ऑनलाइन घटना प्रतिक्रिया प्रणाली प्रशिक्षण और रासायनिक आपदाओं पर बैठक आयोजित

11 जुलाई को प्रदेशभर में आयोजित की जाएगी आपदा प्रबंधन मेगा मॉक ड्रिल : मुख्य सचिव

  • राज्य सचिवालय से टेबल टॉपअभ्यास होगा शुरु : डी.सी. राणा

अंबिका/शिमला: शिमला में आज घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) पर आयोजित एक दिवसीय जागरूकता सम्मेलन की अध्यक्षता मुख्य सचिव बी.के अग्रवाल ने करते हुए कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए सुनियोजित योजना तथा पूर्व तैयारियां करने जैसे उपाय अति आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने पर किसी भी बड़ी आपातकालीन घटना की स्थिति में बेहतर ढंग से निपटा नहीं जा सकता।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों की समय-समय पर बैठकें आयोजित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, मुख्य सचिव ने कहा कि इससे सभी सम्बन्धित विभागों में बेहतर तालमेल बना रहेगा। उन्होंने कहा कि आगामी 11 जुलाई को प्रदेशभर में आपदा प्रबंधन पर एक मेगा मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी जिसमें सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिय बल, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी सहित प्रदेश के युवा क्लब तथा स्वयं सेवी संस्थाएं भाग लेंगे।

आपदा प्रबंधन की तैयारियों में कमांड, संचालन, लॉजीस्टिक, योजना, वित्त और प्रशासनिक सूझ-बूझ जैसे सबसे महत्त्वपूर्ण पहलू होते हैं जिससे सुनियोजित ढंग से सभी स्तरों पर कार्य करने में सुविधा रहती है। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में निजी क्षेत्र तथा स्वयं सेवी संस्थाओं की भी बड़ी भूमिका रहती है। उन्होंने कहा कि समय रहते प्राईवेट सर्विस प्रदाताओं तथा अन्य उपलब्ध संसाधनों की पहचान कर लेनी चाहिए।

प्रबंधन की पूर्व तैयारियों के तौर पर पर्याप्त अधोसंरचनात्मक सुविधाओं के सृजन की आवश्यकता पर बल देते हुए, मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा हो जाने की स्थिति में लोगों को आश्रय प्रदान करने की बड़ी समस्या सामने आती है और यह समय की मांग है कि इस संबंध में पर्याप्त प्रबंध कर लिए जाएं। इसी प्रकार सीवरेज व अन्य जरूरी नागरिक सुविधाएं अस्थाई तौर पर सृजित करने के पहलू पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियों के साथ एक बल्यूबुकतैयार की जाए जिसे तहसील स्तर तक उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के दुरस्त क्षेत्रों में संचार व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सैटेलाईट फोनों की भी उपलब्धता सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक विकास खण्ड के लिए लगभग 80 हैम रेडियो खरीदने के भी निर्देश दिए क्योंकि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में यह व्यवस्था बड़ी कारगर सिद्ध होती है। उन्होंने कुछ स्वयं सेवी लोगों को हैम रेडियो संचालित करने में प्रशिक्षण प्रदान करने पर भी बल दिया।

उन्होंने बैठक में राहत एवं बचाव कार्यो के लिए पेशेवर पैरा-ग्लाइडर्ज, ट्रेकर्ज, पर्वतारोहियों की सेवाएं लेने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए। राहत सामग्री को संचालित करने के लिए कांगड़ा, मण्डी और शिमला के मण्डलायुक्त नोडल अधिकारी होंगे।

निदेशक एवं विशेष सचिव एसडीएमए एवं राजस्व डी.सी. राणा ने आईआरएस प्रणाली व आपदा के समय विभागों की जिम्मेदारियों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य सचिवालय से टेबल टॉपअभ्यास आरम्भ किया जाएगा, जिसमें 10 जुलाई, 2019 को सभी राज्य स्तरीय अधिकारियों, एनडीआरएफ, सेना, वायु सेना और अर्धसैनिक बल भाग लेंगे।

 

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