक्त 250 कैमरे स्थापित किए गए हैं। व्योमनेत्र चोरी, अपराध नियंत्रण जैसे संदिग्ध मामलों में निगरानी करने में भी सहायक सिद्ध होगा। यह प्रणाली सुंदरनगर में स्थापित इंटैलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट के साथ क्लाउड आधारित तकनीक के साथ एकीकृत की गई है जिससे मंडी शहर की यातायात व्यवस्था की निगरानी की जाएगी।
प्रदेश सरकार व्योमनेत्र को ड्रोन के माध्यम से निगरानी और अन्य तकनीक से भी जोड़ने की योजना बना रही है। यह न केवल यातायात प्रबन्धन में सहायक सिद्ध होगा बल्कि अपराधों पर भी नजर रखी जा सकेगी। व्योमनेत्र दुर्घटना एवं आपदा जैसी आपातकालीन स्थिति में सहायक सिद्ध होने के साथ-साथ त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने में भी सहायता प्रदान करेगा।  

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