शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला बहुचर्चित मासूम युग हत्याकांड के दोषियों पर सजा-ए-मौत के कन्फर्मेशन पर सुनवाई 9 अक्टूबर तक टल गई है। ऐसा सेशंस जज की ओर से रेफरेंस के तौर पर होने और सरकारी पक्ष के पास रिकॉर्ड न होने के चलते हुआ है। सेशंस कोर्ट ने युग हत्याकांड के तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। बीते 6 सितम्बर को दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए जस्टिस वीरेंद्र सिंह की कोर्ट ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी का करार दिया था। तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला के रामबाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था।
अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया। तीनों ने मासूम के गले में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था।