कांगड़ा जिला को प्रदेश के अन्य जिलों से अलग रखना परम्परा के विरूद्ध : परमार व कश्यप

शिमला: प्रदेश भारतीय जनता पार्टी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव सम्बन्धी अधिसूचना का स्वागत करती है और विश्वास करती है कि पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अनुसार सम्पन्न होंगे। शिमला से जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विपिन परमार और चुनाव प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक एच.एन. कश्यप ने कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं में कांगड़ा जिला को प्रदेश के अन्य जिलों, जहां पर चुनाव हो रहे है, से अलग रखना परम्परा के विरूद्ध है। पंचायतीराज संस्थाओं का चुनाव इतने बड़े नहीं कि इनको बिहार प्रदेश की तरह चार-पांच चरणो में किया जाए। उन्होनें कहा कि प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव हमेशा दो चरणो में होते रहे हैं। एक चरण में जनजातीय क्षेत्र का और दूसरे चरण में अन्य क्षेत्रों का चुनाव एक ही दिन हुआ करते थे।

भाजपा नेताओं ने कहा कि ऐसी परम्परा भारतीय जनता पार्टी और प्रदेश के प्रबुद्ध नागरिको की समझ से बाहर है क्योंकि कांगड़ा जिला हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला जहां पर 15 विधान सभा क्षेत्र हैं, में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव को अलग से करवाने के लिए राजनैतिक परिदृश्य बदल जाता है। उन्होनें कहा कि यदि विभाग के पास मत पेटियों का अभाव है तो मत पेटियां दूसरे राज्यों से उधार ली जा सकती है, परन्तु राजनैतिक दबाव में आकर प्रदेश का विभाजन करना गलत है।

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि कांगड़ा जिला का चुनाव इस दृष्टि से टाला गया है क्योंकि वहां पर अभी भी भारी संख्या में मतदाता को वोटर लिस्ट में शामिल किया जा रहा है। उन्होनें कहा कि ओ.बी.सी. कमीशन से प्राप्त ओ.बी.सी. के आंकड़ों को भी प्रभावित किया जा रहा है, ताकि पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव को हथियाया जा सके।

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