
हिमाचली टोपी की अपनी शान, अपने हों या हों मेहमान
हिमाचल प्रदेश अपने खूबसूरत सौंदर्य के लिए विश्व भर में विख्यात है। इतना ही नहीं

हिमाचली टोपी,से राजनेताओं की पहचान
अपनी प्राचीन वेश-भूषा, खान-पान संस्कृति, कलाकृतियों व भिन्न-भिन्न परम्पराओं से भी हिमाचल एक विशेष पहचान बनाए हुए है। हिमाचल की पहाड़ी टोपी का इतिहास काफी पुराना रहा है। पहले पहाड़ी टोपी को बुजुर्ग ही पहना करते थे। परन्तु अब युवाओं में भी पहाड़ी टोपी पहनने का काफी उत्साह देखा जा रहा है। पुरूष, महिलाएं और युवा वर्ग अक्सर अपने-अपने पसंदीदा टोपी पहने दिखाई देते हैं। हम आपको हिमाचल की टोपियों की महता के बारे में रूबरू करवाने जा रहे हैं। क्योंकि न केवल हिमाचली टोपी यहां के लोगों की शान बढ़ाती है बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी हिमाचली पहाड़ी टोपियों की अपनी एक विशेषता है। शादी-ब्याह, तीज-त्यौहारों व शुभ अवसरों के मौकों पर भी स्वागत स्वरूप पहाड़ी टोपी पहनाने का रिवाज काफी पुराना है जो आज भी कायम है। वहीं हिमाचल में देश या विदेश से आने वाले चाहे राजनेता हों या फिल्मी हस्तियां या कोई अन्य बड़ी हस्ती व विदेशी मेहमान ही क्यों न हों, सभी का स्वागत पहाड़ी टोपी पहनाकर किया जाता है। जिसे काफी सम्मानजनक समझा जाता है।
कुल्लू टोपी स्लेटी रंग के ऊनी कपड़े पर रंग बिरंगी सुनहरे रंग की वी व डब्लू जैसी डिजाइन वाली ऊन की कढ़ाई वाली होती है कुल्लू
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