जानें शिवरात्रि की पूजा विधान

महाशिवरात्रि: इस शुभ मुहूर्त करें भगवान शिव की पूजा..
महाशिवरात्रिहिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहरों में से एक है। इस दिन शिवालयों में शिवलिंग पर जल, दूध और बेल पत्र चढ़ाकर भक्त शिव शंकर को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से शिविलंग का अभिषेक या जल चढ़ाते हैं उन्हें महादेव की विशेष कृपा मिलती है। कहते हैं कि शिव इतने भोले हैं कि अगर कोई अनायास भी शिवलिंग की पूजा कर दे तो भी उसे शिव कृपा प्राप्त हो जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती

आचार्य महिंद्र कृष्ण शर्मा
है। इस वर्ष यह त्योहार 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताएं हैं कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए हिंदू धर्म में इस दिन को बेहद पवित्र माना गया है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा करने और व्रत रखने का अत्यंत महत्व है।
महाशिवरात्रि कब है? : इस वर्ष महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी 2023 रात 8:03 से शुरू होकर 19 फरवरी 2023 शाम 4:19 तक रहने वाला है।
यदि बात करें इस दिन के शुभ मुहूर्त की तो 18 फरवरी शाम 6:41 से रात 9:47 तक शुभ मुहूर्त रहेगा. इसके बाद 18 फरवरी को ही रात 9:47 से रात के 12:53 तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है।
अगले दिन 19 फरवरी रात 12:53 से 3:58 तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है।फिर 19 फरवरी को 3:58 से सुबह 7:06 तक शुभ मुहूर्त होगा. व्रत रखने वाले लोग 19 फरवरी 2023 सुबह 6:11 से 2:41 तक व्रत का पारण कर सकते हैं।

जानें शिवरात्रि की पूजा विधान
शिवरात्रि की पूजा विधि-
– शिव रात्रि के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करवाएं।
– उसके बाद भगवान शंकर को केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं।
– इस दिन पूरी रात दीपक जलाकर रखें।
– भगवान शंकर को चंदन का तिलक लगाएं।
– तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं। सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें।
– पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें।
पूजन सामग्री : महाशिवरात्रि के व्रत से एक दिन पहले ही पूजन सामग्री एकत्रित कर लें, जो इस प्रकार है: शमी के पत्ते, सुगंधित पुष्प, बेल पत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, कपूर, धूप, दीप, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, इत्र, रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्ठान, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, दक्षिणा, पूजा के बर्तन आदि।