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मंत्रिमण्डल निर्णय: शिक्षकों की अनुबन्ध आधार पर होगी 2277 पदों पर भर्ती

शिमला: मंत्रिमण्डल ने प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों की विभिन्न श्रेणियों के 2277 रिक्त पदों को अनुबन्ध आधार पर भरने का निर्णय लिया। इन पदों में जेबीटी के 671 पद, टीजीटी के 835, शास्त्री के 375 तथा भाषा अध्यापकों के 396 पद शामिल हैं।

  • बैठक में राज्य में हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हैल्थकेयर) को लागू करने का निर्णय लिया गया। योजना के तहत परिवार फलोटर आधार पर प्रति परिवार (अधिक से अधिक पांच सदस्यों के लिए) प्रतिवर्ष प्रति परिवार पांच लाख रुपये की कैशलैस उपचार कवरेज प्रदान की जाएगी। उपचार सूचीबद्ध किए गए अस्पतालों में पूर्व परिभाषित पैकेज के आधार पर प्रदान किया जाएगा। आयुषमान भारत के तहत सूचीबद्ध अस्पताल स्वतः स्वास्थ्य देखभाल योजना के लिए भी सूचीबद्ध होंगे। योजना में राज्य के वह सभी परिवार शामिल होंगे जो आयुषमान भारत योजना के तहत शामिल नहीं हैं।
  • एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में मंत्रिमण्डल ने राज्य में गौवंश के संरक्षण व कल्याण के लिए हिमाचल प्रदेश गौसेवा आयोग की स्थापना करने को अपनी मंजूरी प्रदान की। आयोग गौवंश के कल्याण में लगे गौसदनों, गौशालाओं, गौ-अभ्यारणयों, गौ विज्ञान केन्द्रों तथा सामुदायिक पशु पालन केन्द्रों इत्यादि संस्थानों को नियंत्रित करेगा। आयोग बे-सहारा गायों से जुड़ी समस्याओं के समाधान में भी मद्दगार होगा।
  • मंत्रिमण्डल ने पट्टा नियमों के अनुसार पतजंलि योग पीठ को पट्टा राशि की स्वीकृति प्रदान की।
  • हिमाचल प्रदेश राज्य शहरी ठोस कचरा प्रबन्धन नीति को भी मंजूरी प्रदान की गई। नीति का उददेश्य कचरा प्रबन्धन गतिविधियों का इस ढंग से संचालन करना है जो न केवल पर्यावरण, सामाजिक तथा वित्तीय तौर पर टिकाऊ हो, बल्कि आर्थिक तौर पर भी व्यवहार्य हो।
  • सोलन जिला के नालागढ़ में एक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना तथा कुल्लू, बंजार, तीसा तथा शिलाई में आवश्यक पदों के सृजन तथा इन्हें भरने सहित चार सिविल कोर्ट की स्थापना का निर्णय लिया गया।
  • बैठक में सीधी भर्ती के माध्यम से नगर परिषदों के लिए कार्यकारी अधिकारियों के 10 पद तथा नगर पंचायतों के लिए सात पद भरने का निर्णय लिया गया। 
  • चम्बा जिले में महिला शक्ति केन्द्र योजना को कार्यान्वित करने की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना तथा सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में उनकी मदद करना है। इस योजना के कार्यान्यन के लिए महिला कल्याण अधिकारी का एक पद तथा जिला समन्वयक के दो पदों को भरने की भी स्वीकृति प्रदान की गई।
  • मंत्रिमण्डल ने पण्डित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चम्बा में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियमित आधार पर सीधी भर्ती से संकाय (सहायक प्रोफेसर) के 15 रिक्त पदों को भरने का भी निर्णय लिया।
  • मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश पेंशन एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 107 पदों को सृजित तथा अनुबन्ध आधार पर भरने को मंजूरी प्रदान की, जिनमें 3 पद सहायक अधीक्षक (जेल), 10 पद मुख्य वार्डर (पुरूष), 6 पद मुख्य वार्डर (महिला), पुरूष वार्डर के 75 पद, महिला वार्डर के 10 पद तथा 3 पद औषधवितरक (डिस्पेंसर) के शामिल हैं।
  • बैठक में मोटर वाहन नियम के उलंघन तथा राज्य राजकोष में और राजस्व सृजित करने के दृष्टिगत प्रदेश में अन्य राज्यों के वाहनों के प्रवेश पर लगने वाले संमिश्र शुल्क को बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
  • मंत्रिमण्डल ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में एक सूचना प्रौद्योगिकी सैल सृजित करने तथा प्रबन्धन सूचना प्रणाली का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से विभिन्न श्रेणियों के 6 पदों को सृजित करने व इन्हें अनुबन्ध आधार पर भरने को मंजूरी प्रदान की।
  • बैठक में मण्डी जिला के करसोग मण्डल के कोटलु में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के उपमण्डल को आवश्यक पदों के सृजन व भरने सहित खोलने को मंजूरी प्रदान की गई।
  • मंत्रिमण्डल ने धर्मशाला में जून, 2019 में प्रस्तावित हिमाचल प्रदेश वैश्विक निवेश महासम्मेलन में भारतीय उद्योग संघ को राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य सहभागी के तौर पर नामित करने को मंजूरी प्रदान की। यह भी निर्णय लिया गया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग की अध्यक्षता में एक उप-समिति गठित की जाए, जो भारतीय उद्योग संघ के साथ चर्चा करेगा और समझौता ज्ञापन को अन्तिम रूप देगा।
  • बैठक में कांगड़ा जिला के नूरपुर स्थित सरकारी भूमि को उपमण्डलीय कार्यालय (नागरिक) के पुराने भवन सहित न्यायिक परिसर निर्माण के लिए स्थानान्तरित करने को भी मंजूरी प्रदान की गई।
  • मंत्रिमण्डल ने सिरमौर जिला के राजकीय पॉलीटैक्निक कॉलेज धौलाकुंआ में ऑटोमोबाईल इंजीनियरिंग तथा इलैक्ट्रिक इंजीनियरिंग के दो पाठ्यक्रमों को शामिल करने तथा प्रत्येक में 60 सीटों सहित आवश्यक स्टॉफ के सृजन व भरने को मंजूरी प्रदान की।

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