नई दिल्लीः कांग्रेस में गुटबाजी पर दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो पार्टी के नेतृत्व से असंतुष्ट हैं उन्हें सामने आकर अपनी बात रखनी चाहिए थी। उन्हें चिट्ठी लिखने की जरूरत नहीं थी. जब उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को चुनौती नहीं दी तो आखिर वो कहना क्या चाहते हैं इसको लेकर स्थिति साफ करनी चाहिए। मैं नहीं मानता कि जो अपनी बात रखना चाहते हैं उन्हें सोनिया गांधी या राहुल गांधी समय नहीं देते।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी अगर अध्यक्ष पद से हटना चाहती हैं तो राहुल गांधी को राजी करें या फिर प्रियंका गांधी को राजी करना चाहिए। वो पहले भी इस्तीफे की पेशकश कर चुकी हैं। नेहरू-गांधी परिवार ही कांग्रेस को जोड़े रखने की शक्ति है और पार्टी अध्यक्ष गांधी परिवार से ही होना चाहिए। मनमोहन सिंह की तरह अगर कोई पद किसी और को देना चाहें तो दिया जा सकता है। अगर कोई अध्यक्ष बनना चाहता है तो वो इसका चुनाव लड़ ले।
दिग्विजय सिंह ने साफ कहा कि जो राहुल गांधी के खिलाफ हैं उन्हें खुलकर सामने आना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि चिट्ठी लिखने के पीछे पार्टी के नेताओं का क्या मकसद रहा होगा। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी में सबकी बातें सुनी जाती हैं और चिट्ठी लिखने की बजाए पार्टी के नेताओं को सीडब्ल्यूसी के उपयुक्त मंच पर अपनी बात रखनी चाहिए थी। 2019 के चुनाव के बाद राहुल गांधी को सीडबल्यूसी भंग कर देनी चाहिए थी क्योंकि जिम्मेदारी सबकी थी।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, संघ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सभी चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी को खत्म कर दिया जाए और इसीलिए वो अक्सर इस तरह की कोशिशें करते रहते हैं लेकिन कांग्रेंस पार्टी का आधार बेहद मजबूत है और इसे वो हिला नहीं सकते।
राहुल गांधी वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 12 फरवरी को कोरोना के खतरे से देश को आगाह किया था और इसके लिए मैं उनका आभार मानता हूं। राहुल गांधी ने जो-जो शब्द कहे वो पूरी तरह सत्य रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है, ये सत्य हुआ। उन्होंने चीन के बारे में जो चेतावनी दी जिसपर ध्यान नहीं दिया गया लेकिन उसका अंजाम सबके सामने है। राहुल गांधी ने कोरोना के खतरे पर सरकार और देश को आगाह किया लेकिन सरकार ने नहीं सुनी।
दिग्विजय सिंह ने ये भी कहा कि राहुल गांधी ने शुरुआत से लेकर राफेल के मामले पर देश को सच्चाई बताने का प्रयास किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल सौदे में सारे नियम-कायदों को ताक पर रख दिया और इस मामले में देश के सामने सच आना चाहिए लेकिन सरकार ने पूरी कोशिश की जिससे ऐसा ना हो सके।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि कपिल सिब्बल ने जिस तरह से अदालत में जरूरत पड़ने पर कांग्रेस का पक्ष रखा और कई मामलों में कांग्रेस को मजबूती प्रदान की इसके लिए वो बधाई के पात्र हैं। पार्टी के प्रति उनके कमिटमेंट पर कोई शक नहीं है।
साभार: एबीपी न्यूज़