- केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास
- देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति: मुकेश अग्निहोत्री
शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्यों, मुख्य संसदीय सचिवों, विधायकों, बोर्ड और निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने केन्द्र में भाजपा सरकार द्वारा केन्द्रीय जॉंच एजेंसियों के दुरूपयोग के खिलाफ आज राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि भारत के इतिहास में यह पहली घटना है कि किसी पदासीन मुख्यमंत्री के आवासों पर सी.बी.आई. और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा रेड की गई। यह रेड आयकर रिटर्न से जुड़े ऐसे मामलों में की गई, जिनसे सम्बन्धित सभी सूचनाएं और दस्तावेज सम्बन्धित अधिकारियों को पहले ही उपलब्ध करवा दिये गये थे।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आयकर रिटर्न के मामले पहले ही उच्च न्यायालय, विभिन्न आयकर विभाग की अपीलीय अथारिटीस में इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल और यहॉं तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी लम्बित हैं तथा यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है।
सी.बी.आई. ने विभिन्न अदालतों के निर्णयों का इंतजार न करते हुए, प्रारम्भिक जॉंच आरम्भ की और 23 सितंबर को प्राथमिकी दायर की। अगले दो दिनों के अन्दर एजेंसी द्वारा वीरभद्र सिंह के आवासों पर रेड की गई। न्यायालय के विचाराधीन मामला होने के बावजूद सी.बी.आई. का कृत्य इसकी कार्यप्रणाली में केन्द्रीय सरकार के दखल की बात साफ जाहिर करता है। जॉंच एजेंसियों का यह कार्य वीरभद्र सिंह को बदनाम करना और प्रदेश में कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश का खाका है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि भाजपा शासित विभिन्न प्रदेश और केन्द्र सरकार के कई वरिष्ठ नेता गम्भीर घोटालों में संलिप्त हैं। व्यापम, पी.डी.एस., माईनिंग स्कैम, चिक्की घोटाला, ललित गेट स्कैन्डल इसके स्पष्ट उदाहरण हैं। केन्द्रीय जॉंच एजेंसियां इन घोटालों की तरफ आंख मूंद कर खड़ी है तथा लोगों का ध्यान इन घोटालों से हटाने के लिए कांग्रेस सरकारों तथा कांग्रेस के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी गई है। लोकतंत्रीय व्यवस्था को तार-तार किया जा रहा है तथा चुन-चुन कर कांग्रेस की सरकारों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का रवैया तानाशाही है तथा मनमानी का राज जारी है ताकि अपने कृत्यों को ढका जा सके। ज्ञापन में राष्ट्रपति से गुहार की गई है कि राष्ट्र में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को पुर्नः स्थापित करने के लिए उपयुक्त कार्यवाही की जाए। इस अवसर पर मंत्रीमंडल के सदस्यों सहित 38 विधायक शामिल थे। इससे पूर्व उन्होंने हिमाचल कांग्रेस प्रभारी अम्बिका सोनी से भी मुलाकात की और इस विषय पर चर्चा की।