शिमला: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और राज्य विशेष अनुदानित योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 18,24,083 परिवारों को 4,859 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से खाद्य वस्तुएं नियमित रूप से उपलब्ध करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रथम अक्तूबर 2013 से प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 को लागू किया गया। इस अधिनियम के अन्तर्गत प्रदेश में गेंहू व चावल का कोटा दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रथम श्रेणी एन.एफ.एस.ए. है। इसके तहत 15,496 मीट्रिक टन खाद्यान्न प्रतिमाह प्राप्त हो रहे है, जिन्हें अन्त्योदय परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम खाद्यान्न (20 किलोग्राम गेंहू 2 रुपये प्रति किलोग्राम व 15 किलोग्राम चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम) तथा अन्य प्राथमिक गृहस्थियों को गेंहू 2 रुपये प्रति किलोग्राम तथा चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम प्रति सदस्य प्रति माह के हिसाब से वितरित किया जा रहा है। बी.पी.एल. परिवारों को पहले की भान्ति 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रतिमाह उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत दूसरी श्रेणी में 26,837 खाद्यान्न आबंटित हैं, जिन्हें एपीएल राशन कार्ड धारकों को समानानुपात में 15 किलोग्राम गेंहू का आटा तथा 6 किलोग्राम चावल प्रतिमाह प्रति राशन कार्ड 8.50 रुपये और 10 रुपये प्रति किलो स्थिर मूल्य पर पूर्व सरकार की दरों पर ही उपलब्ध करवाया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में रह रहे एपीएल परिवारों को 20 किलोग्राम गेंहू का आटा एवं 15 किलोग्राम चावल प्रतिमाह प्रति राशन कार्ड उपलब्ध करवाए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विशेष राज्य अनुदानित योजना के अन्तर्गत भी उपभोक्ताओं को पहले की ही भान्ति तीन दाले, खाद्य तेल व आयोडाईज्ड नमक प्रतिमाह उपलब्ध करवाया जा रहा है। विगत तीन वर्षों में इस योजना के तहत उपभोक्ताओं को 980 करोड़ रुपये की खाद्य वस्तुओं का वितरण किया गया है। वर्ष 2015-16 के दौरान माह नवम्बर, 2015 तक की खाद्य वस्तुएं उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जून, 2015 से वर्तमान में प्रचलित सरकारी नीति के अनुसार उपभोक्ताओं को सरसों के तेल ( 70रुपये प्रति लीटर) के स्थान पर रिफाईण्ड तेल ( 55रुपये प्रति लीटर) अधिक सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। वर्ष 2015-16 के लिए प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना में 210 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि विभागीय योजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावी ढंग से हो, इसके लिए वर्ष 2015-16 के दौरान 3,635 उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण किया गया है तथा दोषी व्यक्तियों पर 10,35,415 रुपये से अधिक का जुर्माना किया गया तथा 1,91,498 रुपये की आवश्यक वस्तुएं जब्त कर सरकारी कोष में जमा करवाई गई है। विभाग द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत जारी किए गए विभिन्न नियन्त्रण आदेशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विभागीय उड़न दस्तों का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने व कालाबाजारी पर अकुंश लगाने के लिए तथा राशन कार्ड धारकों को पूणर््ा लाभ प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा ई-पीडीएस लागू की जा रही है। ई-पीडीएस के अन्तर्गत शीघ्र ही प्रदेश के उपभोक्ताओं को डिजीटाईजड राशन कार्ड जारी किए जाएगंे। विभाग में उपभोक्ताओं की शिकायतों को सुनने व दूर करने के लिए टोल फ्री नम्बर 1967 स्थापित किया गया है, जिसमें नवम्बर, 2015 तक 10,425 शिकायतों की सुनवाई कर निपटारा किया जा चुका है। सरकार के दिशा-निर्देशानुसार आम जनता को विभागीय गतिविधियों एवं योजनाओं आदि की जानकारी देने के लिए विभाग द्वारा पारदर्शिता र्पोटल भी तैयार किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि कुछ समाचार पत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लेकर समाचार प्रकाशित किए गए हैं, जिनमें लोगों को खाद्यान्न न मिलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त तथ्यों एवं आकंड़ो से स्पष्ट है कि प्रकाशित समाचार तथ्यों पर आधारित नहीं है।