हिमाचल: राज्य सभा सीट के लिए मतगणना 26 मार्च को

चुनाव विभाग ने दिए मतदान के दिन वाहनों के प्रयोग हेतु निर्देश….

  • मतदाताओं को मतदान केन्द्र ले जाने व वापिस लाने के लिए मुफ्त वाहन सुविधा प्रदान करने के लिए वाहनों को किराए पर लेना या प्रयोग करना भ्रष्ट कार्य माना जाएगा

शिमला: हिमाचल प्रदेश के चुनाव विभाग के एक प्रवक्ता ने आज बताया कि रिप्रेजेनटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 की धारा 123 (5) के तहत मतदान के दिन उम्मीदवार/उसका ऐजेंट या उम्मीदवार या उसके ऐजेंट की स्वीकृति सहित किसी अन्य व्यक्ति द्वारा मतदाताओं को मतदान केन्द्र ले जाने व वापिस लाने के लिए मुफ्त वाहन सुविधा प्रदान करने के लिए वाहनों को किराए पर लेना या प्रयोग करना भ्रष्ट कार्य माना जाएगा। चुनाव आयोग को रिपोर्ट किए गए या संज्ञान में लाए गए इस तरह के किसी भी मामले को धारा 133 के तहत निर्वाचन अपराध माना जाएगा, जिस पर 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्य रोकने के लिए भारतीय चुनाव आयोग ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए है। मतदान के दिन प्रत्येक उम्मीदवार संसदीय चुनाव क्षेत्र में शामिल प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक वाहन अपने, एक वाहन अपने चुनाव ऐजेंट तथा एक वाहन अपने कार्यकत्ता के लिए प्रयोग कर सकता है।

प्रवक्ता ने बताया कि उम्मीदवारों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले वाहनों के परमिट जिला न्यायाधीश/रिर्टनिंग अधिकारी द्वारा जारी किए जाएंगे। वाहनों के सामने शीशे पर परमिट दर्शाना अनिवार्य है। इन दिशा निर्देशों की अवहेलना करने वाले किसी भी वाहन को ज़ब्त किया जाएगा। जिला चुनाव अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए है कि वाहनों पर खर्च किए जाने वाली राशि को चुनाव क्षेत्र, जहां वाहन प्रयोग किया गया है, में पार्टी के प्रतियोगी उम्मीदवारों के चुनावी खर्च में अनुपात के अनुरूप वितरित किया जाए।

उन्होंने कहा कि चुनावी प्रचार के उद्देश्य के लिए विडियो वैन का प्रयोग करने की अनुमति केवल मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) स्तर पर ही दी जाएगी। सीईओ से विडियो वैन प्रयोग में लाने की अनुमति के इच्छुक उम्मीदवार/पार्टी को पहले मोटर व्हीकल एक्ट के तहत उचित प्राधिकरण से आवश्यक अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।

प्रवक्ता ने बताया कि रोड शो के दौरान आम लोगों की सुविधा के लिए रोड शो के आयोजन से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है। न्यायालय निर्देशों तथा स्थानीय कानूनों के अंतर्गत इन आयोजनों को केवल अवकाश के दिनों तथा व्यस्त समय के अलावा और बड़े अस्पतालों, ब्लड बैंकों, ट्रोमा केन्द्रों तथा भीड़-भाड़ वाले बाजारों के मार्गों से अलग मार्गों पर आयोजित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 की धारा 77 (1) के तहत सीईओ द्वारा स्टॉर प्रचारकों द्वारा सड़क मार्ग का प्रयोग करने के लिए सम्बन्धित व्यक्ति के नाम पर परमीट जारी किया जाएगा। यदि अनुमति प्राप्त वाहन का प्रयोग कोई अन्य व्यक्ति करता पाया जाता है तो वाहन का 50 प्रतिशत खर्चा चुनाव क्षेत्र से सम्बन्धित पार्टी उम्मीदवार के खर्च में शामिल किया जाएगा।

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