…प्रीतो समाज से लड़ जाती है और अपनी बेटी को बचा लेती है

शिमला के गेयटी में “पहाड़ पर धूप” में से ली गई कहानियां “प्रीतो नदी हो गई” व “रिहर्सल” का नाट्य मंचन

शिमला: शिमला के गेयटी में आज ड्रामाटिक सोसाइटी द्वारा आयोजित हिमाचल सांस्कृतिक शोध संस्थान व नाट्य रंगमंडल मण्डी हिमाचल प्रदेश द्वारा कहानियों का नाट्य मंचन किया गया। इस मंचन में हिमाचल प्रदेश के जाने-माने कहानीकार मुरारी शर्मा द्वारा लिखित कहानी संग्रह “पहाड़ पर धूप” में से ली गई कहानियां “प्रीतो नदी हो गई” व “रिहर्सल” को प्रस्तुत किया गया। “प्रीतो नदी हो गई” कहानी हिमाचल प्रदेश की एक लड़की प्रीतो की है जिसे करतारा जो पंजाब का है, उससे ब्याह दी जाती है। वह पंजाब में जाकर रच बस जाती है।जहां एक बेटी को जन्म देती है ससुराल में उससे बेटे की उम्मीद रखी जाती है। जहां बेटियां को कोख में ही खत्म कर दिया जाता है। लेकिन प्रीतो समाज से लड़ जाती है और अपनी बेटी को बचा लेती है। 

मण्ड्याली लोकगीतों का इस कहानी में समावेश किया गया है जो सोने पर सुहागे का काम करता है। यह संस्थान हिमाचल प्रदेश के लोक साहित्य व लोक विधाओं को बखूबी निभा रहा है, जिसका श्रेय कला से जुड़े इस संस्थान को जाता है, जिसने हिमाचल  को एक राष्ट्रीय पहचान  दिलाई  है। इस प्रस्तुति का निर्देशन विनोद राय द्वारा किया गया है।

 इसी के साथ “रिहर्सल” कहानी जो लोक कलाकारों के संघर्ष को बखूबी बयां करती है कि कैसे रंगकर्मी आज भी संघर्षशील हैं और लोग उन्हें पागल और सनकी समझते हैं। लेकिन अपनी कला के माध्यम से वे प्रथम स्थान ग्रहण करते हैं। यह दुनिया पागल है, कोई दौलत के लिए, कोई नाम के लिए,  कोई शांति के लिए क्योंकि दुनिया गोल है और सभी हर एक चीज के पीछे भाग रहा है। नाटक के पात्रों की मुख्य भूमिकाओं में konica ,suman ,अंकित, राज, शिवा, शंकर, सावनी, रियानिशांत, आमीर , दीपक, मयंक, रूपम, संदीप, शुभम सौरभ, गौतम,बंटी व अवनीश के अतिरिक्त संगीत में पूजा व प्रकाश व्यवस्था दीप कुमार द्वारा दी गई प्रस्तुति का संचालन सीमा शर्मा द्वारा किया गया।

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