जेपी नड्डा से प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों ने किया राज्य के हित में मुद्दों को मजबूती से उठाने का आग्रह
जेपी नड्डा से प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों ने किया राज्य के हित में मुद्दों को मजबूती से उठाने का आग्रह
त्रियों ने जगत प्रकाश नड्डा से आग्रह कि राज्य के हित में इन मुद्दों को मजबूती से उठाएं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश से होने के नाते राज्य को केंद्र से अधिक उम्मीदें हैं और नड्डा इन्हें पूरा करने में भूमिका निभा सकते हैं।
शिमला: जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आज जिस पद पर हैं, वह हिमाचल प्रदेश के लोगों की मदद करने की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें नड्डा के इस पद तक पहुँचने पर खुशी है, लेकिन यह दुख की बात है कि राज्य के हितों को केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से नहीं उठाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा प्रभावित परिवारों की राहत और पुनर्वास के लिए 1500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन कई महीने बीत जाने के बावजूद राज्य को यह राशि अभी तक नहीं मिली है।
मंत्रियों ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत जमा 9,200 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने रोक रखे हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा ओपीएस लागू करने के फैसले के बाद राज्य की उधारी सीमा में 1,600 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई, जिससे पिछले तीन वर्षों में राज्य को कुल 4,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा दी जा रही सहायता के आंकड़ों को लेकर जो दावा किया जा रहा है, उसे राज्य सरकार समझती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश से होने के नाते जगत प्रकाश नड्डा को यह भी समझना चाहिए कि केंद्र द्वारा राज्य के हिस्से की राशि रोके जाने से कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है।
दोनों मंत्रियों ने हिमाचल की खराब वित्तीय स्थिति के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) में कटौती की गई है और राज्य की ऋण सीमा भी कम कर दी गई है। राज्य की ऋण सीमा वर्ष 2021-22 में 10,949 करोड़ रुपये थी, जो 2025-26 में घटकर 3,257 करोड़ रुपये रह गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य की अधिकतम उधारी ब्याज चुकाने में ही खर्च हो रही है। साथ ही, केंद्र ने 1,600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की सुविधा भी वापस ले ली है।
मंत्रियों ने बताया कि एक केंद्रीय टीम ने वर्ष 2023 के मानसून के दौरान हुए नुकसान का आकलन करीब 9,000 से 9,500 करोड़ रुपये किया था। हिमाचल सरकार ने पीडीएनए (PDNA) के तहत पुनर्बहाली और पुनर्निर्माण के लिए 9,042 करोड़ रुपये का दावा पेश किया है। उन्होंने कहा कि राज्य अभी भी पीडीएनए के तहत लगभग 10,000 करोड़ रुपये और पहले घोषित 1,500 करोड़ रुपये के अलग पैकेज का इंतजार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र से किसी विशेष पैकेज की घोषणा न होने के बावजूद राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावित लोगों को 4,500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है।
मंत्रियों ने जगत प्रकाश नड्डा से आग्रह किया कि वे इन मामलों में हस्तक्षेप करें और राज्य के हित में इन मुद्दों को मजबूती से उठाएं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश से होने के नाते राज्य को केंद्र से अधिक उम्मीदें हैं और नड्डा इन्हें पूरा करने में भूमिका निभा सकते हैं।